बाघमुंडा जलप्रपात: झारखंड का छुपा खजाना, अब बनेगा और भी आकर्षक – कैफेटेरिया, सेल्फी जोन और वॉच टावर जल्द
झारखंड राज्य प्राकृतिक सौंदर्य और घने जंगलों से भरपूर है, लेकिन कई पर्यटन स्थल अब भी लोगों की नजरों से दूर हैं। गुमला जिले के बसिया प्रखंड में स्थित बाघमुंडा जलप्रपात (Baghmunda Waterfall) ऐसा ही एक स्थल है, जो अब राज्य सरकार के पर्यटन विभाग की विशेष योजनाओं के अंतर्गत तेजी से विकसित किया जा रहा है।
🏞️ प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय नमूना
बाघमुंडा जलप्रपात दक्षिण कोयल नदी के बहाव से बना हुआ एक अत्यंत सुंदर और मनोहारी झरना है। यह जलप्रपात घने जंगलों, ऊँचे पहाड़ों और चट्टानों के बीच स्थित है। जब दक्षिण कोयल नदी की जलधारा पत्थरों के विशाल ढेर से टकराती है, तो उसकी मधुर आवाज कानों को सुकून देती है और दृश्य दिल को सुकून।
यह नदी तीन दिशाओं में बहती है और सात धाराओं में बंट जाती है, जिससे यह दृश्य और भी रोमांचक बन जाता है। यहां का वातावरण एकदम शांत, ठंडा और नयनाभिराम होता है, जिससे यह जगह साल भर पिकनिक स्पॉट और नेचर ट्रेल के रूप में लोकप्रिय बनी रहती है।
🏗️ अब मिलेगा नया रूप – कैफेटेरिया, वॉच टावर और सेल्फी जोन
पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या और उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए गुमला पर्यटन विभाग ने बाघमुंडा जलप्रपात के सौंदर्यीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस योजना बनाई है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित सुविधाओं को शामिल किया गया है:
-
✅ कैफेटेरिया का निर्माण: अब पर्यटक यहां आकर गर्म चाय, स्नैक्स और लोकल फूड का आनंद भी ले सकेंगे। इसके लिए भूमि चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
-
✅ सेल्फी जोन: युवाओं को ध्यान में रखते हुए सेल्फी प्वाइंट विकसित किए जाएंगे, जहां से झरने की पृष्ठभूमि में अद्भुत तस्वीरें ली जा सकेंगी।
-
✅ वॉच टावर: एक ऊंचा वॉच टावर बनाया जाएगा, जिससे पर्यटक पूरे जलप्रपात और आसपास के जंगलों का विहंगम दृश्य देख सकें।
-
✅ पार्किंग सुविधा: सुरक्षित और समुचित पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटकों को असुविधा न हो।
पर्यटन विशेषज्ञ शुभम सिंह ने बताया कि बरसात के बाद विकास कार्य शुरू किए जाएंगे। चूंकि यह स्थल गुमला के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, इसलिए यहां के विकास पर टूरिज्म विभाग की विशेष नजर बनी हुई है।
🕉️ धार्मिक महत्व भी कम नहीं
बाघमुंडा जलप्रपात केवल एक प्राकृतिक स्थल ही नहीं, बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है। इसके प्रवेश द्वार पर एक प्राचीन शिव मंदिर स्थित है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र है। रास्ते में महादेव कोना और समीप स्थित धनसिंह टोला जलाशय को जोड़ दिया जाए, तो यह क्षेत्र एक “गोल्डन ट्रायंगल” के रूप में विकसित हो सकता है। इससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
📜 ‘बाघमुंडा’ नाम की कहानी
यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि झरने के बीच एक विशाल पत्थर है, जिसका आकार एक बाघ के सिर जैसा दिखता है। जब जलधारा इस पत्थर से टकराकर गिरती है, तो वह दृश्य अनोखा होता है। यही से इसका नाम बाघमुंडा जलप्रपात पड़ा।
🌿 पर्यावरण के साथ सामंजस्य
यहां की जलवायु, जैव विविधता और हरियाली इसे एक ईको-फ्रेंडली पर्यटन स्थल बनाते हैं। टूरिज्म विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि जो भी निर्माण कार्य हो, वह प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना किया जाए।
📍 कैसे पहुंचे बाघमुंडा जलप्रपात?
बाघमुंडा जलप्रपात झारखंड के गुमला जिले के बसिया प्रखंड में स्थित है। गुमला शहर से इसकी दूरी लगभग 35-40 किलोमीटर है और सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन रांची या लोहरदगा है, जहाँ से टैक्सी या लोकल बस की सुविधा मिलती है।
🔗 झारखंड पर्यटन की वेबसाइट पर अधिक जानकारी पाएं:
https://tourism.jharkhand.gov.in
✍️ निष्कर्ष
बाघमुंडा जलप्रपात न केवल एक सुंदर प्राकृतिक स्थल है, बल्कि अब यह आधुनिक सुविधाओं से लैस होकर एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनने की दिशा में अग्रसर है। अगर आप झारखंड घूमने की योजना बना रहे हैं, तो बाघमुंडा को अपनी लिस्ट में ज़रूर शामिल करें।