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12 Sep 2025, Fri

कांग्रेस के ‘वोट चोरी’ कैंपेन में नज़र आए केके मेनन, एक्टर ने किया साफ इंकार – कहा, “यह वीडियो मेरी अनुमति के बिना एडिट किया गया”

कांग्रेस के 'वोट चोरी' कैंपेन में नज़र आए केके मेनन, एक्टर ने किया साफ इंकार – कहा, "यह वीडियो मेरी अनुमति के बिना एडिट किया गया"

कांग्रेस के ‘वोट चोरी’ कैंपेन में नज़र आए केके मेनन, एक्टर ने किया साफ इंकार – कहा, “यह वीडियो मेरी अनुमति के बिना एडिट किया गया”

नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025 — बॉलीवुड और वेब सीरीज़ की दुनिया के मशहूर अभिनेता केके मेनन हाल ही में एक राजनीतिक विवाद के केंद्र में आ गए हैं। कांग्रेस पार्टी द्वारा सोशल मीडिया पर जारी किए गए एक वीडियो में मेनन का लोकप्रिय किरदार “हिम्मत सिंह” (वेब सीरीज़ स्पेशल ऑप्स से) नज़र आया, जिसके बाद अभिनेता ने सार्वजनिक तौर पर इस विज्ञापन से अपना संबंध नकार दिया।

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

कांग्रेस के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल (@incindia) पर एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें केके मेनन का क्लोज़-अप शॉट और उनका डायलॉग दिखाया गया। कैप्शन में लिखा था:
“हिम्मत सिंह कुछ कह रहे हैं… जल्दी से कर आओ! कैंपेन से जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।”

यह वीडियो कांग्रेस के ‘वोट चोरी’ नामक अभियान का हिस्सा बताया गया, जिसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ियों और मतदाता सूची से नाम काटे जाने के मामलों को उजागर करना है। इस कैंपेन के तहत पार्टी ने लोगों से जुड़ने और शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।

केके मेनन की प्रतिक्रिया

वीडियो वायरल होने के कुछ ही घंटों के भीतर, केके मेनन ने इस पर नाराज़गी जताई और इंस्टाग्राम पर टिप्पणी करते हुए लिखा:

> “PLEASE LET IT BE NOTED THAT I HAVE NOT ACTED IN THIS AD. A CLIP FROM MY SPECIAL OPS PROMOTIONS HAS BEEN EDITED AND USED WITHOUT ANY PERMISSION.”
(कृपया यह नोट करें कि मैंने इस विज्ञापन में अभिनय नहीं किया है। मेरे स्पेशल ऑप्स प्रमोशन से एक क्लिप लेकर बिना अनुमति के एडिट कर इस्तेमाल किया गया है।)

 

मेनन ने स्पष्ट किया कि यह फुटेज मूल रूप से उनकी वेब सीरीज़ स्पेशल ऑप्स के प्रमोशन के दौरान शूट किया गया था, जिसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। उनके अनुसार, कांग्रेस ने इस क्लिप को एडिट करके अपने कैंपेन के लिए इस्तेमाल किया, जो कि उनकी अनुमति के बिना किया गया।

कांग्रेस का कैंपेन और उसका संदर्भ

कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ कैंपेन दरअसल स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ शुरू किया गया है। पार्टी का दावा है कि चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया से कई वैध मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जा रहे हैं, खासकर उन राज्यों में जहां चुनाव नज़दीक हैं।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह एक गंभीर मुद्दा है और इस पर लोगों को जागरूक करना बेहद ज़रूरी है। पार्टी इस अभियान के माध्यम से मतदाताओं से अपील कर रही है कि वे अपने नाम मतदाता सूची में चेक करें और किसी भी गड़बड़ी की रिपोर्ट करें।

सोशल मीडिया पर बहस

मेनन की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई।

कुछ यूज़र्स ने कांग्रेस पर “सेलिब्रिटी के इमेज का दुरुपयोग” करने का आरोप लगाया।

वहीं, कांग्रेस समर्थकों का तर्क है कि वीडियो में बस एक पॉपुलर कैरेक्टर का इस्तेमाल किया गया है और यह “फेयर यूज़” के तहत आ सकता है।

फिल्म और विज्ञापन इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि बिना लिखित अनुमति के किसी भी अभिनेता की फुटेज को राजनीतिक प्रचार में इस्तेमाल करना कॉपीराइट और पर्सनालिटी राइट्स का उल्लंघन हो सकता है।

कानूनी पहलू

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई राजनीतिक दल या संगठन किसी अभिनेता के पुराने फुटेज को उनकी अनुमति के बिना एडिट करके इस्तेमाल करता है, तो यह उनके पब्लिसिटी राइट्स और कॉपीराइट कानून का उल्लंघन है। ऐसे मामलों में अभिनेता कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं, जिसमें हर्जाने की मांग और वीडियो को हटाने का आदेश शामिल हो सकता है।

केके मेनन की छवि और करियर

केके मेनन अपने गहन अभिनय और दमदार संवाद अदायगी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ब्लैक फ्राइडे, शौर्य, गुलाल, और स्पेशल ऑप्स जैसी फिल्मों और वेब सीरीज़ में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उनका किरदार हिम्मत सिंह खास तौर पर दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ, जिसे अब कांग्रेस के कैंपेन में इस्तेमाल किया गया।

आगे क्या?

फिलहाल, कांग्रेस की ओर से इस विवाद पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, माना जा रहा है कि पार्टी को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है, खासकर जब मामला सोशल मीडिया पर ज़ोर पकड़ चुका है।

दूसरी ओर, केके मेनन के प्रशंसक उनके समर्थन में सामने आए हैं और कई लोग इस मामले को एक उदाहरण के रूप में देख रहे हैं कि कैसे डिजिटल युग में किसी भी कंटेंट को एडिट करके अलग संदर्भ में पेश किया जा सकता है।

निष्कर्ष:
केके मेनन का यह बयान एक बार फिर इस बहस को जन्म देता है कि सेलिब्रिटी कंटेंट का राजनीतिक उपयोग कब और कैसे किया जाना चाहिए। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कंटेंट के एडिट और री-यूज़ को लेकर सख्त कानून और पारदर्शी अनुमति प्रक्रियाएं आज के समय में बेहद ज़रूरी हो गई हैं।

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