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30 Oct 2025, Thu

एशिया कप में शोएब अख्तर और हरभजन सिंह की नोकझोंक: हाई वोल्टेज ड्रामा से रोमांचित हुए फैन्स

एशिया कप में शोएब अख्तर और हरभजन सिंह की नोकझोंक: हाई वोल्टेज ड्रामा से रोमांचित हुए फैन्स

एशिया कप 2010: हरभजन सिंह बनाम शोएब अख्तर – जब बल्ले ने दिखाई औकात और भारत ने रचा रोमांचक इतिहास

एशिया कप 2025 शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। 9 सितंबर से दुबई में इस टूर्नामेंट की शुरुआत होगी और फैंस की सबसे बड़ी नजर भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबले पर होगी। एशिया कप का इतिहास गवाह है कि जब भी ये दोनों टीमें आमने-सामने आई हैं, मुकाबला हाई वोल्टेज ड्रामा से भरा रहा है। दोनों देशों के खिलाड़ियों के बीच तनाव और मैदान पर भिड़ंत ने इन मैचों को और भी रोमांचक बना दिया।

ऐसे ही यादगार मुकाबलों में से एक है एशिया कप 2010 का भारत-पाकिस्तान मैच, जिसे आज भी क्रिकेट प्रेमी नहीं भूल पाते। इस मैच में हरभजन सिंह ने न सिर्फ बल्ले से कमाल दिखाया बल्कि पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को करारा जवाब देकर टीम इंडिया को रोमांचक जीत दिलाई थी।


दाम्बुला का हाई-वोल्टेज मुकाबला

19 जून 2010 को श्रीलंका के दाम्बुला में खेले गए इस मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। सलमान बट (74 रन, 9 चौके) और कामरान अकमल (51 रन, 2 चौके, 3 छक्के) ने शानदार पारियां खेलीं और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने नियमित अंतराल पर विकेट निकालकर पाकिस्तान को 49.3 ओवर में 267 रन पर ऑलआउट कर दिया।

भारत के सामने लक्ष्य था 268 रन का।


भारत की लड़खड़ाती शुरुआत

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। ओपनर वीरेंद्र सहवाग 47 के स्कोर पर आउट हो गए। इसके बाद विराट कोहली भी 82 रन के स्कोर पर चलते बने। मध्यक्रम में गौतम गंभीर और कप्तान एमएस धोनी ने टीम को संभालने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान के गेंदबाजों ने दबाव बनाए रखा।

जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, रोमांच चरम पर पहुंच गया। भारत को आखिरी 23 गेंदों में 36 रन चाहिए थे और क्रीज पर हरभजन सिंह मौजूद थे।


शोएब अख्तर बनाम हरभजन सिंह

47वें ओवर में पाकिस्तान ने अपने सबसे खतरनाक गेंदबाज शोएब अख्तर को गेंद थमाई। इसी ओवर में असली ड्रामा शुरू हुआ। हरभजन सिंह ने उनकी गेंद पर जोरदार छक्का लगाया और पूरा स्टेडियम “भज्जी-भज्जी” के नारों से गूंज उठा। इसके बाद सुरेश रैना ने भी अख्तर पर छक्का जड़ा।

यह नजारा शोएब अख्तर को बिल्कुल रास नहीं आया। वह गुस्से में हरभजन के पास जाकर कुछ कहते हुए भिड़ गए। दोनों खिलाड़ियों के बीच मैदान पर तीखी नोकझोंक हुई। लेकिन भज्जी पीछे हटने वालों में से नहीं थे। उन्होंने मुस्कुराते हुए अख्तर की अकड़ का जवाब अपने बल्ले से देने का फैसला किया।


आखिरी ओवर का रोमांच

अब भारत को जीत के लिए अंतिम ओवर में 7 रन चाहिए थे और गेंद थी युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर के हाथ में।

  • पहली गेंद पर रैना ने सिंगल लिया।

  • दूसरी गेंद पर रैना रन आउट होकर पवेलियन लौट गए।

  • तीसरी और चौथी गेंद पर प्रवीण कुमार ने 3 रन लेकर स्ट्राइक हरभजन को थमा दी।

अब समीकरण था—आखिरी दो गेंदों पर 3 रन।


भज्जी का विजयी छक्का

पांचवीं गेंद पर आमिर ने फुल लेंथ डिलीवरी फेंकी। हरभजन ने अपने पूरे आत्मविश्वास और ताकत के साथ शॉट खेला। गेंद सीधा स्टैंड्स में जाकर गिरी और भारत ने रोमांचक अंदाज में मैच जीत लिया।

हरभजन सिंह ने 11 गेंदों पर नाबाद 15 रन बनाए, जिसमें उनके दो छक्के शामिल थे। यह सिर्फ एक पारी नहीं थी, बल्कि भारत के लिए हौसले और जज्बे का प्रदर्शन थी।


मैच के बाद भी जारी रहा तनाव

मैच खत्म होने के बाद भी शोएब अख्तर का गुस्सा शांत नहीं हुआ। बाद में खुद अख्तर ने एक इंटरव्यू में बताया कि हार से नाराज होकर वह होटल में हरभजन से भिड़ने तक पहुंच गए थे। हालांकि टीम के साथी खिलाड़ियों ने मामला संभाल लिया।


क्यों यादगार है यह मैच?

भारत और पाकिस्तान के मुकाबले हमेशा फैंस की धड़कनें बढ़ा देते हैं। लेकिन एशिया कप 2010 का यह मैच खास इसलिए है क्योंकि इसमें सिर्फ बल्ला और गेंद ही नहीं बल्कि खिलाड़ियों के बीच की मानसिक लड़ाई भी दिखी। शोएब अख्तर की आक्रामकता के सामने हरभजन सिंह का आत्मविश्वास और विजयी छक्का आज भी भारतीय क्रिकेट की यादगार कहानियों में गिना जाता है।


नतीजा

एशिया कप का इतिहास भारत-पाकिस्तान मुकाबलों के बिना अधूरा है। 2010 का यह मैच उस बात का सबूत है कि जब दोनों टीमें मैदान पर उतरती हैं तो क्रिकेट से ज्यादा इमोशन्स हावी हो जाते हैं। एशिया कप 2025 में भी फैंस को इसी तरह के रोमांचक और हाई-वोल्टेज मुकाबले का इंतजार रहेगा।

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