बिहार में औद्योगिक क्रांति की नई लहर: पाँच जिलों में बनने जा रहे नए इंडस्ट्रियल हब
पटना – बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य के औद्योगिक परिदृश्य को मजबूत करने और स्थानीय रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले कैबिनेट ने पांच नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए 2,627 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने और इसके लिए ₹812 करोड़ खर्च की मंजूरी दी है The Times of IndiaPatna PressNewKerala.com।
निर्माण स्थलों का ब्योरा:
जिला | भूमि विस्तार (एकड़) | अनुमानित लागत (₹ करोड़) |
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बेगूसराय | 991 | 351.59 |
पटना (बख्तियारपुर क्षेत्र) | 500 | 219.34 |
सीवान (मैड़रवा ज़ोन) | 167.34 | 113.92 |
साहरस (कहरा ज़ोन) | 420.62 | 88.01 |
मधेपुरा (ग्वालपारा ज़ोन) | 548.87 | 41.26 |
कुल | 2,627 | 812 |
इन क्षेत्रों में शामिल भूमि अधिग्रहण का काम Infrastructure Development Authority (IDA), पटना द्वारा किया जाएगा और इसे Bihar Industrial Area Development Authority (BIADA) को हस्तांतरित किया जाएगा The Times of IndiaChiniMandi।
IMC-Gaya Ji: सतत विकास की ओर एक कदम
इसी बीच, गोद कार्यालय के रूप में जाना जाने वाला DOBHI (गया जी) में स्थित Integrated Manufacturing Cluster (IMC) को विस्तार देने के लिए 1,300 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की मंजूरी भी दी गई है, जिसकी अनुमानित लागत ₹416 करोड़ है Patna PressNewKerala.comThe Times of India। यह Cluster Amritsar–Kolkata Industrial Corridor (AKIC) का हिस्सा है।
साथ ही, गणना के अनुसार IMC-Gaya Ji को ‘वर्ल्ड-क्लास मैन्युफैक्चरिंग हब’ के रूप में विकसित करने के लिए master plan को BIADA ने मंजूर कर लिया है। Environmental clearance भी मिल गया है, और EPC (Engineering, Procurement and Construction) टेंडर प्रक्रिया आगामी दिनों में शुरू होगी The Times of India+1।
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव
1. रोजगार के अवसरों में वृद्धि
इन औद्योगिक हब्स और IMC-Gaya Ji जैसे परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त होगा, जिससे पलायन की प्रवृत्ति कम होगी।
2. संतुलित क्षेत्रीय विकास
एक-तरफ़ा विकास नहीं, बल्कि विभिन्न जिलों में समान अवसर प्रदान करके सूबे के सभी हिस्सों में आर्थिक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
3. भविष्य की बुनियादी सुविधाएँ
रोजगार के साथ-साथ आपको गाँव से शहर तक सुविधाएँ—इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक कॉरिडोर और नीति-सहजता—भी दृष्टिगोचर होती है।
जुड़े मौजूदा और प्रस्तावित प्रोजेक्ट
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Textile Factory, Gaya: ₹35.14 करोड़ की इस परियोजना में Guraru (गया जी) औद्योगिक क्षेत्र में एक पॉलर फ्लीस, बिस्तर शीट और आवरण आदि उत्पादित करने वाली फैक्ट्री लगाई जा रही है, जो लगभग 237 लोगों को रोजगार देगी NewKerala.com।
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Kalasan (मधेपुरा): एक समय माफिया-प्रभावित गाँव रहे कलासन में अब एक Industrial Training Institute, polytechnic कॉलेज, पंचायत भवन, और खाद्य-प्रक्रिया इकाइयों सहित एक औद्योगिक हब विकसित हो रहा है The Times of India।
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Renewable Energy व SIZs: ₹1.81 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर आधारित Special Industrial Zones (SIZs) की योजना बनाई जा रही है, जहाँ स्थानीय कृषि व पारंपरिक उद्योगों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न जिलों को उनके विशेष उद्योग-केंद्रित ज़ोन आरक्षित किए जाएंगे brandsofbihar.comTaxTMIBihar Say।
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Infrastructure सपोर्ट: Bihta Dry Port, Danapur-Bihta Elevated Road, Darbhanga Airport International विस्तार आदि प्रोजेक्ट से औद्योगिक नेटवर्क बेहतर करने में मदद होगी Wikipedia+2Wikipedia+2।
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Power Sector Support: 1,320 MW की Buxar Thermal Power Project नवंबर में प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटित की जाने वाली है—जिससे सूबे की ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक मांग दोनों की पूर्ति होगी The Times of India।
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Green Energy Initiatives: बायोफ्यूल क्षेत्र में भी बढ़त, जैसे कि जट्रोफा और एथेनॉल उत्पादन पूर्वी बिहार में विस्तार पा रहा है, जो भविष्य में ऊर्जा और कृषि दोनों के लिए फायदेमंद सिद्ध होगा The Times of India।
निष्कर्ष
बिहार सरकार की यह औद्योगिक नीति—चाहे वह पांच नए हब्स हों या गया जी में IMC का विस्तार—स्पष्ट संकेत है कि राज्य स्थानीय स्तर पर रोजगार, विकास का विभाजन, और भविष्य पर केंद्रित औद्योगिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में अग्रसर है। साथ ही, मौजूदा परियोजनाएँ केंद्रित निवेश, नीति-समर्थन, और पर्यावरण-अनुकूल विकास की नींव तैयार कर रही हैं।
इस बदलाव का केंद्र बिंदु केवल आर्थिक वृद्धि नहीं, बल्कि पूर्णत: समावेशी और सतत विकास है—जो यह तय करता है कि बिहार सिर्फ निवेश आकर्षित नहीं करेगा, बल्कि इसे प्रदेश के नागरिकों के लिए स्थाई समृद्धि में बदलेगा।