अहमदाबाद प्लेन क्रैश: जांच रिपोर्ट सामने आई, लेकिन कुछ सवाल अब भी अनसुलझे हैं – जानिए पूरा घटनाक्रम
अहमदाबाद विमान हादसा: एक महीना बीत गया, जांच रिपोर्ट आई लेकिन कई सवाल अब भी बाकी हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
12 जून को दोपहर करीब 1:39 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन यह उड़ान कुछ ही मिनटों में एक भयावह त्रासदी में बदल गई। विमान तकनीकी खामी के चलते 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद नियंत्रण खो बैठा और पास की एक मेडिकल हॉस्टल बिल्डिंग पर जा गिरा।
इस दर्दनाक हादसे में कुल 270 लोगों की जान चली गई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, 241 यात्री, क्रू मेंबर्स, और 29 स्थानीय निवासी शामिल थे। इस हादसे में सिर्फ एक यात्री, रमेश कुमार विश्वास, जीवित बचे।
जांच का जिम्मा: एएआईबी और अमेरिका की भागीदारी
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने इस भीषण दुर्घटना की जांच शुरू की। चूंकि विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित था, इसलिए अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) भी अलग से जांच कर रहा है।
दूसरे दिन फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और तीसरे दिन कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) बरामद कर लिए गए, जिनसे हादसे की असली वजहों का पता लगाने में मदद मिली।
क्या दिखाया ब्लैक बॉक्स ने?
ब्लैक बॉक्स डेटा के मुताबिक, विमान के दोनों इंजनों में अचानक ताकत (थ्रस्ट) खत्म हो गई थी।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फ्यूल सप्लाई कंट्रोल स्विच बंद कर दिए गए थे, जिससे इंजन बंद हो गए। ये वही स्विच होते हैं जिन्हें पायलट आमतौर पर इमरजेंसी में रीसेट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या यह पायलट की गलती थी, कोई तकनीकी खामी, या कोई और वजह?
इमरजेंसी संकेत और विंडमिल स्टार्ट प्रक्रिया
जांच में यह भी सामने आया कि क्रैश से पहले इमरजेंसी टरबाइन सिस्टम (RAT) एक्टिवेट हो चुका था – जो बताता है कि विमान के दोनों इंजन बंद हो गए थे।
बोइंग के मानकों के अनुसार, ऐसी स्थिति में पायलट को दोनों फ्यूल स्विच ऑन/ऑफ कर ‘विंडमिल स्टार्ट’ प्रक्रिया से इंजन को रीसेट करना होता है। लेकिन इतनी कम ऊंचाई पर यह प्रक्रिया लगभग असंभव मानी जाती है।
पायलट की ट्रेनिंग और अनुभव भी जांच के घेरे में
हादसे के समय विमान उड़ा रहे थे कैप्टन सुमित भररवाल (8200 घंटे का अनुभव) और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर (1100 घंटे)। दोनों के बैकग्राउंड की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं किसी मानवीय त्रुटि की वजह से तो हादसा नहीं हुआ।
अब तक क्या-क्या हुआ है?
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एयर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच DGCA द्वारा करवाई गई।
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सभी विमान सुरक्षित पाए गए हैं, यात्रियों से कहा गया है कि वे बेझिझक यात्रा कर सकते हैं।
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क्रैश की वजह पर अब भी अंतिम निष्कर्ष आना बाकी है।
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सीवीआर और एफडीआर की जांच अभी चल रही है।
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तीन महीने के भीतर विस्तृत रिपोर्ट आने की उम्मीद है।
12 जून: उस दोपहर की भयावह तस्वीर
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फ्लाइट AI 171 ने दोपहर 1:39 बजे उड़ान भरी।
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2:40 बजे, महज 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद तकनीकी खामी आई।
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पायलट ने तीन बार ‘Mayday’ कहा, लेकिन फिर संपर्क टूट गया।
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विमान एयरपोर्ट से करीब 2 किमी दूर एक हॉस्टल बिल्डिंग पर क्रैश हुआ।
हादसे में कौन-कौन थे सवार?
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कुल 242 यात्री,
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169 भारतीय,
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53 ब्रिटिश,
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7 पुर्तगाली,
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1 कनाडाई।
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इसके अलावा, 11 क्रू मेंबर्स।
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मृतकों में 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे, और 2 नवजात शामिल थे।
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29 लोग जमीन पर मारे गए, जिनमें मेडिकल कॉलेज के छात्र भी थे।
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शवों की पहचान डीएनए टेस्ट के बाद की गई।
फिलहाल क्या अनुत्तरित है?
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क्या फ्यूल स्विच बंद करना मानवीय गलती थी या सिस्टम फेलियर?
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टेक-ऑफ के बाद इतने जल्दी दोनों इंजन कैसे बंद हो सकते हैं?
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इतनी गंभीर स्थिति में भी पायलट विंडमिल स्टार्ट क्यों नहीं कर सके?
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क्या सुरक्षा मानकों में कोई चूक हुई?
निष्कर्ष: जांच जारी है, उम्मीद बाकी है
एक महीने बीत चुका है, लेकिन हादसे की वजह पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। शुरुआती जांच ने कुछ रोशनी जरूर डाली है, मगर अभी कई परतें खुलनी बाकी हैं।
भविष्य में ऐसी त्रासदियों को टालने के लिए यह जरूरी है कि हर पहलू की पारदर्शी जांच हो, और सुरक्षा मानकों को और मजबूत किया जाए।