ब्यूटी पार्लर में आईब्रो बनवाने से फैल सकता है हेपेटाइटिस-B: एक छोटी लापरवाही, बड़ी बीमारी का कारण
— जागरूकता ही है बचाव का पहला कदम
नई दिल्ली | 29 जुलाई 2025
ब्यूटी पार्लर में थ्रेडिंग, शेविंग या अन्य कॉस्मेटिक प्रक्रियाएं करवाना आज के समय में आम हो चुका है, खासकर महिलाओं के लिए यह एक नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। लेकिन एक हालिया मामला लोगों को चौंका देने वाला है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि पार्लर में की गई एक छोटी सी लापरवाही जानलेवा हो सकती है। डॉक्टर अदिजीत धमीजा के अनुसार, एक महिला को सिर्फ आईब्रो थ्रेडिंग कराने के कारण हेपेटाइटिस-B हो गया और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि लीवर फेल हो गया।
क्या है यह मामला?
डॉ. धमीजा ने बताया कि कुछ ब्यूटी पार्लर ऐसे होते हैं जो सभी ग्राहकों के लिए एक ही थ्रेड (धागा) का इस्तेमाल करते हैं। थ्रेडिंग के दौरान अगर त्वचा पर मामूली भी कट लग जाए, तो संक्रमित व्यक्ति के खून के जरिए हेपेटाइटिस-B, C, और एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों का संक्रमण फैल सकता है।
इस मामले में भी ऐसा ही हुआ — महिला को थ्रेडिंग के बाद बुखार, कमजोरी और पेट में दर्द जैसी शिकायतें हुईं। जांच के बाद पता चला कि उसे हेपेटाइटिस-B हो चुका है और उसका लिवर लगभग पूरी तरह फेल हो चुका है।
हेपेटाइटिस-B क्या है?
हेपेटाइटिस-B एक वायरल संक्रमण है जो लीवर को प्रभावित करता है। यह खून, वीर्य या अन्य शरीर द्रवों के माध्यम से फैलता है। हेपेटाइटिस-B का संक्रमण अक्सर “साइलेंट किलर” कहलाता है क्योंकि शुरुआती चरणों में इसके लक्षण नहीं दिखते, और जब तक व्यक्ति को पता चलता है, तब तक बीमारी गंभीर रूप ले चुकी होती है।
मुख्य लक्षण:
- भूख में कमी
- थकान और कमजोरी
- मतली और उल्टी
- पेट के दाएं ऊपरी हिस्से में दर्द
- आंखों और त्वचा का पीलापन (पीलिया)
कैसे फैलता है हेपेटाइटिस-B?
- संक्रमित सुइयों, ब्लेड या धागों के उपयोग से
- असुरक्षित यौन संबंधों के माध्यम से
- संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से
- संक्रमित मां से बच्चे में जन्म के समय
- टैटू बनवाने, शेविंग या थ्रेडिंग जैसी प्रक्रियाओं के दौरान
ब्यूटी पार्लर में कौन-कौन से खतरे?
- थ्रेडिंग (आईब्रो/फेस): यदि थ्रेड को दोबारा उपयोग किया गया या मुंह में पकड़ कर इस्तेमाल किया गया, तो यह संक्रमण फैला सकता है।
- रेज़र और शेविंग: यदि ब्लेड दोबारा इस्तेमाल की गई तो उससे रक्तजनित संक्रमण हो सकता है।
- टैटू और पियर्सिंग: संक्रमित सुइयों से हेपेटाइटिस-B और C फैल सकते हैं।
- मैनिक्योर/पेडीक्योर उपकरण: यदि इन्हें ठीक से सैनिटाइज़ नहीं किया गया, तो संक्रमण का खतरा रहता है।
डब्ल्यूएचओ और हेल्थ एक्सपर्ट्स की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 296 मिलियन लोग हेपेटाइटिस-B से पीड़ित हैं। भारत में भी इसकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्यूटी और कॉस्मेटिक सेवाओं में हाइजीन का पालन न होने के कारण संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
कैसे करें बचाव?
- पार्लर जाते समय पूछताछ करें: सुनिश्चित करें कि उपकरण और थ्रेडिंग धागा नया हो या स्टरलाइज किया गया हो।
- अपने व्यक्तिगत उपकरण लेकर जाएं: शेविंग ब्लेड, थ्रेड आदि।
- लाइसेंस प्राप्त पार्लर का ही चुनाव करें।
- हेपेटाइटिस-B का टीका लगवाएं: यह 3 डोज़ का टीकाकरण होता है जो बीमारी से सुरक्षा देता है।
- पार्लर के स्टाफ की ट्रेनिंग और सफाई पर ध्यान दें।
सरकार और चिकित्सा संस्थानों की भूमिका
सरकार को चाहिए कि सभी ब्यूटी पार्लरों के लिए हाइजीन प्रोटोकॉल को अनिवार्य किया जाए। पार्लर स्टाफ के लिए प्रशिक्षिण कार्यक्रम शुरू किए जाएं और समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। चिकित्सा संस्थान भी लोगों को अधिक जागरूक करें ताकि इस गंभीर बीमारी से बचाव संभव हो।
28 जुलाई: वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे
हर साल 28 जुलाई को ‘वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे’ मनाया जाता है, ताकि लोगों को हेपेटाइटिस के खतरे और उससे बचाव के तरीकों के प्रति जागरूक किया जा सके। इस साल की थीम है — “Hep Can’t Wait”, जिसका उद्देश्य है कि लोग समय रहते जांच कराएं और ज़रूरी कदम उठाएं।
निष्कर्ष
कॉस्मेटिक सौंदर्य सेवाओं का उपयोग करते समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है। ब्यूटी पार्लर में छोटी-छोटी लापरवाहियां गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। यदि आप थ्रेडिंग, शेविंग, टैटू या कोई भी ऐसी सेवा लेने जा रहे हैं जिसमें त्वचा कटने या खून निकलने की संभावना हो, तो हाइजीन को सबसे ऊपर रखें। याद रखें — सुंदरता से पहले जरूरी है स्वास्थ्य की सुरक्षा।