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22 Jul 2025, Tue

बांग्लादेश में कानून व्यवस्था संकट में: हर दिन 10 हत्या के मामले, आखिर कहां जा रही व्यवस्था?

बांग्लादेश में कानून व्यवस्था संकट में

बांग्लादेश में कानून व्यवस्था संकट में: हर दिन 10 हत्या के मामले, आखिर कहां जा रही व्यवस्था?

बांग्लादेश कानून व्यवस्था का संकट: क्या विशेषज्ञ सही हैं?

🔥 सख्त कदम न उठाने की महंगी चूक

विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश सरकार के शुरुआती दौर में “कॉम्बिंग ऑपरेशन” (सूक्ष्म तलाशी अभियान) और कर्फ्यू जैसे सख्त कानून-व्यवस्था उपाय न अपनाने के कारण हिंसा और हत्या की घटनाएं तेजी से बढ़ीं। गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जाहांगिर आलम चौधरी ने हालांकि बाद में उन्हें रोकने का आश्वासन दिया, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि “प्रारंभिक लापरवाही” ने स्थिति बिगाड़ दी


🗓️ अगस्त 2024: अंतरिम सरकार की चुनौती

8 अगस्त 2024 को नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार ने चुनाव कराने और कानून व्यवस्था सुधारने का वादा किया था। शुरुआती अगस्त में उनके सलाहकारों ने रॉयटर्स को बताया था कि “कानून-व्यवस्था में सुधार उनकी पहली प्राथमिकता होगी”


🧟‍♂️ जुलाई 2025: दिनदहाड़े का खूनी प्रदर्शन

  • 9 जुलाई 2025 को ढाका के मितफोर्ड अस्पताल के बाहर, कबाड़ी व्यापारी चांद मियां (सोहाग) को भीड़ ने बेरहमी से पीटा और धारदार हथियारों से हत्या कर दी। वीडियो सामने आने के बाद देश में जबरदस्त सदमा और आक्रोश फैला

  • 11 जुलाई को खुलना में युवा दल के नेता मोल्ला महबुबुर रहमान की गोली मारकर हत्या हो गई, जबकि चांदपुर में एक इमाम पर machete से हमला हुआ। मार्च में मदारीपुर में मस्जिद में घुसकर तीन लोगों की हत्या की गई


📊 पुलिस आंकड़े: हत्या हर दिन दरअसल 10

अगस्त 2024 से जून 2025 तक की पुलिस रिपोर्ट के अनुसार:

  • 108,695 आपराधिक घटनाएँ दर्ज

  • इसमें 3,504 हत्याएं, यानी औसतन 10 से अधिक हत्याएं प्रतिदिन

  • महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध – 17,900 मामले

  • चोरी: 7,691, सेंधमारी: 2,434 Dhaka Tribune

ये आंकड़े दिखाते हैं कि हिंसा और हत्या की घटनाएँ कितनी व्यापक और गंभीर हैं।


🛡️ सरकार की प्रतिक्रिया: “कॉम्बिंग ऑपरेशन”

मितफोर्ड कांड के बाद, गृह विशेषज्ञ चौधरी ने सार्वजनिक रूप से आदेश दिया कि “कॉम्बिंग ऑपरेशन” शुरू किया जाए जिसमें चिन्हित अपराधियों को स्थानीय स्तर पर निशाना बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मितफोर्ड मामले में 19 में से 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और शेष को जल्द सजा दिलाई जाएगी


🧩 गिरती प्रणाली के कारण और परिणाम

  1. प्रारंभिक लापरवाही – सख्त कदम ना उठाने और पुलिस को तत्काल सक्रिय ना करने के कारण हिंसा को फैला दिया गया

    1. भीड़ न्याय (Lynch mobs) – 179 मामले सामने, जिसमें निर्दोष नागरिकों को भीड़ ने कत्ल कर दिया

    1. पुलिस पर हमला – सत्तारूढ़ सरकार गिरने और अंतरिम शासन बनने के बाद पुलिस स्टेशन लूटे गए, कुछ पुलिस अधिकारी मारे गए और 225 बार पुलिस पर हमले हुए

    1. सांप्रदायिक हिंसा – इंटरिम सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों की बदहाली की जिम्मेदारी लग रही है; पिछले 11 महीनों में 2,442 हेट-क्राइम्स रिपोर्ट


🗣️ नागरिक प्रतिक्रिया और भय

दिवस-दिवस की बढ़ती हत्याओं और हिंसा ने आम लोगों में असुरक्षा की भावना फैला दी है। सोशल मीडिया पर #JusticeForChandMia जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जबकि विपक्षी नेता सरकार पर चुनाव विलंब और हिंसा बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं


🔐 अगला कदम: क्या संभव है?

  • कॉम्बिंग और विशेष अभियान जारी

  • अदालतों में तेज सुनवाई और कानून-व्यवस्था बहाली

  • पुलिस और बेरीयर फोर्स को सशक्त बनाना

  • भय और भय की संस्कृति समाप्त करना

  • लोकहित में चुनाव शीघ्र सम्पन्न करना — विपक्ष इसे कानून व्यवस्था से जोड़ता रहा है


🔎 निष्कर्ष

बांग्लादेश में प्रतिदिन 10 हत्याएं, अस्पताल परिसर में भीड़ द्वारा हिंसा, और कानून-व्यवस्था प्रणाली का टूटना दर्शाता है—स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर निर्णायक और तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार की “कॉम्बिंग ऑपरेशन” रणनीति सकारात्मक पहल है, पर इसे स्थायी सुधार और पक्षपात-रहित न्याय प्रणालियों के साथ सशक्त करना अनिवार्य है। आगामी चुनाव और अंतरिम सरकार की कार्यवाही तय करेगी कि बांग्लादेश इस संकट से कैसे उबरता है।

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