आज पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेंगे तीन क्षुद्रग्रह: नासा ने दी जानकारी, कहा कोई खतरा नहीं
नासा (NASA) ने आज एक महत्वपूर्ण चेतावनी और जानकारी साझा की है कि रविवार के दिन पृथ्वी के निकट से तीन क्षुद्रग्रह (Asteroids) गुजरने वाले हैं। हालांकि, विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि इनसे पृथ्वी को किसी भी प्रकार का सीधा खतरा नहीं होगा। फिर भी वैज्ञानिक इन अंतरिक्षीय पिंडों पर नजर रख रहे हैं, ताकि भविष्य में उनके मार्ग और प्रभावों का सटीक अध्ययन किया जा सके।
कौन-कौन से क्षुद्रग्रह आज पृथ्वी के पास से गुजरेंगे?
नासा के मुताबिक, जिन तीन क्षुद्रग्रहों के गुजरने की संभावना जताई गई है, उनके नाम और आकार इस प्रकार हैं:
2025-OU12: इस क्षुद्रग्रह का अनुमानित व्यास 21 फीट है।
2025-OC6: इसका आकार करीब 26 फीट बताया गया है।
2025-OW3: सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह, जिसका व्यास 64 फीट है। यह लगभग एक मकान के बराबर चौड़ा है।
तीनों पिंड पृथ्वी के करीब से तो निकलेंगे, परंतु इनका टकराव की कक्षा में आने की कोई आशंका नहीं है। 2025-OW3 लगभग 2,95,000 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा, जो खगोलीय मानकों में अपेक्षाकृत सुरक्षित मानी जाती है।
वैज्ञानिकों की नजर में यह घटना क्यों महत्वपूर्ण?
क्षुद्रग्रहों के अध्ययन से वैज्ञानिकों को सौरमंडल की उत्पत्ति और विकास को समझने में मदद मिलती है। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के वैज्ञानिक बताते हैं कि पृथ्वी के नजदीक से गुजरने वाले पिंडों पर नजर रखना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ संभावित टकराव की चेतावनी मिलती है, बल्कि अंतरिक्ष में उनकी कक्षा, रचना और आकार का भी विस्तृत डेटा एकत्र किया जा सकता है।
नासा के मुताबिक, किसी भी क्षुद्रग्रह को “संकटजनक” घोषित करने के लिए दो प्रमुख मापदंड होते हैं:
1. वह पृथ्वी से लगभग 74 लाख किलोमीटर की दूरी के भीतर आए।
2. उसका व्यास कम से कम 85 मीटर या उससे अधिक हो।
आज जो क्षुद्रग्रह गुजर रहे हैं, वे इन मापदंडों में फिट नहीं होते। यही वजह है कि वैज्ञानिकों ने इसे सामान्य घटनाक्रम बताया है।
क्षुद्रग्रहों के नजदीक से गुजरने पर कैसा होता है प्रभाव?
भले ही इस बार कोई खतरा नहीं, लेकिन वैज्ञानिक इतिहास में कई उदाहरणों का उल्लेख करते हैं जब बड़े क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराए और जीवन के लिए विनाशकारी साबित हुए। उदाहरण के लिए, लगभग 6.6 करोड़ वर्ष पहले एक विशाल क्षुद्रग्रह ने डायनासोर समेत 75% जीवन का अंत कर दिया था।
हालांकि छोटे आकार के पिंड पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय जलकर नष्ट हो जाते हैं। लेकिन बड़े क्षुद्रग्रहों के लिए नासा और ESA जैसी एजेंसियों ने विशेष निगरानी कार्यक्रम चला रखे हैं।
भविष्य में संभावित रक्षा उपाय
नासा का DART मिशन इसका ताजा उदाहरण है, जिसमें एक अंतरिक्ष यान को जानबूझकर एक क्षुद्रग्रह से टकराया गया ताकि उसकी कक्षा में हल्का सा बदलाव आ सके। यह प्रयोग सफल रहा और साबित कर दिया कि मानव तकनीक भविष्य में किसी खतरनाक क्षुद्रग्रह को पृथ्वी से दूर कर सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस दिशा में तकनीकी नवाचार और वैश्विक सहयोग लगातार बढ़ते रहेंगे।
जनता में अनावश्यक भय न फैलाएं
पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें बार-बार वायरल होती रही हैं कि “विशाल क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकरा सकता है”, जबकि नासा या अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों ने बार-बार कहा है कि जब तक कोई पिंड उनकी “खतरनाक सूची” में नहीं आता, तब तक किसी तरह का डर फैलाना गैरजिम्मेदाराना है।
आज जिन तीन क्षुद्रग्रहों के बारे में अलर्ट जारी हुआ है, वह भी इसी श्रेणी में हैं—यानी खतरे से काफी दूर। यह पूरी तरह निगरानी और अध्ययन का विषय है।
निष्कर्ष
नासा के विशेषज्ञों की नजर हर क्षुद्रग्रह की कक्षा और गति पर है। इसीलिए वैज्ञानिकों ने भरोसा दिलाया है कि रविवार को गुजरने वाले इन तीन क्षुद्रग्रहों से पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं होगा। फिर भी, खगोल विज्ञान के छात्रों और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए यह अवसर है कि वे इन घटनाओं से जुड़ी जानकारी को नजदीक से देखें और सीखें कि हमारे सौरमंडल में कितनी अद्भुत और जटिल प्रक्रियाएं चल रही हैं।
अंतरिक्ष के अनगिनत रहस्यों में यह एक और अध्याय है, जो यह दिखाता है कि विज्ञान किस तरह हमारे जीवन की सुरक्षा में सतत प्रयासरत है।
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