प्रयागराज एनकाउंटर: धनबाद का कुख्यात अपराधी छोटू सिंह ढेर, झारखंड पुलिस को मिली बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आई बड़ी खबर ने झारखंड के अपराध जगत में हलचल मचा दी है। धनबाद का कुख्यात अपराधी और दर्जनों गंभीर मामलों में वांछित आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह को यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने मुठभेड़ में मार गिराया है। यह कार्रवाई गुरुवार देर रात की गई, जब छोटू प्रयागराज में छिपा हुआ था और यूपी एसटीएफ ने उसे घेरने की कोशिश की। खुद को घिरा देख छोटू सिंह ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में उसे गोली मारी गई।
लंबे समय से झारखंड पुलिस की वांछित सूची में था छोटू
छोटू सिंह पर हत्या, रंगदारी, हथियार तस्करी, और गैंगवार जैसे कई गंभीर अपराधों में केस दर्ज थे। वह झारखंड के धनबाद जिले में अपराध की दुनिया में एक बड़ा नाम बन चुका था। झारखंड पुलिस को उसकी लंबे समय से तलाश थी और उसके खिलाफ कई जिलों में गिरफ्तारी वारंट भी जारी थे। छोटू को पकड़ने के लिए कई बार अभियान चलाए गए, लेकिन वह हर बार बच निकलता था।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
सूत्रों के अनुसार, यूपी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि छोटू प्रयागराज में छिपा हुआ है और किसी बड़ी वारदात की फिराक में है। जानकारी के आधार पर एसटीएफ की टीम ने प्रयागराज के एक इलाके में गुरुवार रात घेराबंदी की। जैसे ही छोटू को पुलिस की मौजूदगी का अहसास हुआ, उसने भागने की कोशिश की और फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने गोली चलाई, जिसमें छोटू गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
कई गैंगवार घटनाओं का मास्टरमाइंड
छोटू सिंह सिर्फ एक आम अपराधी नहीं था, बल्कि वह कई गैंगवार घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा है। धनबाद और आसपास के इलाकों में उसका खौफ इस कदर था कि स्थानीय व्यवसायी तक उसकी धमकियों से परेशान रहते थे। हाल के महीनों में उसने रंगदारी वसूली को लेकर आतंक मचा रखा था। कोयलांचल क्षेत्र में अवैध कोयला कारोबार से लेकर लेन-देन की बड़ी डील्स में उसका दखल रहता था।
उसका नेटवर्क सिर्फ झारखंड तक ही सीमित नहीं था, बल्कि बिहार और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था। हथियार तस्करी से लेकर सुपारी किलिंग तक में उसकी संलिप्तता की जानकारी पुलिस को मिल चुकी थी।
STF और पुलिस की साझा कार्रवाई की बड़ी सफलता
उत्तर प्रदेश एसटीएफ की इस कार्रवाई को झारखंड पुलिस के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। धनबाद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छोटू सिंह का एनकाउंटर कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी है। इस कार्रवाई से न सिर्फ क्षेत्र में बढ़ते अपराध पर रोक लगेगी, बल्कि उसके नेटवर्क को भी कमजोर किया जा सकेगा।
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश तेज
छोटू सिंह की मौत के बाद अब पुलिस उसकी गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है। धनबाद पुलिस ने बताया कि गिरोह के कई सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही, प्रयागराज मुठभेड़ में मिले सुरागों के आधार पर कई ठिकानों की पहचान की गई है।
छोटू के मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है, जिससे उसके नेटवर्क, लेन-देन और संभावित आपराधिक योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सके। पुलिस का मानना है कि जल्द ही उसके गिरोह का पूरा जाल उजागर किया जाएगा।
स्थानीय लोगों में राहत
धनबाद और आसपास के इलाकों में छोटू सिंह की मौत की खबर से आम जनता ने राहत की सांस ली है। व्यवसायियों और कोल ट्रांसपोर्टरों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। लंबे समय से उनके बीच छोटू के डर का माहौल बना हुआ था, जो अब खत्म होता नजर आ रहा है।
निष्कर्ष
आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह का एनकाउंटर यूपी एसटीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त कोशिशों का नतीजा है। एक लंबे समय से फरार और खतरनाक अपराधी की मौत से कानून व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। आने वाले दिनों में गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद इस अपराध नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने की दिशा में अहम प्रगति देखने को मिल सकती है।
यह मुठभेड़ न सिर्फ पुलिस प्रशासन की सतर्कता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अपराधी कितने भी चालाक क्यों न हों, कानून से बच नहीं सकते।