Jharkhand Monsoon Session 2025: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू, पेश होगा वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 2025 आज यानी 22 अगस्त से पुनः शुरू हो रहा है। यह सत्र अब 28 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान कुल चार कार्य दिवस होंगे। सत्र की शुरुआत वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश करने के साथ होगी। इस बजट के माध्यम से राज्य सरकार करीब 4 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग सदन से कर सकती है।
शिबू सोरेन के निधन के बाद स्थगित हुआ था सत्र
दरअसल, मानसून सत्र की शुरुआत पहले ही हो चुकी थी। विधानसभा का सत्र 26 जुलाई 2025 से शुरू हुआ था, लेकिन उसी बीच झारखंड के करिश्माई नेता और दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन हो गया। उनके निधन के कारण सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करनी पड़ी थी। अब उसी सत्र को पुनः शुरू किया जा रहा है।
आज के दिन सदन में दिशोम गुरु शिबू सोरेन और झारखंड के शिक्षा मंत्री स्व. रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इसके बाद वित्त मंत्री अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखेंगे।
अनुपूरक बजट क्यों होता है ज़रूरी?
झारखंड सरकार हर साल वित्तीय वर्ष की शुरुआत में पूर्ण बजट पेश करती है, लेकिन कई बार अचानक अतिरिक्त खर्च या नई योजनाओं की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सरकार अनुपूरक बजट लाकर विधानसभा से उसकी मंजूरी लेती है।
इस बार अनुमान है कि सरकार करीब 4 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति ले सकती है, जिसमें किसानों, सिंचाई, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी प्राथमिकताओं को जगह मिल सकती है।
मानसून सत्र का पूरा शेड्यूल
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का कैलेंडर तय हो चुका है। आइए देखते हैं किस दिन कौन-सी कार्यवाही होगी:
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22 अगस्त 2025: वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश होगा और दिवंगत नेताओं को शोक संवेदना दी जाएगी।
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25 अगस्त 2025: प्रश्नकाल होगा और अनुपूरक बजट पर चर्चा और वाद-विवाद किया जाएगा।
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26 अगस्त 2025: प्रश्नकाल और राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे।
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28 अगस्त 2025: प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक और गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा होगी।
इस तरह, सत्र केवल चार कार्य दिवस का होगा, लेकिन इनमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग
सत्र के दौरान सबसे बड़ा भावनात्मक मुद्दा दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, सत्ता पक्ष की ओर से इस संबंध में विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की कोशिश की जाएगी। शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति के सबसे बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं। उन्होंने अलग झारखंड राज्य आंदोलन से लेकर यहां की राजनीति को नई दिशा देने तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
किसानों की समस्या पर विशेष चर्चा
झारखंड में इस बार अतिवृष्टि (excess rainfall) के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। धान की रोपाई प्रभावित हुई है और कई जगह फसलें बर्बाद हो गई हैं।
26 अगस्त को सदन में इस मुद्दे पर विशेष चर्चा कराई जाएगी। पहले मानसून सत्र में भी विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने इसपर सहमति दी थी। अब उम्मीद है कि सरकार किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है।
विपक्ष की रणनीति
जहां सत्ता पक्ष अनुपूरक बजट और श्रद्धांजलि प्रस्ताव पर जोर देगा, वहीं विपक्षी दल इस मौके पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।
संभावना है कि विपक्ष राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की समस्या, बिजली संकट और विधि-व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगा। साथ ही, कई लंबित विधेयकों और योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर भी तीखे सवाल उठ सकते हैं।
क्यों है यह सत्र खास?
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यह सत्र झारखंड के इतिहास में भावनात्मक रूप से खास है क्योंकि इसमें शिबू सोरेन को याद किया जाएगा।
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वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट इसी सत्र में पेश होगा।
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किसानों के मुद्दे और आपदा प्रबंधन पर सरकार की नीति साफ हो सकती है।
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शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन सकता है।
निष्कर्ष
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 2025 भले ही सिर्फ चार कार्य दिवस का हो, लेकिन इसमें कई महत्वपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और भावनात्मक पहलुओं को देखा जाएगा। अनुपूरक बजट, किसानों की समस्या, और शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग इस सत्र की प्रमुख सुर्खियां बनने वाली हैं।