पटना की ट्रैफिक समस्या का समाधान: एम्स से दीघा एलिवेटेड रोड और लोहिया पथ चक्र परियोजना को मिली मंजूरी
बिहार की राजधानी पटना में लगातार बढ़ते ट्रैफिक और शहरीकरण की चुनौतियों के मद्देनज़र राज्य सरकार ने कुछ बेहद अहम फैसले लिए हैं। मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सड़क, परिवहन, शहरी विकास और अग्निशमन सेवा से संबंधित कुल 41 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इन फैसलों का सबसे बड़ा फोकस पटना में ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करना और जनसुविधाओं को बेहतर बनाना है।
एम्स से दीघा तक एलिवेटेड सड़क के लिए 1368.46 करोड़ की मंजूरी
पटना एम्स से दीघा रेल-सह-सड़क पुल के पटना छोर तक एक दो लेन सड़क और चार लेन एलिवेटेड रोड के निर्माण के लिए ₹1368.46 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इस सड़क परियोजना में एनएच-98 (एम्स) से शुरू होकर दीघा रेल-सह-सड़क पुल और फिर अशोक राजपथ तक अतिरिक्त कनेक्टिविटी को शामिल किया गया है।
इस परियोजना के प्रमुख लाभ:
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जेपी गंगा पथ से सुगम संपर्क स्थापित होगा।
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एम्स पटना तक आने-जाने में ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी।
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दीघा, राजीव नगर, लोहिया नगर, कंकड़बाग और गर्दनीबाग जैसे क्षेत्रों के लिए तेजी से आवागमन संभव होगा।
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यह परियोजना स्वास्थ्य आपातकालीन सेवाओं के संचालन को भी तेज और सुगम बनाएगी।
यह एलिवेटेड रोड न केवल आम लोगों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि पूरे पटना के ट्रैफिक इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा देने का काम करेगी।
लोहिया पथ चक्र निर्माण के लिए 675.50 करोड़ रुपये स्वीकृत
पटना शहर के एक अन्य अहम हिस्से नेहरू पथ पर लोहिया पथ चक्र नामक एक महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इसके निर्माण के लिए राज्य सरकार ने ₹675.50 करोड़ की राशि स्वीकृत की है।
इस परियोजना की विशेषताएं:
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यह पथ चक्र शहर के मध्य भाग को कई अन्य हिस्सों से जोड़ेगा।
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नेहरू पथ पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
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इससे यात्रा समय में भारी कमी आएगी और आमजन को राहत मिलेगी।
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लोहिया पथ चक्र के निर्माण से शहर के अंदरूनी इलाकों की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।
इस परियोजना का उद्देश्य केवल सड़क बनाना नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्मार्ट नेटवर्क खड़ा करना है जिससे आने वाले वर्षों में ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं न रहें।
मेट्रो रेल परियोजना को अग्निशमन सेवा नियमावली में शामिल किया गया
पटना मेट्रो परियोजना को लेकर भी राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अग्निशमन सेवा नियमावली में संशोधन कर मेट्रो रेल परियोजना को शामिल किया गया है। इसके तहत अब:
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एलिवेटेड और अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन,
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प्लेटफॉर्म और डिपो को अग्निशमन सुरक्षा की चेकलिस्ट में जोड़ा गया है।
पहले मेट्रो कार्य इन नियमों में शामिल नहीं था, जिससे कई स्तरों पर तकनीकी बाधाएं आ रही थीं। यह निर्णय मेट्रो निर्माण की प्रक्रिया को तेज, सुरक्षित और सुगम बनाएगा।
बिहार कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
इस कैबिनेट बैठक में केवल शहरी विकास नहीं, बल्कि प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई:
🔹 मोटरयान अधिनियम 1988 में संशोधन:
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राज्य में वाहन नियमों को अधिक प्रभावी और समकालीन बनाने के लिए संशोधन को मंजूरी दी गई।
🔹 नए निबंधन कार्यालय:
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अररिया जिले के रानीगंज और भरगामा अंचल में दो नए निबंधन कार्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। इससे स्थानीय लोगों को संपत्ति पंजीकरण आदि में सुविधा मिलेगी।
🔹 बिहार युवा आयोग में नए पदों की स्वीकृति:
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बिहार युवा आयोग में 6 नए पदों के सृजन को स्वीकृति मिली है, जिससे युवा नीति को लागू करने में तेजी आएगी।
🔹 गन्ना उद्योग में नई नियमावली:
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बिहार ईख सेवा भर्ती व सेवा शर्त नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई, जिससे गन्ना उद्योग विभाग में प्रशासनिक और तकनीकी सुधार संभव हो सकेंगे।
पटना का भविष्य: स्मार्ट, सुगम और सुरक्षित
इन सभी योजनाओं और फैसलों का समेकित उद्देश्य यही है कि पटना एक स्मार्ट और ट्रैफिक फ्री शहर बने। चाहे वह एम्स कनेक्टिविटी हो, लोहिया पथ चक्र का निर्माण हो या मेट्रो परियोजना में सुधार, सरकार का पूरा ध्यान इस ओर है कि नागरिकों को बेहतर, सुरक्षित और समयबद्ध सेवाएं मिलें।
कैबिनेट द्वारा स्वीकृत कुल 41 एजेंडों में इन परियोजनाओं का विशेष स्थान है, जो आने वाले वर्षों में पटना को एक आधुनिक, सुलभ और योजनाबद्ध महानगर में बदलने की दिशा में निर्णायक साबित होंगे।
निष्कर्ष
पटना जैसे तेज़ी से बढ़ते शहर के लिए यातायात सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास और नागरिक सेवाओं का डिजिटलीकरण अत्यंत आवश्यक हो गया है। सरकार के हालिया निर्णय इस दिशा में मजबूत और सकारात्मक पहल हैं। अगर ये योजनाएं समय पर पूरी होती हैं, तो न केवल आम नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि पटना को एक नए युग की राजधानी बनाने की दिशा में भी यह एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।