जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति से मिले हरिवंश, राजनीतिक हलचल तेज
हरिवंश नारायण सिंह की राष्ट्रपति से मुलाकात: क्या बन सकते हैं अगले उपराष्ट्रपति?
Harivansh Called On President: देश की राजनीति में उस वक्त अचानक हलचल तेज हो गई जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके एक दिन बाद मंगलवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस मुलाकात ने राजनीतिक अटकलों को और हवा दे दी है कि क्या हरिवंश देश के अगले उपराष्ट्रपति हो सकते हैं?
धनखड़ का इस्तीफा और सरकार की अधिसूचना
सोमवार रात को 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को त्यागपत्र भेजा। उनके पत्र में लिखा गया:
“स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”
धनखड़ अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति बने थे और उनका कार्यकाल 2027 तक था। लेकिन संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन उनका इस्तीफा आना, कई सवालों को जन्म देता है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को उनके इस्तीफे को अधिसूचित कर दिया।
📘 जानिए अनुच्छेद 67(A) क्या है?
India Code: Article 67 – Term of Office of Vice President (PDF)
राष्ट्रपति भवन पहुंचे हरिवंश
धनखड़ के इस्तीफे के अगले ही दिन राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, मंगलवार को राष्ट्रपति भवन पहुँचे। यह मुलाकात एक सामान्य शिष्टाचार भेंट हो सकती है, लेकिन इसके समय ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।
हरिवंश नारायण सिंह ने उसी दिन राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता भी की और सदन को बताया कि उपराष्ट्रपति पद की चयन प्रक्रिया से संबंधित जानकारी मिलने पर वह उसे साझा करेंगे।
हरिवंश हो सकते हैं अगला उपराष्ट्रपति?
सोशल मीडिया पर यूज़र्स और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच यह चर्चा तेज़ है कि हरिवंश को अगला उपराष्ट्रपति नियुक्त किया जा सकता है।
हरिवंश एक वरिष्ठ पत्रकार और जनता दल (यूनाइटेड) से राज्यसभा सांसद हैं। वे दो बार राज्यसभा के उपसभापति चुने जा चुके हैं और उन्होंने संसद में निष्पक्ष भूमिका निभाई है। उनकी साख और राजनीतिक अनुभव उन्हें इस संवैधानिक पद के लिए एक संभावित उम्मीदवार बनाते हैं।
📰 हरिवंश नारायण सिंह का प्रोफाइल जानें:
राज्यसभा – प्रोफाइल पेज
उपराष्ट्रपति पद की भूमिका और महत्व
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है और संविधान के अनुसार, उसकी भूमिका राष्ट्र के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद की होती है। जब भी उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होता है, तो नए चुनाव तक किसी अंतरिम व्यवस्था के तहत उपसभापति या वरिष्ठतम सदस्य कार्य संभाल सकते हैं।
📚 उपराष्ट्रपति का कार्य और शक्तियां पढ़ें:
भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर विवरण
विपक्ष की प्रतिक्रिया और राजनीतिक संभावनाएं
अब तक विपक्ष की ओर से इस घटनाक्रम पर कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी सरकार आने वाले आम चुनावों से पहले राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश कर सकती है। हरिवंश का नाम इस लिहाज से भी उपयुक्त लगता है क्योंकि वे बिहार से आते हैं और विपक्ष व सत्ता पक्ष दोनों में सम्मानित हैं।
निष्कर्ष
धनखड़ का अचानक इस्तीफा और हरिवंश की राष्ट्रपति से भेंट – यह दोनों घटनाएं राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हालांकि अभी तक किसी नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि अगले कुछ दिनों में इस पर स्थिति और स्पष्ट होगी।
राजनीतिक विश्लेषकों की नजर इस पर टिकी हुई है कि क्या हरिवंश नारायण सिंह ही देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे या सरकार किसी और नाम पर विचार कर रही है।
💬 आपकी राय: क्या हरिवंश उपराष्ट्रपति के लिए उपयुक्त उम्मीदवार हैं? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताएं।
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