भारत में रेलवे नेटवर्क लगातार आधुनिक हो रहा है और यात्रियों को तेज़, सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार लगातार नए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में वंदे भारत ट्रेनें सबसे ज्यादा चर्चा में रहती हैं। उत्तर प्रदेश और झारखंड के यात्रियों के लिए वाराणसी–देवघर वंदे भारत एक्सप्रेस एक बेहद महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2024 में इस ट्रेन को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। तब से यह ट्रेन काशी और बाबा बैद्यनाथधाम देवघर के बीच यात्रियों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन चुकी है।
अब इस ट्रेन को लेकर रेल मंत्रालय ने एक नई और बड़ी घोषणा की है, जिससे यात्री और ज्यादा खुश हो गए हैं।
रेल मंत्रालय की नई घोषणा – अब 16 कोच के साथ चलेगी वंदे भारत
रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यात्रियों की मांग को देखते हुए वाराणसी–देवघर वंदे भारत एक्सप्रेस में कोच की संख्या बढ़ा दी गई है। पहले इस ट्रेन में केवल 8 कोच होते थे, लेकिन अब इसे दोगुना करके 16 कोच कर दिया गया है।
इस फैसले के बाद अब ज्यादा संख्या में यात्री इस ट्रेन की सुविधा ले सकेंगे। खासकर त्योहारों, धार्मिक अवसरों और यात्रा सीजन में यह बदलाव यात्रियों के लिए बेहद राहत भरा साबित होगा। सोशल मीडिया पर भी लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं और रेल मंत्रालय का धन्यवाद कर रहे हैं।
क्यों है यह ट्रेन खास?
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धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र – काशी (वाराणसी) और देवघर दोनों ही धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल हैं। बाबा विश्वनाथ और बाबा बैद्यनाथधाम दोनों के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु पहुँचते हैं। वंदे भारत ट्रेन ने इन दोनों पवित्र स्थलों को सीधे जोड़कर श्रद्धालुओं की यात्रा बेहद आसान कर दी है।
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समय की बचत – यह ट्रेन वाराणसी से देवघर तक का सफर मात्र 7 घंटे 20 मिनट में पूरा कर देती है। पहले यात्रियों को या तो लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेन पर निर्भर रहना पड़ता था या बस/निजी साधनों का सहारा लेना पड़ता था।
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आधुनिक सुविधाएँ – वंदे भारत ट्रेनों को भारतीय रेलवे की ‘सेमी हाई स्पीड’ और अत्याधुनिक श्रेणी में गिना जाता है। इसमें आरामदायक चेयर कार सीटिंग, स्वचालित दरवाजे, बेहतर लाइटिंग, बड़ी खिड़कियाँ और ऑनबोर्ड कैटरिंग जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
वाराणसी–देवघर वंदे भारत एक्सप्रेस का टाइमटेबल
वाराणसी से देवघर (ट्रेन संख्या 22500)
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वाराणसी से रवाना – सुबह 6:20 बजे
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पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन – 7:00 बजे
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सासाराम – 8:15 बजे
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गया – 9:25 बजे
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नवादा – 10:20 बजे
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किऊल – 11:30 बजे
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जसीडीह – 1:15 बजे
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देवघर पहुँचेगी – 1:40 बजे
देवघर से वाराणसी (ट्रेन संख्या 22499)
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बैद्यनाथधाम (देवघर) से रवाना – 3:15 बजे
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जसीडीह – 3:22 बजे
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किऊल – 4:40 बजे
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नवादा – 5:48 बजे
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गया – 7:10 बजे
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सासाराम – 8:18 बजे
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पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन – 9:30 बजे
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वाराणसी पहुँचेगी – 10:00 बजे
👉 ध्यान दें: यह ट्रेन हर मंगलवार को नहीं चलती, जबकि सप्ताह के बाकी सभी दिनों में इसका संचालन होता है।
किराया कितना है?
यात्रियों के लिए इस ट्रेन का किराया भी श्रेणी अनुसार तय किया गया है –
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चेयर कार (CC):
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वाराणसी से देवघर – ₹1355
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वाराणसी से गया – ₹755
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एग्जीक्यूटिव चेयर कार (EC):
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वाराणसी से देवघर – ₹2415
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वाराणसी से गया – ₹1405
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यह किराया यात्रियों के बजट को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है और सुविधाओं की तुलना में इसे किफायती माना जा रहा है।
यात्रियों को क्या लाभ मिलेगा?
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ज्यादा सीटें उपलब्ध होने से अब वेटिंग टिकट की समस्या कम होगी।
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भीड़भाड़ के दिनों में भी यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
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धार्मिक और पर्यटन यात्रा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे वाराणसी और देवघर दोनों जगह स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
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तेज़ और समयबद्ध ट्रेन होने से बिजनेस यात्रियों को भी फायदा होगा।
निष्कर्ष
वाराणसी–देवघर वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रियों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। अब 16 कोच होने से इसकी क्षमता दोगुनी हो गई है, जिससे यात्रा और ज्यादा सुविधाजनक बनेगी। यह ट्रेन न केवल धार्मिक स्थलों को जोड़ रही है बल्कि पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी गति दे रही है।
यात्रियों के बीच इस ट्रेन की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ रही है और रेल मंत्रालय का यह कदम निश्चित ही उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने वाला है।