डिजिटल भुगतान के इस युग में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। छोटे-मोटे खरीदारी से लेकर बड़ी रकम ट्रांसफर तक, लोग UPI से ही लेनदेन करना पसंद कर रहे हैं। हालांकि, इसके कई फायदे होने के बावजूद, एक समस्या यह सामने आई है कि बैंक स्टेटमेंट में UPI ट्रांजेक्शन की लंबी लिस्ट बन जाती है। इससे न केवल स्टेटमेंट लंबा और जटिल हो जाता है बल्कि साल के अंत में ITR फाइल करते समय कई लेनदेन मिस भी हो सकते हैं।
इसी समस्या का हल बताने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) मानव नारंग ने एक आसान सी ट्रिक साझा की है। उन्होंने बताया कि किस तरह UPI Lite का उपयोग कर आप बैंक स्टेटमेंट को अनावश्यक डिटेल्स से बचा सकते हैं।
मानव नारंग ने कहा, “UPI Lite एक बेहद आसान और सुरक्षित विकल्प है। इसमें आप अपने बैंक खाते से एक बार में ₹5000 तक का बैलेंस लोड कर सकते हैं। इसके बाद जितने भी छोटे-मोटे लेनदेन होंगे, वे सीधे UPI Lite से होंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बैंक स्टेटमेंट में हर छोटी ट्रांजेक्शन की एंट्री नहीं आएगी। UPI Lite का पासबुक अलग रहेगा। इस तरह आपका मुख्य बैंक स्टेटमेंट साफ-सुथरा और व्यवस्थित रहेगा।”
क्या है UPI Lite और कैसे करता है काम?
UPI Lite भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित एक लाइट वर्जन वॉलेट की तरह काम करता है। इसमें यूजर अपने बैंक खाते से एक तय रकम लोड करता है, जैसे ₹5000 तक। इसके बाद 200 रुपये तक के लेनदेन सीधे इस वॉलेट से हो जाते हैं। इससे न तो बैंक खाते पर बार-बार डेबिट का बोझ पड़ता है और न ही हर लेनदेन की एंट्री बैंक स्टेटमेंट में जुड़ती है।
इसके अलावा UPI Lite में ट्रांजेक्शन भी बहुत तेज होता है क्योंकि इसमें रीयल-टाइम बैंक ऑथेंटिकेशन की जरूरत नहीं होती। भुगतान तुरंत होता है और यूजर का समय बचता है।
क्यों जरूरी है बैंक स्टेटमेंट का साफ रहना?
आजकल बैंक स्टेटमेंट सिर्फ पैसों के लेखाजोखा के लिए ही नहीं बल्कि लोन, वीजा, क्रेडिट कार्ड, सब्सिडी जैसे कई जरूरी दस्तावेजों में सबूत के तौर पर भी मांगा जाता है। अगर स्टेटमेंट में दर्जनों छोटी-छोटी UPI एंट्रियां हों, तो इसका प्रिंटआउट लेना और समझना मुश्किल हो जाता है। साथ ही, सालाना आयकर विवरणी (ITR) भरते समय भी इन छोटे लेनदेन के चलते बड़ी गड़बड़ी हो सकती है।
मानव नारंग ने कहा, “बैंक स्टेटमेंट बड़ा होने पर ITR फाइल करते वक्त कुछ लेनदेन मिस हो सकते हैं। इससे भविष्य में नोटिस भी आ सकता है। इसलिए UPI Lite या वॉलेट्स का उपयोग करके ट्रांजेक्शन को व्यवस्थित रखना बेहतर होगा।”
वॉलेट्स भी हैं मददगार
अगर आप UPI Lite का उपयोग नहीं करना चाहते, तो Paytm, PhonePe, Amazon Pay जैसे डिजिटल वॉलेट भी मददगार हो सकते हैं। इनमें पैसे ऐड करके आप रोजमर्रा के छोटे खर्च कर सकते हैं। इससे भी बैंक खाते में डेबिट की बार-बार एंट्री नहीं आएगी।
कैसे करें UPI Lite एक्टिवेट?
UPI Lite को एक्टिवेट करने के लिए निम्न स्टेप्स अपनाएं:
1. अपने बैंकिंग ऐप या भीम UPI ऐप में लॉगिन करें।
2. UPI Lite विकल्प पर जाएं।
3. अपने खाते से निर्धारित रकम लोड करें (अधिकतम ₹5000)।
4. अब छोटे भुगतान इस लाइट बैलेंस से होंगे।
इसके अलावा, NPCI ने भी साफ किया है कि UPI Lite लेनदेन की लिमिट 200 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन है, और इसकी सुरक्षा भी उतनी ही मजबूत है जितनी मुख्य UPI की।
कैसे तय करें कब UPI Lite का उपयोग करना है?
मानव नारंग ने बताया, “छोटे खर्च जैसे चाय-पानी, दूध, किराना, कैब पेमेंट इत्यादि UPI Lite से करें। बड़े ट्रांजेक्शन (₹500 से ज्यादा) सामान्य UPI या नेट बैंकिंग से ही करें। इससे रिकॉर्ड अलग रहेगा और बैंक स्टेटमेंट भी साफ रहेगा।”
UPI लेनदेन पर बढ़ती निर्भरता
भारत में डिजिटल पेमेंट्स की क्रांति ने UPI को बेहद लोकप्रिय बना दिया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक, हर महीने अरबों रुपये के लेनदेन UPI के जरिये हो रहे हैं। ऐसे में यह ट्रिक आम लोगों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
निष्कर्ष
अगर आप भी अपने बैंक स्टेटमेंट को साफ-सुथरा रखना चाहते हैं और हर महीने होने वाले सैकड़ों छोटे लेनदेन की डिटेल्स से बचना चाहते हैं, तो UPI Lite या डिजिटल वॉलेट्स का उपयोग कर सकते हैं। इससे न सिर्फ लेखाजोखा आसान होगा, बल्कि सालाना टैक्स रिटर्न में भी सुविधा होगी।