भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश के करोड़ों जनधन खाताधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल का ऐलान किया है। रिज़र्व बैंक के गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए खातों को अद्यतन करने और उनके केवाईसी (KYC) यानी ‘अपने ग्राहक को जानो’ प्रक्रिया को फिर से पूरा कराने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत देश के पंचायत स्तर तक गांव-गांव विशेष कैंप लगाए जाएंगे, ताकि खाताधारक आसानी से अपनी पहचान और जरूरी दस्तावेजों का नवीनीकरण करा सकें।
यह कैंप 30 सितंबर 2025 तक आयोजित किए जाएंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जनधन खातों में किसी तरह की असुविधा न हो और सभी खाते समय पर अपडेट हों। RBI के अनुसार, जुलाई से ही इस अभियान की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रत्येक ग्राम पंचायत में कैंप लगाकर लोगों को सुविधा मुहैया कराएं। इसके जरिए वित्तीय सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
क्या है दोबारा KYC की आवश्यकता?
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत लाखों ग्रामीण और शहरी गरीब परिवारों ने बैंक में पहली बार खाता खुलवाया था। हालांकि, इन खातों के दस्तावेज अक्सर सीमित या अस्थायी प्रमाणों के आधार पर दर्ज किए गए थे। कई मामलों में आधार कार्ड या अन्य पहचान दस्तावेज बाद में अपडेट हुए। RBI ने बताया कि समय-समय पर खातों का केवाईसी अपडेट करना जरूरी है, ताकि धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।
इसके अलावा, अगर खाते में लगातार लेन-देन न हो या केवाईसी अपडेट न हो, तो बैंक खाता अस्थायी रूप से अवरुद्ध भी कर सकता है। इसलिए दोबारा केवाईसी करना सभी खाताधारकों के हित में है।
पंचायत स्तर पर लगेंगे शिविर
गवर्नर मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ बैंकों की शाखाओं तक सीमित नहीं रहेगा। गांवों में ही पंचायत भवन, सामुदायिक केंद्र या स्कूलों में शिविर लगाए जाएंगे, ताकि वृद्ध, महिलाएं और दूर-दराज के लोग आसानी से अपनी पहचान अपडेट करा सकें। इन कैंपों में बैंक प्रतिनिधि और बैंक मित्र मौजूद रहेंगे जो फॉर्म भरने और दस्तावेज जमा कराने में सहायता करेंगे।
कौन से दस्तावेज जरूरी होंगे?
खाताधारकों को कैंप में अपने साथ निम्नलिखित दस्तावेज लाने होंगे:
आधार कार्ड या वैध पहचान पत्र (वोटर आईडी, पासपोर्ट आदि)
पते का प्रमाण (राशन कार्ड, बिजली बिल, या आधार कार्ड)
पासपोर्ट साइज फोटो (हालिया)
बैंक पासबुक या जनधन खाते की जानकारी
किसी दस्तावेज में त्रुटि होने या नया पता होने पर भी उसे अपडेट कराया जा सकेगा।
वित्तीय समावेशन को नई गति
यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को और मजबूती देगी। प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी। इसके तहत अब तक 50 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोले जा चुके हैं। RBI के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इन खातों में करीब 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा है। इनमें बड़ी संख्या में खाताधारक ग्रामीण और गरीब तबके से हैं, जिनके लिए बैंकिंग सेवाओं की पहुंच आसान नहीं थी।
गांव-गांव कैंप लगाकर अब केवाईसी के काम को आसान बनाने से खाताधारकों को बैंक शाखा में लंबी कतारें नहीं लगानी होंगी। इसके अलावा, भविष्य में सरकारी योजनाओं का पैसा या सब्सिडी इन्हीं खातों में आती रहेगी।
RBI का संदेश
RBI ने सभी खाताधारकों से अपील की है कि वे 30 सितंबर की समयसीमा से पहले अपने नजदीकी कैंप में जाकर अपना केवाईसी अवश्य अपडेट करा लें। इससे खाते सक्रिय बने रहेंगे और किसी भी लेन-देन में बाधा नहीं आएगी। बैंक कर्मी भी हर गांव में प्रचार अभियान चलाएंगे और माइकिंग तथा पर्चों के जरिए लोगों को जागरूक करेंगे।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री जनधन योजना ने गरीब परिवारों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़कर आर्थिक मुख्यधारा में लाने का काम किया है। अब इस तरह के दोबारा केवाईसी अभियान से खाताधारकों को भरोसा मिलेगा कि उनकी जानकारी सुरक्षित और अद्यतन है। यह पहल डिजिटल और समावेशी भारत की दिशा में एक और ठोस कदम मानी जा रही है।
यदि आप भी जनधन खाताधारक हैं, तो अपने दस्तावेज तैयार रखें और जल्द से जल्द केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें, ताकि सरकार की सभी वित्तीय योजनाओं का लाभ आपके खाते में समय पर पहुंचता रहे।
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