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30 Oct 2025, Thu

बिहार में विदेशी कैदियों के लिए विशेष जेल, 22 जिलों में बनेंगे नये कारावास भवन

बिहार में विदेशी कैदियों के लिए विशेष जेल, 22 जिलों में बनेंगे नये कारावास भवन

बिहार में विदेशी कैदियों के लिए विशेष जेल, 22 जिलों में तेजी से बन रहे नये कारावास भवन

बिहार सरकार ने राज्य की कारागार सुविधाओं को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इस पहल के तहत बिहार स्थित सेंट्रल जेल, बक्सर के बाहर विदेशी नागरिकों के लिए विशेष जेल का निर्माण किया जाएगा। इस विशेष जेल में केवल विदेशी महिला और पुरुष कैदियों को ही रखा जाएगा। इसका उद्देश्य है कि विदेशी नागरिकों से जुड़े मामलों का बेहतर प्रबंधन किया जा सके और उन्हें सुरक्षा के साथ आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

बक्सर में बनेगी विशेष हाई-सिक्योरिटी जेल

राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए लगभग 5.58 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने गृह (कारा) विभाग से स्वीकृत योजनाओं की समीक्षा करते हुए इस विशेष जेल के निर्माण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। यह जेल आधुनिक सुरक्षा मानकों के अनुरूप होगी, जिसमें निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे, उच्च सुरक्षा दीवारें, और अलग बैरक की व्यवस्था होगी।
इस जेल में विदेशी कैदियों की कानूनी सहायता, स्वास्थ्य सुविधा और रहने के लिए उपयुक्त वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा। इससे न केवल सामान्य जेलों में भीड़ कम होगी, बल्कि विदेशी नागरिकों के मामलों को सुव्यवस्थित तरीके से संभालना आसान होगा।

22 जिलों में निर्माण कार्य जारी

विशेष जेल के साथ-साथ, राज्य के 22 जिलों में केंद्रीय कारा और उपकाराओं में नए भवनों के निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहे हैं। इन जिलों में आरा, औरंगाबाद, बेतिया, बांका, भभुआ, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना, गया, मधेपुरा, लखीसराय, किशनगंज, मधुबनी, मोतिहारी, नवादा, पूर्णिया, सहरसा, शिवहर, सीवान और सुपौल शामिल हैं।
इन निर्माण कार्यों में नई बैरक, अधीक्षक आवास, कक्षपाल बैरक, चाहरदीवारी, शौचालय और स्नानागार का निर्माण शामिल है। इससे जेलों में कैदियों को बेहतर रहने की सुविधा, साफ-सफाई और सुरक्षा मिलेगी।

बड़े पैमाने पर हो रहा बैरक निर्माण

दरभंगा मंडल कारा, बेनीपुर उपकारा, बक्सर, केंद्रीय कारा मोतिहारी और कैमूर में 198-198 कैदियों के लिए नई बैरक बनाई जा रही हैं। वहीं, बगहा में कक्षपाल बैरक का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन नये भवनों और बैरकों के बनने से जेलों में भीड़भाड़ की समस्या काफी हद तक कम होगी और कैदियों के पुनर्वास कार्यक्रमों को लागू करना आसान होगा।

समय सीमा पर काम पूरा करने का आदेश

भवन निर्माण विभाग के सचिव ने सभी इंजीनियरों को चेतावनी दी है कि निर्धारित समय सीमा में काम पूरा करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्य में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी परियोजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का निर्देश दिया गया है ताकि जल्द से जल्द कैदियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

कारागार सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह पूरी पहल बिहार में कारागार सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बक्सर की विशेष जेल विदेशी कैदियों के लिए एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित सुविधा उपलब्ध कराएगी, जिससे सामान्य जेलों में जगह खाली होगी और कैदियों के बीच टकराव या सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं कम होंगी।
इसके अलावा, 22 जिलों में हो रहा निर्माण कार्य जेल प्रशासन को आधुनिक और मानव-केंद्रित बनाने में सहायक होगा। नयी बैरक और सुविधाओं के माध्यम से कैदियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास के बेहतर अवसर मिलेंगे।

आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित जेल

नई जेल और कारावास भवनों में अत्याधुनिक सुरक्षा सिस्टम जैसे बायोमेट्रिक एंट्री, सीसीटीवी निगरानी, इमरजेंसी अलार्म सिस्टम और सुरक्षित परिधि दीवारें होंगी। कैदियों के लिए अलग-अलग श्रेणी की बैरक, भोजनालय, चिकित्सा केंद्र और मुलाकात कक्ष भी बनाए जाएंगे।
इन सुधारों से न केवल कानून-व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि कैदियों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।

निष्कर्ष

बिहार सरकार का यह कदम राज्य में जेल प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा सुधार साबित होगा। बक्सर में विदेशी कैदियों के लिए विशेष जेल और 22 जिलों में नये कारावास भवनों का निर्माण न केवल सुरक्षा और प्रशासनिक क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि कैदियों के पुनर्वास और मानवाधिकारों की रक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगा। आने वाले वर्षों में इसका सकारात्मक असर पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था पर देखने को मिलेगा।

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