बिहार में 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के नाम पर चल रही ठगी — साइबर पुलिस की चेतावनी को नज़रअंदाज न करें!
पटना, 28 जुलाई 2025
बिहार में हाल ही में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना ने जनता के बीच उत्साह पैदा किया था, लेकिन अब इसी योजना के नाम पर साइबर ठग लोगों को निशाना बना रहे हैं। मुफ्त बिजली देने के नाम पर रजिस्ट्रेशन की आड़ में लोगों से संवेदनशील जानकारियां ली जा रही हैं और लाखों रुपये की ठगी हो रही है।
राज्य के साइबर पुलिस विभाग ने लोगों को सतर्क किया है कि किसी भी प्रकार के कॉल, मैसेज या लिंक पर बिना पुष्टि किए क्लिक न करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। अब तक ₹2 लाख से अधिक की ठगी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
कैसे हो रही है ठगी?
साइबर ठग एक विशेष स्क्रिप्ट के साथ लोगों को फोन कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि उन्हें मुफ्त बिजली योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए उन्हें एक लिंक भेजा जाता है या फिर ओटीपी मांगा जाता है।
इन कॉल्स में कहा जाता है कि:
- “सर, आपको 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना का लाभ देने के लिए रजिस्ट्रेशन करना है।”
- “आपका खाता वेरिफाई करना है, कृपया ओटीपी बताएं।”
- “आपका बिजली कनेक्शन बंद हो सकता है, लिंक पर तुरंत क्लिक करें।”
यह सब सुनकर आम लोग डर या लालच में आकर अपनी जानकारी साझा कर देते हैं — जैसे आधार कार्ड नंबर, बैंक डिटेल्स, OTP, बिजली उपभोक्ता नंबर आदि। एक बार जानकारी मिल जाने पर फ्रॉडster बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं या डिजिटल वॉलेट हैक कर लेते हैं।
साइबर पुलिस ने क्या कहा?
पटना के साइबर थाना प्रभारी ने कहा,
“125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना पूरी तरह से सरकारी प्रक्रिया से संचालित हो रही है। उपभोक्ताओं को रजिस्ट्रेशन के लिए किसी कॉल, लिंक या ओटीपी की आवश्यकता नहीं है। यह योजना स्वतः उनके बिजली बिलों में समायोजित की जाएगी। कृपया कोई भी फोन कॉल, व्हाट्सऐप मैसेज या SMS पर भरोसा न करें।”
उन्होंने आगे बताया कि अब तक करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए जा चुके हैं और इनमें से कई मामलों में लोगों ने ₹10,000 से ₹50,000 तक गंवाए हैं। पुलिस की साइबर सेल इन मामलों की जांच कर रही है और कई संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है।
क्या है यह मुफ्त बिजली योजना?
बिहार सरकार ने वर्ष 2025 की शुरुआत में यह घोषणा की थी कि राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। इसका उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देना था।
इस योजना का लाभ सीधे तौर पर बिजली वितरण कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं के मासिक बिल में दिया जा रहा है, जिसके लिए अलग से किसी प्रकार का आवेदन, रजिस्ट्रेशन या भुगतान की आवश्यकता नहीं है।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद आम लोग डर और भ्रम की स्थिति में हैं। पटना निवासी अनीता देवी कहती हैं,
“मुझे भी ऐसा कॉल आया था जिसमें कहा गया कि बिजली कनेक्शन बंद हो जाएगा। सौभाग्य से मैंने ओटीपी नहीं बताया, लेकिन मेरे पड़ोसी ने लिंक पर क्लिक कर ₹15,000 गंवा दिए।”
दूसरे उपभोक्ताओं ने बताया कि उन्हें वाट्सऐप पर ‘बिजली सब्सिडी रजिस्ट्रेशन’ नाम की एक वेबसाइट का लिंक मिला, जो दिखने में बिल्कुल सरकारी पोर्टल जैसी थी।
कैसे बचें ऐसी ठगी से?
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और पुलिस की सलाह के अनुसार आप निम्नलिखित तरीकों से बचाव कर सकते हैं:
- सरकारी योजनाओं की जानकारी केवल सरकारी वेबसाइट से लें — जैसे https://www.bihar.gov.in
- कभी भी किसी को OTP, आधार, पैन या बैंक डिटेल्स साझा न करें।
- अगर किसी लिंक पर संदेह हो, उस पर क्लिक न करें।
- फर्जी वेबसाइटों और सोशल मीडिया विज्ञापनों से सतर्क रहें।
- किसी भी अनजान कॉल या SMS में आए हुए लिंक से दूर रहें।
- ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
सरकार और बिजली विभाग की अपील
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSPHCL) ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है:
“125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के तहत किसी प्रकार के व्यक्तिगत रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि किसी भी प्रकार की फर्जी कॉल या मैसेज से सतर्क रहें।”
निष्कर्ष
बिहार में मुफ्त बिजली जैसी कल्याणकारी योजना को साइबर अपराधियों ने ठगी का हथियार बना लिया है। आम लोगों को चाहिए कि वे जागरूक रहें, सतर्क रहें और किसी भी अनजान कॉल या लिंक से दूरी बनाकर रखें। सरकार की योजनाओं का लाभ तभी लिया जा सकता है जब जनता सही जानकारी रखे और फर्जीवाड़े से खुद को सुरक्षित रखे।