छांगुर बाबा कांड पर बबीता चौहान का तीखा बयान – ‘यह पाखंड नहीं, अपराध है
अवैध धर्मांतरण के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उठी सख्त सजा की मांग, महिलाओं से की गई जागरूक होने की अपील
उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के एक गंभीर मामले ने राज्य ही नहीं, पूरे देश की संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को लेकर समाज और प्रशासन दोनों में आक्रोश है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ने इस मामले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि बेटियों की अस्मिता और संस्कृति पर हमला है।
संगठित अपराध की पोल खोलती ‘रेट लिस्ट’
यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए छांगुर बाबा पर आरोप है कि वह एक संगठित धर्मांतरण गिरोह का हिस्सा था। जांच में यह बात सामने आई है कि वह ‘रेट लिस्ट’ बनाकर लड़कियों के धर्मांतरण के लिए रकम तय करता था। इस सूची में यह तय होता था कि किस समुदाय की लड़की के धर्म परिवर्तन पर कितनी ‘राशि’ दी जाएगी।
यह न केवल एक गंभीर आपराधिक साजिश है, बल्कि यह महिला अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक संतुलन के खिलाफ सीधा हमला है। राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यह नेटवर्क देश के कई हिस्सों में फैला हुआ है।
बबिता चौहान का तीखा हमला – बेटियां कोई टेस्ट केस नहीं
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ने इस घटना पर गहरी नाराज़गी जताते हुए कहा कि,
“बेटियों को लालच, धोखे और भावनात्मक जाल में फंसाकर उनके धर्म को बदला जा रहा है। यह सब एक सोची-समझी योजना के तहत हो रहा है। हमारी बेटियां कोई सामाजिक प्रयोग नहीं हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसे अपराधियों को सिर्फ गिरफ्तार किया गया और फिर प्रक्रिया में छूट दे दी गई, तो यह मानसिकता और बढ़ेगी।
उनका स्पष्ट संदेश था कि अदालत को ऐसे अपराधियों को सार्वजनिक रूप से उदाहरण बनाने के लिए फांसी की सजा देनी चाहिए।
योगी सरकार के सख्त रुख की सराहना
बबिता चौहान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बनाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को “साहसिक और समयानुकूल कदम” बताया। उन्होंने कहा,
“सरकार ने सख्त कानून बनाकर अपना काम कर दिया है, दोषियों को गिरफ्तार भी किया जा रहा है। अब बारी समाज की है कि वह एकजुट होकर इस बीमारी के खिलाफ खड़ा हो।”
उन्होंने चेताया कि यदि समाज अभी भी चुप रहा, तो यह मानसिकता धीरे-धीरे पूरे देश में फैल सकती है।
महिलाएं चुप न रहें – आवाज उठाएं
बबिता चौहान ने महिलाओं से खास अपील की कि वे इन मामलों में चुप न रहें।
उनका कहना था,
“अगर आज हम चुप रहे, तो आने वाली पीढ़ियों की पहचान मिट जाएगी। माताएं, बहनें और बेटियां इस लड़ाई में अपनी भूमिका निभाएं। छांगुर जैसे लोगों के खिलाफ बोलें, शिकायत करें और अपने आसपास के समाज को जागरूक करें।”
उन्होंने कहा कि बदलाव तब आता है जब महिलाएं एकजुट होती हैं और डर की बजाय हिम्मत से लड़ाई लड़ती हैं।
क्या है छांगुर बाबा का मामला?
छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन, एक कथित बाबा के रूप में समाज में छिपा बैठा था, लेकिन पर्दे के पीछे उसका मकसद अलग था।
यूपी एटीएस ने उसे 50 हजार रुपये के इनामी अपराधी के रूप में गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि वह लड़कियों को निशाना बनाकर, प्यार और शादी का झांसा देकर उनका धर्म परिवर्तन कराता था।
धर्मांतरण की इस साजिश के जरिए वह एक व्यापक नेटवर्क का संचालन कर रहा था। यह मामला न केवल लव जिहाद, बल्कि मानव तस्करी, मानसिक शोषण और महिला अधिकारों के उल्लंघन से भी जुड़ा हुआ है।
न्याय प्रणाली की अगली परीक्षा
अब यह मामला भारतीय न्याय प्रणाली की भी परीक्षा बन गया है। क्या ऐसी साजिशें रचने वालों को कड़ी सजा मिल पाएगी? क्या कोर्ट ऐसे मामलों में समाज को संदेश देने के लिए फांसी जैसी सजा सुनाएगा?
बबिता चौहान और तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग यही है कि इस अपराध को सिर्फ एक मामूली केस समझकर नहीं निपटाया जाए, बल्कि इसे एक राष्ट्रीय खतरे के रूप में देखा जाए।
निष्कर्ष: अब चुप्पी नहीं, कार्रवाई चाहिए
छांगुर बाबा का मामला यह साफ करता है कि अंधविश्वास, प्रलोभन और संगठित अपराध के ज़रिए किस तरह समाज की कमजोर कड़ी — बेटियों को निशाना बनाया जा रहा है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान का बयान समाज के लिए चेतावनी है:
अगर अब नहीं जागे, तो बहुत देर हो जाएगी।