ब्रह्मोस के बाद भारत ला रहा है एक और ‘ब्रह्मास्त्र’! क्या है इज़राइल का LORA मिसाइल सिस्टम?
डिजिटल डेस्क: ब्रह्मोस ने भारतीय सेना को शक्ति दी, लेकिन अब भारत की आँखें इज़राइल की अत्याधुनिक LORA मिसाइल पर हैं। यह मिसाइल सिस्टम भारत के रक्षा तंत्र में गहराई से बदलाव ला सकता है — खासकर युद्धक हल्की उड़ान और सटीकता में।
⚙️ LORA क्या है?
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LORA का विस्तार है LOng Range Artillery, जिसे इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने विकसित किया है Wikipedia+15Wikipedia+15Army Recognition+15।
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यह एक थियेटर-क्वासी-बैलेस्टिक मिसाइल है, जिसे भूमि से भूमि (ground-to-ground) और समुद्र से भूमि (sea-to-ground) दोनों तरह से लॉन्च किया जा सकता है The Hindu+2Bel India+2Army Recognition+2।
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परिचालन रेंज 90–430 किमी, व 10 मीटर CEP, यानी बेहद सटीक निशाना The Week+8Army Recognition+8Wikipedia+8।
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वजन लगभग 1.6 टन, इसमें 570 किग्रा तक का वारहेड (high-explosive, bomblets या penetrator) शामिल होता है Bel India+15Wikipedia+15Wikipedia+15।
🇮🇳 क्यों चाहिए भारत को LORA?
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गहरा मार: 400 किमी तक
– यह भूतल और समुद्री लक्ष्यों को BrahMos से भी अधिक दूरी से ट्रैक कर सकता है और उनमें तब्दील हो सकता है Times of India+15Army Recognition+15The Asia Live+15Dynamite News। -
तेज, सटीक और दूरबीन-युक्त
– सुपरसोनिक पारी, गाइडेड सिस्टम (INS/GPS/TV) और TV टर्मिनल गाइडेंस की वजह से यह <10 मीटर CEP की सटीकता देता है Wikipedia। -
एयर-लॉन्च की सुविधा
– Air-LORA वेरिएंट P-8I, Su‑30MKI, या MiG‑29 जैसे विमानों से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे टॉर्चर रेंज में हड़ताल संभव है—वायरल स्ट्राइक के लिए आदर्श Navbharat TimesBel India+15Globes+15Defence Security Asia+15। -
‘फायर-एंड-फॉरगेट’ तकनीक
– एक बार लॉन्च हो जाने पर मिसाइल अपने उद्देश्य तक स्वत: पहुँच जाती है, जिससे विमान सुरक्षित बच निकलते हैं । -
लागत-कुशल, भारतीय विनिर्माण
– LORA ब्रह्मोस की तुलना में सस्ती है और भारत में ही BEL के साथ मिलकर बनाए जाने का MoU है The Hindu+2Moneycontrol+2Times of India+2।
🔄 भारत की रणनीति में LORA का महत्व
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वर्तमान में Su-30MKI और MiG-29 जैसे विमानों द्वारा Air-LORA को तैनात करके, भारत हवाई बेस, रडार, कमांड सेंटर और गढ़वत टारगेट्स को सुरक्षित दूरी से निशाना कर सकता है ।
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Operation Sindoor के दौरान Rampage मिसाइल के सफल उपयोग के बाद 🇮🇳 संभावनाओं पर विचार तेज़ हो गया है—LORA 60% अधिक रेंज, 5–6 मैक की गति, और सटीकता प्रदान कर सकता है The Asia Live+1Defence Security Asia+1।
🛡️ BrahMos vs LORA: तकनीक में अंतर
विशिष्टता | ब्रह्मोस | LORA |
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प्रकार | सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल (Mach ~2.8) | बैलिस्टिक/थियेटर मिसाइल (Mach 5–6) |
रेंज | ~300 किमी | ~400 किमी (Air-LORA) |
मार्ग | लो-Altitude cruise | हाई-बैलिस्टिक ट्रैजेक्टरी |
सटीकता | कुछ मीटर | 10 मीटर CEP |
लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म | जमीन/समुद्र | जमीन/समुद्र/विमान |
इसलिए LORA और BrahMos का उपयोग कॉम्बिनेशन डिफेंस स्ट्रैटेजी का हिस्सा है — दोनों को एक साथ इस्तेमाल करके भारत की लड़ाकू क्षमता में गहराई और बहुमुखीता आती है।
🔮 भारत–इज़राइल रक्षा संबंधों में LORA का उद्गार
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BEL और IAI के बीच Feb 2023 में MoU हुआ था, जिसमें LORA का भारत में निर्माण शामिल था Defence Security Asia+1The Asia Live+1The WeekWikipedia+7Bel India+7The Hindu+7।
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2025 के DEFEA प्रदर्शन में Air-LORA को तैनात दिखाया गया, जिससे विमान आधारित लॉरा की क्षमता स्पष्ट हुई reddit.com+15Army Recognition+15Moneycontrol+15।
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भारत की रणनीतिक रक्षा शामिल करने और रक्षा निर्यात प्रसार में यह एक महत्वपूर्ण कदम है ।
🧭 निष्कर्ष: भारत का अगला ‘ब्रह्मास्त्र’
LORA मिसाइल प्रणाली भारत के मिसाइल आर्सेनल में नया आयाम जोड़ रही है:
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दीर्घ दूरी, उच्च गति, और 11 मीटर की सटीकता
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एयर-लॉन्च विकल्प, सुरक्षित स्टैंडऑफ़ स्ट्राइक
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भारतीय निर्माण, लागत में बचत और आत्मनिर्भरता
जहां ब्रह्मोस भारतीय रक्षा का वीर चक्र है, वहीं LORA उसकी तलवार बनकर भारत को रणनीतिक उन्नति दे सकता है।
यह चुनाव सिर्फ हथियार बरामदगी नहीं, बल्कि क्षेत्रीय संतुलन, द्वी-सीमा सुरक्षा, और प्रतिस्पर्धी ताक़त के रूप में भारत की स्थिति तैयार करने का निर्णायक कदम है।