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22 Jul 2025, Tue

इतिहास रचने से 33 रन दूर, फिर भी रुक गए मुल्डर – जानिए वजह

इतिहास रचने से 33 रन दूर, फिर भी रुक गए मुल्डर – जानिए वजह

इतिहास रचने से 33 रन दूर, फिर भी रुक गए मुल्डर – जानिए वजह

प्रस्तावना

क्रिकेट की दुनिया में कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं जो समय की कसौटी पर मौजूद रहते हैं। वेस्ट इंडीज के दिग्गज ब्रायन लारा का 400 रनों का टेस्ट रिकॉर्ड (2004, इंग्लैंड के खिलाफ) उन दुर्लभ रिकॉर्ड्स में से एक है, जिसे 21 साल बीत जाने के बाद भी कोई नहीं तोड़ पाया। इस रिकॉर्ड के पार जाने का एक सुनहरा मौका दक्षिण अफ्रीका के स्टैंड‑इन कप्तान वियान मुल्डर के हाथों था, लेकिन उन्होंने बड़े निर्णय के बीच रिकॉर्ड को नजरअंदाज़ कर दिया।


🔍 मुल्डर की अद्भुत पारी – आंकड़ों की भाषा

  • बुलावायो में जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन, मुल्डर ने 367 रन* बनाए — टेस्ट इतिहास में पांचवें सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोर पर पहुँचकर उनमें से एक बन गए reuters.com

  • इस पारी में उन्होंने 49 चौके व 4 छक्के जड़े, और यह पारी उनकी कप्तानी की पहली टेस्ट पारी भी थी reuters.com+1thetimes.co.uk+1

  • उन्होंने 297 गेंदों में ट्रिपल सेंचुरी बनाई — यह टेस्ट में दूसरी सबसे तेज ट्रिपल सेंचुरी थी (पहली थी वीरेंद्र सहवाग की 278‑बॉल पारी) thesun.co.uk

यह पारी टेस्ट इतिहास में मात्र लेगेंड्स — ब्रायन लारा (400*, 375), मैथ्यू हेयडन (380), महेला जयवर्धने (374) — के बाद पांचवें स्थान पर आती है theguardian.com+1en.wikipedia.org+1


🧭 पारी घोषित होने का समय – रणनीति या सम्मान?

मुल्डर का फैसला केवल रिकॉर्ड से पीछे हटना नहीं था, बल्कि ये टीम की रणनीति और खेल‑संस्कार को सर्वोपरि रखना था:

  • रणनीतिक दृष्टिकोण: दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 626‑5 था, विपक्ष (ज़िम्बाब्वे) को समय रहते जवाब देना आवश्यक था theguardian.com+3reuters.com+3thesun.co.uk+3

  • प्रतिस्पर्धा की भावना: मुल्डर ने स्पष्ट कहा कि कमजोर टीम के खिलाफ रिकॉर्ड बनाना उचित नहीं होता; उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहता कि ब्रायन लारा का रिकॉर्ड किसी ऐसी टीम के खिलाफ टूटे जो असली चुनौती नहीं दे रही”

  • नैतिक सम्मान: इस घोषणा ने उन्हें खेल‑भावना (sportsmanship) के प्रतीक बना दिया — जैसा कि मार्क टेलर ने 1998 में डॉन ब्रैडमैन के 334* के करीब पहुंचकर भी घोषणा की थी thedailystar.net+15thetimes.co.uk+15thesun.co.uk+15


📜 इतिहास में अन्य महान पारियां भी नेशनल गर्व की मिसाल

  • महेला जयवर्धने (Sri Lanka) ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 374 रन बनाए, जो टेस्ट मैच में चौथे नंबर की सबसे बड़ी पारी है en.wikipedia.org+8rediff.com+8espncricinfo.com+8

  • हालांकि वह ब्रायन लारा का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए, पर श्रीलंका के लिए यह रिकार्ड और टीम की रणनीति को महत्व देने का उदाहरण है। जयवर्धने के सहयोगी कुमार संगकारा के साथ 624 रन की साझेदारी बनी थी — जो अभी भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे बड़ी साझेदारी है


🌐 क्यों है यह महत्वपूर्ण?

  1. टेस्ट क्रिकेट की आत्म‑भावना
    पास पहुँचकर भी आत्म‑समर्पण के इस निर्णय ने दिखाया कि टेस्ट क्रिकेट सिर्फ व्यक्तिगत कीर्तिमान नहीं है। यह टीम होनी चाहिए, और टीम की जीत ही सर्वोपरि होनी चाहिए।

  2. आदर्श नेतृत्व
    यह एक नया उदाहरण है जहाँ कप्तान ने अपनी पारी की चमक को पीछे रखकर टीम की रणनीति पर भरोसा दिखाया, जिससे दक्षिण अफ्रीका को बाद में ज़िम्बाब्वे की बल्लेबाजी तेज़ी से दबा पाने में मदद मिली icc-cricket.com

  3. ऐतिहासिक तुलना
    लारा का 400* रिकॉर्ड — और उससे पहले हेयडन (380), लारा (375) जैसी पारियों — ने टेस्ट क्रिकेट में एक ऊँचा शिखर निर्धारित किया था। अब भी ये रिकॉर्ड बरकरार हैं। जयवर्धने (374) और मुल्डर (367*) जैसी पारियां इस चुनौती को जीवित रखने वाली हैं।


✍️ निष्कर्ष

वियान मुल्डर की 367 रनों की कप्तानी पारी सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं— बल्कि एक बहुत बड़ा खेल भावना (sportsmanship) का संदेश है। जिस समय वह 34‑33 रन पीछे थे, उन्होंने तत्कालीन टीम स्थिति को देखते हुए ऐसा फैसला लिया कि यह क्रिकेट इतिहास में दर्ज हो गया।

यह निर्णय हमें याद दिलाता है कि टेस्ट क्रिकेट में पराजित श्रीखण्ड से ज्यादा ऊँची होती है तभी वास्तविक जीत, जब कप्तान टीम को प्राथमिकता दें, न कि व्यक्तिगत कीर्तिमानों को।

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