Sitapur News: ट्रांसफार्मर बदलवाने पहुंचे मंत्री सुरेश राही, JE के तंज से भड़के, धरने पर बैठे
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें राज्य के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही को बिजली विभाग की लापरवाही और अधिकारियों के ताने झेलने पड़े। बात सिर्फ ट्रांसफार्मर बदलवाने की थी, लेकिन जब मंत्री ने खुद हस्तक्षेप किया तो अवर अभियंता (JE) ने कहा –
“खुद आकर बदलवा लीजिए, जब समय होगा तब कर देंगे।”
इस अभद्रता से आक्रोशित होकर मंत्री खुद गांव पहुंचे, और धरने पर बैठ गए। यह मामला उत्तर प्रदेश प्रशासन की कार्यशैली और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
📍 क्या है पूरा मामला?
घटना सीतापुर जिले के कोरैया गांव की है, जहां पिछले 20 दिनों से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा था। गांव में अंधेरा छाया था, लोग गर्मी, पानी की किल्लत और बिजली की अनुपलब्धता से परेशान थे।
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ग्रामीणों ने कई बार विभाग को शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई
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अंत में ग्रामीणों ने मंत्री सुरेश राही से संपर्क किया और मदद की गुहार लगाई
📞 MD से संपर्क, लेकिन कॉल नहीं उठा
मंत्री राही ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की प्रबंध निदेशक (MD) रिया केजरीवाल को फोन किया, ताकि उच्च स्तर पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
लेकिन हैरानी की बात यह रही कि MD ने कॉल रिसीव नहीं किया।
इसके बाद मंत्री ने बिजली विभाग के JE रमेश कुमार मिश्रा को कॉल किया और ट्रांसफार्मर बदलने का अनुरोध किया।
🗯️ JE का जवाब: “खुद आ जाइए और बदलवा लीजिए”
मंत्री द्वारा समस्या बताने पर JE रमेश मिश्रा ने व्यंग्यात्मक और असम्मानजनक लहजे में जवाब दिया:
“आप खुद आ जाइए और ट्रांसफार्मर बदलवा लीजिए। जब हमारे पास समय होगा, तब कर देंगे।”
एक राज्य मंत्री से ऐसा तिरस्कारपूर्ण जवाब मिलने पर मंत्री भड़क उठे और मौके पर जाने का निर्णय लिया।
🚗 मंत्री खुद पहुंचे गांव, ट्रांसफार्मर उतरवाने लगे
मंत्री सुरेश राही अपने पूरे काफिले के साथ कोरैया गांव पहुंचे। वहां उन्होंने:
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स्थिति का जायज़ा लिया
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ग्रामीणों से बात की
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खुद ट्रांसफार्मर उतरवाने की प्रक्रिया शुरू करवाई
उन्होंने कहा:
“अगर एक मंत्री की बात भी अधिकारी नहीं सुन रहे, तो आम जनता की स्थिति सोचिए। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
✊ धरने पर बैठे मंत्री, CM योगी से करेंगे शिकायत
जब मौके पर कोई बिजली विभाग अधिकारी नहीं पहुंचा, तो मंत्री जी ने ट्रांसफार्मर के पास ही धरना शुरू कर दिया। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को बताया:
“मैं इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से करूंगा। जो भी अधिकारी लापरवाह और अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होगी।”
🔦 बिजली विभाग पर उठे सवाल
इस घटना से बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं:
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ट्रांसफार्मर 20 दिन से खराब था, फिर भी कोई पहल क्यों नहीं हुई?
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एक मंत्री के फोन का जवाब इस तरह देना क्या अनुशासनहीनता नहीं है?
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जब मंत्री की बात अनसुनी हो रही है, तो आम आदमी की शिकायतों का क्या होगा?
🧑🤝🧑 ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
गांव के लोगों ने मंत्री सुरेश राही के धरने की सराहना करते हुए कहा:
“हमारी आवाज़ पहले कोई नहीं सुन रहा था। मंत्री जी ने खुद आकर हमारी तकलीफ को समझा और कार्रवाई की, इसके लिए हम उनके आभारी हैं।”
🚨 JE पर कार्रवाई संभव
सूत्रों के अनुसार, इस मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जा रही है। JE रमेश मिश्रा के खिलाफ:
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अनुशासनात्मक जांच
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निलंबन या स्थानांतरण
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विभागीय चेतावनी या चार्जशीट
जैसी कार्रवाई संभव है।
✅ निष्कर्ष: जवाबदेही ज़रूरी
यह मामला सिर्फ एक ट्रांसफार्मर का नहीं, बल्कि सिस्टम की संवेदनहीनता और अफसरशाही की मानसिकता का प्रतीक है।
जब एक मंत्री को लापरवाही और तंज का सामना करना पड़ रहा है, तो आम जनता की स्थिति और अधिक दयनीय मानी जा सकती है।
सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि:
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फील्ड अधिकारियों की जवाबदेही तय हो
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जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो
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बुनियादी सुविधाओं पर त्वरित कार्रवाई हो