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22 Jul 2025, Tue

ओलंपिक गोल्ड विजेता को मिलेगा 7 करोड़ रुपये: दिल्ली सरकार का बड़ा एलान, हरियाणा को भी छोड़ा पीछे

ओलंपिक गोल्ड विजेता को मिलेगा 7 करोड़ रुपये

ओलंपिक गोल्ड विजेता को मिलेगा 7 करोड़ रुपये: दिल्ली सरकार का बड़ा एलान, हरियाणा को भी छोड़ा पीछे

दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता को अब मिलेंगे ₹7 करोड़, हरियाणा को भी छोड़ा पीछे

नई दिल्ली – खेल जगत के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। दिल्ली सरकार ने ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि में भारी बढ़ोतरी करते हुए स्वर्ण पदक विजेताओं को ₹7 करोड़ देने का फैसला किया है। रजत पदक के लिए ₹5 करोड़ और कांस्य पदक के लिए ₹3 करोड़ की राशि तय की गई है।

इस फैसले के साथ ही दिल्ली ने हरियाणा को पीछे छोड़ते हुए देश में सबसे ज्यादा पुरस्कार राशि देने वाला राज्य बन गया है। यह घोषणा न केवल खिलाड़ियों को आर्थिक संबल देगी, बल्कि देशभर में खेलों को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी एक मजबूत पहल है।


🥇 पुरस्कार राशि का नया ढांचा (दिल्ली)

  • स्वर्ण पदक (Gold Medal) – ₹7 करोड़

  • रजत पदक (Silver Medal) – ₹5 करोड़

  • कांस्य पदक (Bronze Medal) – ₹3 करोड़

साथ ही खिलाड़ियों को कोचिंग, ट्रेनिंग, और अन्य जरूरी सुविधाओं में भी पूरी सहायता दी जाएगी।


🏅 हरियाणा बनाम दिल्ली: कौन आगे?

अब तक हरियाणा को खिलाड़ियों के सबसे बड़े संरक्षक राज्य के रूप में देखा जाता था। हरियाणा की मौजूदा नीति के अनुसार:

  • गोल्ड मेडल – ₹6 करोड़

  • सिल्वर मेडल – ₹4 करोड़

  • ब्रॉन्ज मेडल – ₹2.5 करोड़

दिल्ली ने इन मानकों को पार करते हुए भारत में सबसे ज्यादा पुरस्कार देने वाला राज्य बनकर खिलाड़ियों को बड़ी राहत दी है।

👉 हरियाणा स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट


🎯 मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का क्या कहना है?

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा:

“हमारे खिलाड़ी देश का नाम रोशन करते हैं। हम उन्हें हर संभव सहयोग देना चाहते हैं ताकि वे बिना किसी आर्थिक चिंता के सिर्फ अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकें।”

दिल्ली सरकार की इस नई नीति का उद्देश्य खेल प्रतिभाओं को गंभीरता से तैयार करना और वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़ाना है।


💬 खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया

दिल्ली सरकार की इस घोषणा से खिलाड़ियों में खुशी की लहर है। ओलंपिक पदक विजेताओं का कहना है कि जब सरकार साथ देती है तो खिलाड़ी और मेहनत करने को प्रेरित होते हैं।

टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई चानू ने भी कहा था:

“राज्य सरकारों का समर्थन बहुत मायने रखता है, ये खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में मदद करता है।”


🏟️ खेल नीति का व्यापक प्रभाव

केवल पुरस्कार राशि ही नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार ने खिलाड़ियों के लिए अन्य सुविधाएं भी बढ़ाने की योजना बनाई है, जैसे:

  • अत्याधुनिक खेल परिसर और अकादमियां

  • अंतरराष्ट्रीय कोच और ट्रेनिंग

  • युवा खिलाड़ियों की पहचान और ग्रूमिंग प्रोग्राम्स

  • स्कूलों और कॉलेजों में खेल आधारित छात्रवृत्ति

👉 Ministry of Youth Affairs & Sports – India


📊 क्या इससे पदकों की संख्या बढ़ेगी?

विशेषज्ञों का मानना है कि जब खिलाड़ी को वित्तीय सुरक्षा और संरचना मिलती है, तो वह अधिक आत्मविश्वास और समर्पण के साथ खेलता है। भारत जैसे विकासशील देश में ये पहल अत्यंत आवश्यक है।

कई विकसित देशों जैसे चीन, अमेरिका और रूस में पहले से ही खिलाड़ी को सरकारी स्तर पर व्यापक समर्थन मिलता है, जिसके परिणाम ओलंपिक पदकों में दिखते हैं।


🔍 दूसरे राज्यों पर भी असर संभव

दिल्ली की इस पहल से अब यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य राज्य भी अपनी पुरस्कार नीतियों पर पुनर्विचार करेंगे। पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में खेल बजट का आकार बढ़ सकता है।

एक राष्ट्रीय स्तर की स्पोर्ट्स इंसेंटिव पॉलिसी की भी मांग उठने लगी है ताकि पूरे देश में खिलाड़ियों को समान अवसर और समर्थन मिल सके।


📢 निष्कर्ष

दिल्ली सरकार का यह साहसिक कदम न केवल खिलाड़ियों के भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह कदम युवाओं को खेल को करियर के रूप में चुनने की प्रेरणा देगा और देश में एक सकारात्मक खेल संस्कृति को जन्म देगा।


खेलों से जुड़ी लेटेस्ट अपडेट्स, नीतियों और सुविधाओं की जानकारी के लिए Sports Authority of India (SAI) की वेबसाइट विज़िट करें।


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