झारखंड में मॉनसून अब विदाई की ओर है, लेकिन जाते-जाते भी यह राज्य को अच्छी बारिश देकर जा रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, झारखंड से मॉनसून की वापसी अगले 2 से 3 दिनों में तय मानी जा रही है, यानी 12 से 14 अक्टूबर के बीच राज्य से मानसून पूरी तरह लौट सकता है। इस बीच, 10 अक्टूबर तक झारखंड के कई इलाकों में वज्रपात और हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है।
🌦️ मॉनसून की विदाई से पहले एक बार फिर बरसे बादल
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक अभिषेक आनंद ने बताया कि वर्तमान मौसम परिस्थिति मॉनसून की वापसी के अनुकूल है। हालांकि, इसके पहले राज्य के कुछ जिलों — धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, सिंहभूम, रांची, खूंटी, गुमला, हजारीबाग, रामगढ़ और सिमडेगा — में दोपहर बाद वज्रपात (thunderstorm) और हल्की बारिश की संभावना है। फिलहाल किसी भी जिले के लिए विशेष अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
🌧️ अक्टूबर में अब तक 99% अधिक बारिश
इस साल अक्टूबर की शुरुआत में झारखंड में 99 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
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सामान्यतः 1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक झारखंड में 33.3 मिमी बारिश होती है,
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लेकिन इस बार राज्य में 66.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
रांची में इस अवधि में 38.3 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 38% अधिक है।
हालांकि, साहेबगंज (58%), गोड्डा (18%), और सिमडेगा (49%) में अब भी सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है।
🌡️ रांची में तापमान में आई गिरावट
रांची के मौसम में भी धीरे-धीरे बदलाव दिखने लगा है।
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बुधवार को रांची का अधिकतम तापमान 29.9°C दर्ज किया गया, जो पिछले 24 घंटे में 0.1°C कम रहा।
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वहीं न्यूनतम तापमान 21.4°C रहा, जो 0.8°C की गिरावट दर्शाता है।
इस गिरावट से राजधानी रांची के मौसम में हल्की ठंडक महसूस की जा रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी दिनों में दिन के तापमान में और कमी आने की संभावना है, जबकि रातें और सुहानी होंगी।
☀️ गोड्डा रहा सबसे गर्म जिला
जहाँ एक ओर रांची में तापमान में गिरावट देखी गई, वहीं गोड्डा में पारा सबसे ऊपर रहा। बुधवार को गोड्डा का अधिकतम तापमान 34.8°C दर्ज किया गया, जो राज्य में सबसे अधिक था।
इसके अलावा, पलामू, देवघर और जामताड़ा जैसे जिलों में भी तापमान 33°C से ऊपर रिकॉर्ड किया गया।
🌧️ कुछ जगहों पर हल्की बारिश
राज्य के कुछ हिस्सों में बुधवार को हल्की बारिश हुई —
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खूंटी में 9 मिमी
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मेदिनीनगर में 1.6 मिमी
बारिश दर्ज की गई।
वहीं रांची, जमशेदपुर, बोकारो और चाईबासा जैसे इलाकों में बारिश नहीं हुई।
मौसम विभाग का कहना है कि मॉनसून की वापसी से पहले ऐसी छिटपुट बारिश सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा होती है।
⚡ वज्रपात को लेकर सतर्क रहने की सलाह
मौसम वैज्ञानिकों ने राज्यवासियों को वज्रपात के समय सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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खुले मैदान, खेत या ऊँचे स्थानों पर न जाएँ।
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पेड़ों के नीचे या बिजली के खंभों के पास शरण न लें।
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मोबाइल फोन या धातु की वस्तुएँ दूर रखें।
हर साल झारखंड में वज्रपात से जनहानि की घटनाएँ होती हैं, इसलिए इस चेतावनी को हल्के में न लेने की अपील की गई है।
🌾 किसानों के लिए राहत का मौसम
इस वर्ष की अतिरिक्त वर्षा ने झारखंड के किसानों के लिए राहत भरा माहौल बनाया है। खेतों में पर्याप्त नमी होने से धान, मक्का और दलहन की फसलें अच्छी स्थिति में हैं।
कृषि विभाग के अनुसार, खरीफ फसलों की बुवाई राज्य में लक्ष्य से 110% तक पूरी हो चुकी है।
हालांकि, कुछ निचले इलाकों में अधिक बारिश के कारण जलभराव की स्थिति भी बनी, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है।
🌤️ अगले कुछ दिनों का पूर्वानुमान
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9 से 10 अक्टूबर: दोपहर बाद कुछ इलाकों में मेघ गर्जन के साथ हल्की बारिश।
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11 से 14 अक्टूबर: धीरे-धीरे मौसम शुष्क होगा, मॉनसून की वापसी शुरू।
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15 अक्टूबर के बाद: तापमान में गिरावट, सुबह-शाम हल्की ठंडक महसूस होगी।
🌈 निष्कर्ष
झारखंड में इस बार मॉनसून ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। अक्टूबर की शुरुआत में ही सामान्य से लगभग दोगुनी बारिश दर्ज की गई, जिससे राज्य के जल स्रोत भर गए और कृषि को संजीवनी मिली। अब राज्य धीरे-धीरे शरद ऋतु की ओर बढ़ रहा है, जहां दिन सुहाने और रातें ठंडी होंगी।
मॉनसून के शानदार समापन के साथ झारखंड एक बार फिर प्राकृतिक संतुलन और हरियाली से भरपूर दिखाई दे रहा है।
