बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर एनडीए गठबंधन में घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। भाजपा, जेडीयू और लोजपा (रामविलास) के बीच सहमति नहीं बनने से चुनावी रणनीति प्रभावित हो रही है। इस समय गठबंधन के अंदर असहमति और मतभेदों की स्थिति बन गई है, जिससे पार्टी नेतृत्व के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं।
📌 एनडीए के अंदर का संकट
पटना से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीटों पर सहमति न बन पाने की वजह से एनडीए में अंदरूनी संकट गहरा गया है।
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लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान खुलकर नाराजगी जता रहे हैं।
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वहीं, जेडीयू अपनी कोई महत्वपूर्ण सीट गठबंधन सहयोगी को देने को तैयार नहीं है।
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कल नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी है, लेकिन सीटों पर सहमति न बनने से गठबंधन की तैयारियों पर सीधा असर पड़ रहा है।
भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इस स्थिति को देखते हुए चिराग पासवान से फोन पर लंबी बातचीत की। इसके बाद चिराग पासवान ने गुरुवार को पार्टी की आपात बैठक बुलाई, जो प्रदेश कार्यालय में चल रही है।
📞 नित्यानंद राय की भूमिका
गठबंधन में टूट की आशंका को देखते हुए भाजपा ने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय को चिराग पासवान से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
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भाजपा की ओर से चिराग पासवान को 22 सीटों का ऑफर दिया गया है।
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हालांकि, चिराग पासवान कुछ खास सीटों को लेकर काफी अड़े हुए हैं।
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यह बातचीत तय करेगी कि गठबंधन सीट शेयरिंग पर कितनी जल्दी सहमति तक पहुँच सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस मुद्दे का समाधान जल्दी नहीं हुआ, तो यह एनडीए के चुनावी प्रदर्शन पर गंभीर असर डाल सकता है।
🏛️ पार्टी की आपात बैठक
चिराग पासवान की आपात बैठक में सांसद अरुण भारती की अध्यक्षता में चुनावी रणनीति और सीट बंटवारे पर चर्चा हो रही है।
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बैठक में शामिल लोग: सभी सांसद, प्रदेश अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला प्रभारियों और प्रमुख नेता।
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बैठक में भारी राजनीतिक निर्णय लेने की संभावना है।
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हालांकि, चिराग पासवान स्वयं बैठक में शामिल नहीं हैं, क्योंकि वे दिल्ली में पार्टी की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य गठबंधन के भीतर असहमति को कम करना और सीटों पर संतुलन बनाए रखना है।
📝 चिराग पासवान की मांगें
भाजपा ने चिराग पासवान को 20 सीटों का ऑफर दिया है। लेकिन चिराग पासवान 35 से अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं।
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वे चाहते हैं कि उनकी पार्टी को वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई जैसी महत्वपूर्ण जिलों में सीट मिले।
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इन पांच लोकसभा सीटों पर लोजपा का अच्छा जनाधार माना जाता है।
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इसके अलावा, चिराग पासवान ने गोविंदगंज सीट पर भी दावा ठोका है, जो फिलहाल बीजेपी के कब्जे में है।
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इसके अतिरिक्त, चिराग पासवान चाहते हैं कि उन्हें राज्यसभा या विधान परिषद की एक सीट और एक बड़ा मंत्रालय भी मिले।
इस मांग सूची को लेकर भाजपा और जेडीयू के बीच कठिन वार्ता जारी है।
⚖️ गठबंधन में मतभेद के राजनीतिक प्रभाव
विश्लेषकों का कहना है कि सीट शेयरिंग पर मतभेद एनडीए के चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं।
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चिराग पासवान का वोट बैंक:
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लोजपा (रामविलास) का मजबूत ग्रामीण और युवा वोट बैंक भाजपा के लिए निर्णायक हो सकता है।
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जेडीयू की अड़चन:
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जेडीयू का गठबंधन सहयोगियों को सीट देने में अनिच्छा जताना, चुनावी तैयारियों को प्रभावित कर सकता है।
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भाजपा की चुनौती:
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भाजपा को गठबंधन में संतुलन बनाए रखना होगा, अन्यथा सीटों पर मतभेद एनडीए के खिलाफ विपक्ष को बढ़त दे सकते हैं।
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🗳️ आगे की संभावनाएँ
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नित्यानंद राय और चिराग पासवान के बीच बातचीत का परिणाम अगले 24-48 घंटों में स्पष्ट हो सकता है।
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यदि सीटों पर सहमति नहीं बनती है, तो गठबंधन के भीतर तनाव बढ़ सकता है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि गठबंधन के टूटने या कमजोर होने की स्थिति में विपक्ष को बड़ी भूमिका मिल सकती है।
🌟 निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संदर्भ में, एनडीए में सीट शेयरिंग विवाद और घटक दलों की नाराजगी चुनावी रणनीति को चुनौती दे रही है।
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चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की नाराजगी भाजपा और जेडीयू के लिए नई राजनीतिक चुनौती पेश कर रही है।
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नित्यानंद राय के माध्यम से होने वाली बातचीत गठबंधन की दिशा तय करेगी और आगामी चुनाव में रणनीतिक प्रभाव डाल सकती है।
“Bihar चुनाव में घटक दलों के मतभेद और सीटों की राजनीति, गठबंधन की मजबूती और चुनावी रणनीति का निर्णायक पहलू बन सकती है।”
