बिहार को मिलेगी विकास की नई रफ्तार: पीएम मोदी 53वें दौरे पर देंगे अरबों की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 18 जुलाई को बिहार के मोतिहारी जिले का दौरा करेंगे। यह दौरा कई मायनों में खास है, क्योंकि बतौर प्रधानमंत्री यह उनका बिहार का 53वां दौरा होगा। इस दौरान वे राज्य को अरबों रुपये की परियोजनाओं की सौगात देने के साथ एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री का यह दौरा विकास, सुशासन और राजनीतिक सक्रियता के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
11 वर्षों में 52 दौरे, अब 53वां पड़ाव
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के पिछले 11 वर्षों में बिहार के 52 दौरे किए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार राज्य के विकास को लेकर कितनी गंभीर है। अब 18 जुलाई को मोतिहारी में उनका 53वां दौरा होने जा रहा है, जिसकी तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। इस दौरे को लेकर बिहार भाजपा भी पूरी तरह सक्रिय है और इसे एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में पेश कर रही है।
बिहार को मिलेंगी बड़ी परियोजनाएं
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी इस बार भी बिहार के लिए कई नई योजनाएं लेकर आ रहे हैं। मोतिहारी में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क से जुड़ी अनेक अहम परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जाएगा। ये योजनाएं न केवल पूर्वी चंपारण ज़िले को बल्कि पूरे बिहार को विकास की नई दिशा देने का काम करेंगी।
जायसवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री का हर दौरा बिहार के लिए मील का पत्थर साबित होता है। इस बार भी वे अरबों की सौगात लेकर आ रहे हैं, जिससे बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने की दिशा में तेज़ी आएगी।”
मोतिहारी में जनसभा: राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम
मोतिहारी में प्रस्तावित जनसभा को लेकर पार्टी के कार्यकर्ता पूरी तरह तैयार हैं। माना जा रहा है कि यह जनसभा सिर्फ विकास योजनाओं की घोषणा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें प्रधानमंत्री मोदी 2025 के विधानसभा चुनाव और आगे के राजनीतिक एजेंडे का संकेत भी दे सकते हैं। चूंकि मोतिहारी नेपाल सीमा से सटा इलाका है, इसलिए इसकी रणनीतिक और राजनीतिक महत्ता भी है।
प्रशासनिक तैयारियाँ तेज, सुरक्षा चाक-चौबंद
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। नेपाल सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा और सघन निगरानी बढ़ा दी गई है। संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है और जिन पर संदेह हो रहा है, उनसे पूछताछ की जा रही है। कार्यक्रम स्थल और आसपास के इलाकों में सफाई, यातायात नियंत्रण, पार्किंग और इमरजेंसी सेवाओं की तैयारी भी तेज़ी से चल रही है।
चुनाव आयोग के कार्य की सराहना
अपने बयान में दिलीप जायसवाल ने बिहार में चल रहे मतदाता सत्यापन अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ चल रही है और अब तक किसी भी मतदाता को कोई परेशानी नहीं हुई है। इससे आगामी चुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
कानून व्यवस्था पर सरकार की सख्ती
हाल ही में हुए गोपाल खेमका हत्याकांड के संबंध में पूछे गए सवालों पर जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार और पुलिस अपराध पर नियंत्रण के लिए पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में कानून का राज है और कोई भी व्यक्ति अगर व्यवस्था से खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या है जनता की अपेक्षा?
बिहार की जनता को इस दौरे से बड़ी उम्मीदें हैं। राज्य में बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की लंबे समय से माँग रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित परियोजनाएं राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह 53वां बिहार दौरा केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। मोतिहारी की धरती से प्रधानमंत्री मोदी जो सौगातें देंगे, उनका असर न केवल पूर्वी बिहार पर, बल्कि पूरे राज्य के सामाजिक-आर्थिक तानेबाने पर पड़ेगा। अब देखना यह है कि इन परियोजनाओं का लाभ ज़मीनी स्तर तक कैसे पहुँचता है और जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरता है यह दौरा।