Breaking
22 Jul 2025, Tue

बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: सरकारी नौकरी में अब सिर्फ बिहार की महिलाओं को मिलेगा 35% आरक्षण

बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला:

बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: सरकारी नौकरी में अब सिर्फ बिहार की महिलाओं को मिलेगा 35% आरक्षण

बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को अपनी अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए, जिनका प्रभाव सीधे राज्य की महिलाओं, दिव्यांगों और किसानों पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस कैबिनेट बैठक में सरकारी नौकरी में महिलाओं के लिए आरक्षण नीति में बड़ा बदलाव किया गया है। अब राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि सरकारी नौकरी में महिला आरक्षण का लाभ केवल बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं को ही मिलेगा।

महिला आरक्षण में डोमिसाइल लागू, अब बाहर की महिलाएं नहीं होंगी शामिल

पहले तक बिहार सरकार के तहत सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण मिलता था, जिसमें राज्य के बाहर की महिलाएं भी शामिल थीं। लेकिन अब बिहार कैबिनेट ने इस आरक्षण को राज्य के स्थायी निवासियों तक सीमित करने का निर्णय लिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब केवल वही महिलाएं जो बिहार की डोमिसाइल (निवास प्रमाण) धारक होंगी, वे ही इस 35% आरक्षण का लाभ उठा पाएंगी।

यह नीति महिलाओं के लिए एक नई दिशा देने के साथ-साथ राज्य में महिला सशक्तिकरण को और मजबूत करेगी। इससे बिहार की स्थानीय महिलाओं को रोजगार और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी। वहीं, दूसरे राज्यों की महिला अभ्यर्थियों के लिए यह बड़ी चुनौती बनेगी क्योंकि वे अब इस आरक्षण के तहत चयनित नहीं होंगी।

डोमिसाइल नीति का महत्व

डोमिसाइल यानी स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता अब महिलाओं के लिए अनिवार्य हो गई है। यह नीति बिहार में रोजगार के अवसरों को राज्य की महिलाओं के लिए सुरक्षित करने का प्रयास है। इस निर्णय से राज्य सरकार स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देना चाहती है ताकि बिहार की महिलाएं ज्यादा सक्रिय रूप से सरकारी नौकरियों में भागीदारी कर सकें।

दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए भी बड़ा प्रोत्साहन

कैबिनेट की बैठक में दिव्यांग उम्मीदवारों को लेकर भी महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा एवं इंटरव्यू की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।

सरकार ने बीपीएससी के लिए 50,000 रुपये और यूपीएससी के लिए 1,00,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की मंजूरी दी है। यह कदम दिव्यांग उम्मीदवारों को प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर तैयारी और प्रतिस्पर्धा के लिए प्रोत्साहित करेगा।

किसानों के लिए भी राहत: डीजल अनुदान योजना

जुलाई माह में प्रदेश में कम हुई बारिश के कारण किसानों को सिंचाई की समस्या का सामना करना पड़ा। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए बिहार कैबिनेट ने किसानों के लिए डीजल अनुदान योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है।

किसानों को तीन सिंचाई के लिए प्रति एकड़ 2250 रुपये की दर से डीजल अनुदान दिया जाएगा। एक किसान अधिकतम 8 एकड़ तक के लिए इस अनुदान का लाभ उठा सकेगा। इससे किसानों की लागत कम होगी और वे बेहतर तरीके से अपनी फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।

सरकार का व्यापक दृष्टिकोण

बिहार सरकार का यह कदम महिलाओं, दिव्यांगों और किसानों के लिए समर्पित नीति दर्शाता है। राज्य के विकास के लिए ये वर्ग बेहद महत्वपूर्ण हैं और इनके उत्थान के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। महिला आरक्षण में डोमिसाइल लागू करना और दिव्यांगों के लिए आर्थिक सहायता देना, किसानों को डीजल अनुदान देना – ये सभी निर्णय बिहार की समावेशी विकास नीति के तहत आते हैं।

नीतीश कुमार की सरकार की यह रणनीति बिहार में सामाजिक न्याय और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक सहायता के अवसर बढ़ाने से प्रदेश में स्थिरता और विकास की नई लहर आएगी।


निष्कर्ष

बिहार कैबिनेट की हालिया बैठक ने महिला आरक्षण नीति को राज्य के स्थायी निवासियों तक सीमित कर दिया है, जिससे बिहार की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में विशेष प्राथमिकता मिलेगी। साथ ही, दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन और किसानों के लिए डीजल अनुदान जैसी योजनाएं राज्य की विकासशील छवि को मजबूती प्रदान करेंगी। यह सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे सभी वर्गों के लिए न्यायसंगत और समावेशी विकास सुनिश्चित करना चाहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *