Breaking
29 Oct 2025, Wed

भारत ने जीत के बाद हाथ नहीं मिलाया, तो पाक कोच भड़के, बोले – “हम उम्मीद कर रहे थे…”

भारत ने जीत के बाद हाथ नहीं मिलाया, तो पाक कोच भड़के, बोले – "हम उम्मीद कर रहे थे…"

भारत–पाकिस्तान मुकाबले हमेशा से क्रिकेट जगत में सबसे चर्चित और रोमांचक माने जाते हैं। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए एशिया कप 2025 के महामुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराकर जोरदार जीत दर्ज की। हालांकि, इस मैच में गेंद और बल्ले के शानदार प्रदर्शन के अलावा एक और घटना ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं—भारतीय खिलाड़ियों ने मैच के बाद पाकिस्तान टीम से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।

मैच का हाल

पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया, लेकिन भारतीय स्पिनरों ने उनकी कमर तोड़ दी। कुलदीप यादव ने 3 विकेट झटके जबकि अक्षर पटेल ने 2 अहम विकेट लेकर पाकिस्तान को 20 ओवर में सिर्फ 127 रन पर रोक दिया। पाकिस्तान की ओर से साहिबजादा फारहान ने 44 गेंदों पर 40 रन बनाए और शाहीन अफरीदी ने अंत में 16 गेंदों पर 33 रनों की नाबाद पारी खेली, जिससे स्कोर थोड़ा सम्मानजनक बना।

जवाब में भारत की शुरुआत तूफानी रही। ओपनर अभिषेक शर्मा ने मात्र 13 गेंदों में 31 रन ठोककर पारी को रफ्तार दी। इसके बाद तिलक वर्मा ने 31 रनों का योगदान देकर पारी को संभाला। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने जिम्मेदाराना खेल दिखाते हुए नाबाद 47 रन बनाए और टीम को 15.5 ओवर में ही लक्ष्य तक पहुँचा दिया। इस जीत के साथ भारत ग्रुप-ए में शीर्ष पर पहुँच गया, जबकि पाकिस्तान हार के बावजूद यूएई और ओमान से ऊपर रहते हुए दूसरे स्थान पर बना हुआ है।

हैंडशेक विवाद

मैच का सबसे चर्चित पल जीत के बाद आया। भारतीय खिलाड़ी विरोधी टीम से हाथ मिलाने की परंपरा निभाने के बजाय सीधे ड्रेसिंग रूम लौट गए। पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा और हेड कोच माइक हेसन भारतीय ड्रेसिंग रूम तक पहुँचे, लेकिन वहां से कोई खिलाड़ी हैंडशेक के लिए बाहर नहीं आया। यह नज़ारा देखकर पाकिस्तानी खेमे में नाराज़गी साफ झलक रही थी।

पाक कोच हेसन ने मैच के बाद कहा –
“हम हैंडशेक के लिए तैयार थे, लेकिन विरोधी टीम ने ऐसा नहीं किया। यह निराशाजनक है। हम उम्मीद कर रहे थे कि भारत हाथ मिलाएगा, लेकिन उन्होंने साथ नहीं दिया।”

सूर्या का जवाब – “खेल भावना से ऊपर भी चीज़ें होती हैं”

पोस्ट-मैच बातचीत में जब संजय मांजरेकर ने सूर्यकुमार यादव से इस मुद्दे पर सवाल किया, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा:
“जिंदगी में कुछ चीजें खेल भावना से भी ऊपर होती हैं।”

सूर्यकुमार ने यह भी बताया कि वे इस जीत को भारतीय सशस्त्र बलों को समर्पित करते हैं। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को याद करते हुए कहा:
“हम उनकी बहादुरी को सलाम करते हैं और यह जीत हमारे सैनिकों के नाम है। हमें उम्मीद है कि हम मैदान पर अपने प्रदर्शन से उन्हें मुस्कुराने के और मौके देंगे।”

इस बयान पर स्टेडियम में गूंजती तालियों ने माहौल को भावुक बना दिया।

पहले भी हुआ नो-हैंडशेक

भारत का यह फैसला मैच के दिन का दूसरा “नो-हैंडशेक” एपिसोड था। टॉस के समय भी कप्तान सूर्यकुमार और पाक कप्तान सलमान अली आगा ने हाथ मिलाने से परहेज़ किया था। तनाव की स्थिति पहले ही बढ़ चुकी थी, जब आयोजकों से गलती से पाकिस्तान का गलत राष्ट्रगान बज गया था। बाद में तुरंत सही राष्ट्रगान बजाकर स्थिति संभाली गई।

भारतीय खिलाड़ियों का रुख – संभावित कारण

हालांकि भारतीय टीम की ओर से आधिकारिक बयान नहीं दिया गया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं:

  1. तनावपूर्ण माहौल – मैच से पहले ही राष्ट्रगान की गलती और टॉस पर हाथ न मिलाना माहौल को असहज बना चुका था।

  2. सुरक्षा और प्रोटोकॉल – आयोजकों ने खिलाड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी होगी, जिससे खिलाड़ियों ने सीधे ड्रेसिंग रूम लौटना चुना।

  3. भावनात्मक संदर्भ – सशस्त्र बलों को जीत समर्पित करने के बयान से यह साफ था कि खिलाड़ी इस समय एक गहरे भावनात्मक संदर्भ में खेल रहे थे।

पाकिस्तानी प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी मीडिया और प्रशंसकों ने इस मुद्दे को खेल भावना से जोड़कर देखा और भारतीय टीम की आलोचना की। उनका कहना है कि हार–जीत से ऊपर उठकर खिलाड़ियों को आपसी सम्मान बनाए रखना चाहिए। वहीं, पाक कप्तान और कोच ने इसे निराशाजनक करार दिया, लेकिन बड़े विवाद से बचने की कोशिश की।

भारतीय प्रशंसकों की राय

भारत में इस घटना पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ सामने आईं।

  • कुछ प्रशंसकों ने कहा कि खेल की परंपरा का सम्मान करना चाहिए।

  • जबकि दूसरे प्रशंसकों ने भारतीय खिलाड़ियों का समर्थन किया और कहा कि कुछ परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं जहाँ हाथ न मिलाना भी एक मजबूत संदेश होता है।

निष्कर्ष

एशिया कप 2025 का यह भारत–पाक मुकाबला क्रिकेट के लिहाज़ से भले ही रोमांचक रहा हो, लेकिन मैच के बाद का हैंडशेक विवाद सुर्खियों में छा गया। भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी जीत को सशस्त्र बलों को समर्पित कर भावनात्मक जुड़ाव दिखाया, जबकि पाकिस्तान ने इसे खेल भावना की कमी बताया।

यह घटना हमें याद दिलाती है कि भारत–पाक मुकाबले सिर्फ खेल तक सीमित नहीं रहते। इनका असर राजनीति, सुरक्षा और राष्ट्रीय भावनाओं से गहराई तक जुड़ा होता है। यही वजह है कि कभी एक जीत लाखों लोगों को खुशी देती है तो कभी एक छोटा सा इशारा बड़े विवाद का कारण बन जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *