ऑनलाइन डॉग खरीदना पड़ा भारी: देवघर की महिला से ठगे गए ₹40,000, जानिए पूरा मामला और कैसे बचें ऐसी ठगी से
देवघर (झारखंड):
ऑनलाइन खरीदारी का चलन जितना तेज़ी से बढ़ा है, उतनी ही तेजी से साइबर ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं। झारखंड के देवघर जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला से एक पालतू कुत्ते की ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर ₹40,000 की ठगी कर ली गई। ये घटना न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे जालसाज मासूम लोगों को अपनी बातों में फंसा कर आर्थिक नुकसान पहुँचा रहे हैं।
🐶 क्या है पूरा मामला?
देवघर जिले के कुंडा थाना क्षेत्र के ठाड़ी दुलमपुर गांव की रहने वाली मंजू देवी ने एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर एक पालतू कुत्ता (डॉग पपी) खरीदने का मन बनाया। परिवार की इच्छा को देखते हुए उन्होंने ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू की। उन्हें 23 जुलाई 2025 को डिलीवरी मिलने वाली थी।
इसी दिन एक अज्ञात व्यक्ति ने मंजू देवी को कॉल किया। उसने खुद को “डॉग डिलीवरी एजेंट” बताते हुए डिलीवरी फीस, सिक्योरिटी चार्ज और जरूरी दस्तावेज़ों के नाम पर भुगतान की मांग की। कॉल करने वाले ने यह भी कहा कि “अगर आप अभी भुगतान करती हैं तो स्पेशल ऑफर में तुरंत डिलीवरी मिल जाएगी।”
💸 कैसे हुई ठगी?
कॉलर की चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर मंजू देवी ने UPI QR कोड स्कैन कर चार बार में कुल ₹40,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन दिन भर इंतजार करने के बावजूद कोई डिलीवरी नहीं हुई। शाम को जब उन्होंने फिर से उसी नंबर पर कॉल किया, तो वह व्यक्ति दोबारा पैसे भेजने की मांग करने लगा।
उन्हें अब जाकर समझ आया कि वे ठगी की शिकार हो चुकी हैं। कॉलर अब बार-बार फोन कर रहा है, लेकिन मंजू देवी ने कॉल उठाना बंद कर दिया। इसके बाद वह अपने पति के साथ देवघर साइबर थाना पहुंचीं और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
🕵️♀️ पुलिस ने क्या कहा?
देवघर साइबर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि कॉल करने वाला व्यक्ति किसी साइबर गिरोह का हिस्सा हो सकता है जो लोगों को ऑनलाइन विज्ञापन के ज़रिए ठगता है।
यह कोई पहला मामला नहीं है। झारखंड में साइबर ठगों के खिलाफ अभियान चलाए जाने के बावजूद, ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, खासकर देवघर, जामताड़ा और गिरिडीह जैसे जिलों से।
🛡️ कैसे बचें ऐसे ऑनलाइन फ्रॉड से?
✅ केवल भरोसेमंद वेबसाइट्स या वेरिफाइड पेट स्टोर्स से ही खरीदारी करें।
✅ कोई भी UPI स्कैन कोड स्कैन करने से पहले सावधानी बरतें।
✅ अगर किसी अनजान व्यक्ति से कॉल आए और वह तुरंत भुगतान की मांग करे, तो सतर्क हो जाएं।
✅ कैश ऑन डिलीवरी (COD) का विकल्प चुनें।
✅ सोशल मीडिया या क्लासीफाइड वेबसाइट्स (OLX, Quikr) पर दिखने वाले सस्ते ऑफर से सावधान रहें।
📞 कहां करें शिकायत?
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नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल:
🔗 https://www.cybercrime.gov.in -
साइबर हेल्पलाइन नंबर:
📞 1930 (24×7 उपलब्ध) -
Cyber Dost (Ministry of Home Affairs) ट्विटर हैंडल:
🔗 https://twitter.com/Cyberdost
📌 क्या कहती है साइबर एक्सपर्ट रिपोर्ट?
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NCRB के 2024 आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर घंटे 17 से अधिक साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज किए जाते हैं।
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India Today की रिपोर्ट के मुताबिक, OLX जैसी वेबसाइट्स पर पालतू जानवरों की आड़ में ठगी आम हो चुकी है।
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RBI भी समय-समय पर UPI फ्रॉड अवेयरनेस गाइड जारी करता है।
✍️ निष्कर्ष:
देवघर की यह घटना एक चेतावनी है कि डिजिटल युग में हर सुविधा के साथ खतरा भी आता है। अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं—खासतौर पर महंगे या जीवित वस्तु जैसे पालतू जानवर—तो आपको अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
किसी भी अनजान लिंक या स्कैन कोड पर बिना जांच के पैसे भेजना साइबर ठगी का सीधा आमंत्रण है। जागरूक रहें, सतर्क रहें, और दूसरों को भी जानकारी दें।