तंदुरुस्ती के लिए रोज़ 10,000 कदम चलना ज़रूरी नहीं! रिसर्च में सामने आई सच्चाई – सिर्फ़ इतने स्टेप्स से रहें बीमारियों से दूर
क्या आप भी मानते हैं कि फिट रहने के लिए हर दिन 10,000 कदम चलना ज़रूरी है? अगर हां, तो अब समय है इस धारणा को नए नज़रिए से देखने का। लैंसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक ताज़ा वैश्विक अध्ययन में पाया गया है कि रोज़ाना 7,000 कदम चलना ही शरीर और दिमाग़ को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए काफ़ी हो सकता है।
यह रिसर्च बताती है कि सिर्फ़ सात हज़ार कदम चलकर भी कैंसर, डिमेंशिया, हृदय रोग और डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। इससे पहले 10,000 कदम की जो ‘थ्योरी’ मानी जाती थी, उसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं पाया गया है।
🔍 10,000 कदम की शुरुआत कहां से हुई?
इस ‘10,000 कदम’ वाली सोच की जड़ें 1960 के दशक के जापान में हैं। टोक्यो ओलंपिक 1964 के दौरान एक पेडोमीटर (कदम गिनने वाली डिवाइस) लॉन्च हुआ था, जिसका नाम था “Manpo-Kei”, जिसका अर्थ होता है – 10,000 कदम। यह एक मार्केटिंग कैम्पेन का हिस्सा था, न कि कोई वैज्ञानिक अनुशंसा।
समय के साथ यह आंकड़ा एक गाइडलाइन बन गया, जिसे कई फिटनेस ट्रैकर और ऐप्स ने भी अपना लिया। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसकी पुष्टि नहीं होती।
📊 क्या कहती है लैंसेट की रिसर्च?
इस अध्ययन में दुनिया भर के 1.6 लाख से अधिक लोगों की गतिविधियों और स्वास्थ्य आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। शोध में पाया गया कि जो लोग:
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रोज़ाना 2,000 कदम चलते हैं, उनकी तुलना में
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7,000 कदम चलने वालों में बीमारियों का जोखिम इस प्रकार कम हुआ:
बीमारी | जोखिम में कमी |
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हृदय रोग | 25% तक |
कैंसर | 6% तक |
डिमेंशिया | 38% तक |
डिप्रेशन | 22% तक |
👉 रिसर्चर्स ने यह भी पाया कि 7,000 कदम के बाद इन बीमारियों से बचाव का असर स्थिर हो जाता है, लेकिन हृदय स्वास्थ्य के लिए 7,000 से ज़्यादा कदम चलना और भी फायदेमंद हो सकता है।
🧠 क्यों जरूरी है यह जानकारी?
डॉ. मेलोडी डिंग, जो इस रिसर्च की प्रमुख लेखिका हैं, कहती हैं:
“हमारे समाज में यह आम धारणा है कि तंदुरुस्ती के लिए 10,000 कदम ज़रूरी हैं, लेकिन इसके पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। 7,000 कदम का लक्ष्य अधिक यथार्थवादी और प्रभावी है।”
उनका मानना है कि यह आंकड़ा आम लोगों के लिए व्यवहार में लाना आसान है और यही इसकी खासियत है।
🏃♀️ क्या WHO की गाइडलाइन अलग है?
जी हां। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का सुझाव है कि वयस्कों को हर सप्ताह कम से कम:
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150 मिनट की मध्यम स्तर की गतिविधि (जैसे तेज़ चलना), या
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75 मिनट की ज़्यादा तीव्र गतिविधि (जैसे दौड़ना)
करनी चाहिए। हालांकि ये गाइडलाइंस कदमों की गिनती पर नहीं, बल्कि समय और मेहनत पर आधारित होती हैं।
🔗 संबंधित आधिकारिक गाइडलाइंस पढ़ने के लिए:
WHO Physical Activity Guidelines
🩺 विशेषज्ञों की राय
डॉ. डैनियल बेली (ब्रूनेल यूनिवर्सिटी, लंदन) का मानना है कि यह स्टडी उस मिथक को तोड़ती है कि हर दिन 10,000 कदम चलना ही जरूरी है।
वहीं डॉ. एंड्रयू स्कॉट (यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ) का कहना है:
“ज्यादा चलना हमेशा अच्छा है, लेकिन किसी एक आंकड़े को लेकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं। ख़ासकर उन दिनों में जब हमारी फिजिकल एक्टिविटी कम हो।”
📌 मुख्य बातें – संक्षेप में:
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10,000 कदम चलना एक मार्केटिंग मुहिम से निकला आंकड़ा है, न कि वैज्ञानिक गाइडलाइन।
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लैंसेट की रिसर्च के अनुसार, रोज़ाना 7,000 कदम चलने से ही गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।
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वयस्कों को हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए (WHO)।
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फिजिकल एक्टिविटी की मात्रा से ज्यादा ज़रूरी है उसकी नियमितता और स्थिरता।
📣 निष्कर्ष:
अब समय आ गया है कि फिटनेस को लेकर हमारी सोच भी लचीली और वैज्ञानिक हो। 10,000 कदम जरूरी नहीं, लेकिन निष्क्रियता खतरनाक है। अगर आप हर दिन 4,000 से 7,000 कदम चलते हैं, तो भी आप अपनी सेहत के लिए बहुत बड़ा काम कर रहे हैं।
तो अगली बार जब आप अपने फिटनेस ट्रैकर की तरफ देखें, तो संख्या से ज्यादा अपनी निरंतरता पर ध्यान दें।