बिहार में SIR विवाद पर सियासी घमासान, तेजस्वी यादव का BJP और चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप
पटना – बिहार में SIR (Special Intensive Revision) को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राज्य में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक बार फिर चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाए। तेजस्वी ने दावा किया कि BJP चुनाव आयोग के जरिए वोटों की चोरी कर रही है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गुजरात के BJP नेता पर तेजस्वी का निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव ने कागजात दिखाते हुए आरोप लगाया कि गुजरात के BJP नेता और पार्टी के बिहार प्रभारी भीखूभाई दलसानिया पटना के वोटर बन गए हैं। तेजस्वी ने कहा—
“गुजरात के लोग बिहार के वोटर बन रहे हैं। भीखूभाई दलसानिया ने 2024 में गुजरात में आखिरी वोट डाला था, लेकिन अब वह पटना के वोटर बन गए हैं। पांच साल पूरा भी नहीं हुआ और वे यहां वोटर बन गए। यहां की वोटिंग खत्म होगी तो कहीं और के वोटर बन जाएंगे।”
हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दलसानिया ने गुजरात से अपना नाम कटवा लिया है, लेकिन इतने कम समय में पटना में वोटर बन जाना नियमों और नैतिकता पर सवाल उठाता है।
मुजफ्फरपुर की मेयर और परिवार पर गंभीर आरोप
तेजस्वी यादव के आरोप यहीं तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी और उनके परिवार के सदस्यों पर दो-दो वोटर आईडी रखने का आरोप लगाया।
तेजस्वी के मुताबिक, निर्मला देवी का नाम एक ही विधानसभा क्षेत्र में दो अलग-अलग ईपिक नंबरों (EPIC IDs) के साथ दर्ज है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से चुनावी नियमों का उल्लंघन है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि—
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निर्मला देवी के दो देवर, दिलीप कुमार और मनोज कुमार, दोनों के पास भी दो-दो ईपिक नंबर हैं।
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अलग-अलग बूथों पर इन लोगों की उम्र भी अलग दर्ज है।
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उदाहरण: एक बूथ पर निर्मला देवी की उम्र 48 साल दर्ज है, जबकि दूसरे बूथ पर 45 साल।
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तेजस्वी ने टीवी स्क्रीन पर सबूत के तौर पर तस्वीरें और दस्तावेज दिखाए, जिसमें 257 नंबर बूथ (निर्वाचन क्षेत्र मुजफ्फरपुर) और 153 नंबर बूथ, दोनों पर निर्मला देवी का नाम मौजूद था।
2020 का चुनाव और वोट चोरी का आरोप
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में भी BJP ने वोट की चोरी की थी। उन्होंने कहा—
“हम मात्र 12,000 वोटों के अंतर से 10 सीटें हार गए। इसी तरह कई अन्य सीटों पर भी हमारे उम्मीदवारों को जानबूझकर हराया गया।”
तेजस्वी का आरोप है कि पहले BJP सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए करती थी, लेकिन अब उन्होंने चुनाव आयोग को भी अपने पक्ष में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल
RJD नेता ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग ने आज तक इस मामले पर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है। उन्होंने मांग की कि आयोग को तुरंत इन आरोपों की जांच कर पारदर्शी तरीके से जनता के सामने तथ्य रखने चाहिए।
SIR विवाद की पृष्ठभूमि
SIR (Special Intensive Revision) एक प्रक्रिया है, जिसमें मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन का कार्य होता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य चुनावी सूची को अपडेट और त्रुटिरहित रखना है। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग कर बाहर के लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं और फर्जी वोटरों को शामिल किया जा रहा है।
BJP की प्रतिक्रिया का इंतजार
तेजस्वी यादव के इन गंभीर आरोपों पर अब तक BJP की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह विवाद आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है, खासकर तब जब विधानसभा या लोकसभा चुनाव का माहौल बन रहा हो।
निष्कर्ष
बिहार में SIR प्रक्रिया पर उठे ये सवाल और आरोप लोकतंत्र की नींव—मतदान प्रक्रिया—को सीधा चुनौती देते हैं। अगर तेजस्वी यादव के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करेगा, बल्कि बिहार की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग और BJP इस पर क्या रुख अपनाते हैं।
