मिग-21 Retirement: भारतीय वायुसेना की 62 वर्षीय सेवा को सलामी, क्यों कहा जाता है इसे ‘उड़ता हुआ ताबूत’?
🇮🇳 62 साल की सेवा और सितंबर में विदाई
भारतीय वायुसेना सितंबर 2025 में रूस निर्मित मिग‑21 लड़ाकू विमानों को सेवानिवृत्त कर देगी। चंडीगढ़ एयरबेस पर एक खास समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें इस ऐतिहासिक विमान को भावपूर्ण विदाई दी जाएगी Wikipedia।
1963 में इस जेट को पहली बार भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और तब से यह भारत की कई बड़ी लड़ाइयों का अहम हिस्सा रहा है — 1965, 1971, करगिल 1999 और 2019 की हाल‑फिलहाल की अभियान शामिल हैं WikipediaIndian Defence Research Wing।
✈️ मिग‑21 की मुख्य विशेषताएँ
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मिग‑21, सोवियत संघ की मिकोयान‑गुरेविच डिजाइन टीम द्वारा विकसित, 1959 में तैयार हुआ और भारत ने इसे 1963 में सेवा में शामिल किया।
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यह विमान 2,230 किमी/घंटा की स्पीड (माक 2.05) से उड़ सकता है और 18,000 मीटर ऊँचाई पर ऑपरेट हो सकता है The TribuneWikipedia।
🌟 मिग‑21 की सेवा क्यों महत्वपूर्ण रही?
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मिग‑21 भारतीय वायुसेना का पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट था, जिसने भारत को उन्नत हवाई रक्षा क्षमता दी।
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इसने 1965 और 1971 के भारत‑पाक युद्ध, 1999 का करगिल युद्ध, और हालिया एयर स्ट्राइक अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई Indian Defence Research Wing+1The Tribune+1।
⚠️ ‘उड़ता हुआ ताबूत’ क्यों कहा गया?
मिग‑21 को वैश्विक और भारतीय दोनों स्तरों पर ‘Flying Coffin’ और ‘Widow Maker’ जैसे नाम दिए गए, और इसके पीछे यही वजहें हैं:
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अत्यधिक दुर्घटनाएं – 1963 से अब तक लगभग 400 मिग‑21 दुर्घटनाओं में से अधिकांश IAF इकाइयों में हुईं, जिनमें 200 से अधिक पायलट और 60 से अधिक नागरिकों की मौत हुई Wikipedia+13Business Standard+13India Today+13।
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निर्माण की उम्रदराज एयरफ्रेम, आधुनिक मानकों से पीछे तकनीकी पुरानेपन, और खराब रखरखाव।
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पाइलट प्रशिक्षण में देर और विमान की उड़ने और लैंडिंग की खतरनाक प्रकृति में कमी Business StandardSouth Asian VoicesThe Indian Express।
2000 में जालंधर दुर्घटना (क्लासरूम और बैंक में क्रैश) में 8 नागरिकों की मौत के बाद IAF ने प्रशिक्षण उड़ानों को स्थगित किया था Wikipedia।
2021‑23 की अवधि में कई दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें तीन पायलटों की मौत भी शामिल है Outlook India+6CNBC TV18+6Wikipedia+6।
🧩 सेवा लंबी हुई क्यों?
चाहे पुराने विमान हों, मिग‑21 को भारत ने रिटायर से बहुत बाद तक बनाए रखा। वजहें:
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LCA तेजस और अन्य विमानों की देरी, प्रमुख स्वदेशी और विदेशी विमानों के ढेर से खरीद में बाधा The Tribune+4Outlook India+4Reddit+4।
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IAF की स्क्वाड्रन संख्या बनाए रखने की आवश्यकता, जिससे पुराने मिग को सुरक्षित रूप से उड़ाया गया Outlook IndiaScoopWhoop।
इन कारणों से भारत ने मिग‑21 को कई बार आधुनिक कर बाइसन संस्करण में अपग्रेड किया ताकि न्यून से न्यून खतरे तक सेवा जारी रखी जा सके South Asian VoicesScoopWhoop।
🗓️ विदाई समारोह और भविष्य
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19 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ एयरबेस पर अंतिम समारोह तय है, जिसमें मिग‑21 बाइसन सेवारत अंतिम स्क्वाड्रन (No. 23) को विदाई दी जाएगी Wikipedia।
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उसके बाद IAF पूरी तरह से Su‑30MKI, Rafale, Tejas, Mirage‑2000 जैसे आधुनिक विमानों पर निर्भर होगी।
🧠 जनता-विचार और आलोचना
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लोकप्रिय संस्कृति में इसे ‘Widow Maker’ कहते हुए जन-आक्रोश हुआ (आप सांसद वारण गांधी का ट्वीट भी देखें) CNBC TV18+15Business Standard+15Wikipedia+15।
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वहीं, पूर्व पायलटों ने इस विमानों की सेवा को भावनात्मक शिक्षा बताया और कहा कि यह भारत की वायु रक्षा में एक ज़बर्दस्त योगदान रहा था—हालांकि समय रहते इसका विकल्प नहीं मिला।
✅ सारांश
मिग‑21 न केवल एक विमान था, बल्कि भारतीय वायुसेना का स्वतंत्र भारत की उन्नत हवाई सुरक्षा का प्रतीक रहा है। जहां एक ओर इसने सफलता और वीरता दिखाई, वहीं दूसरी ओर समय के साथ safety mishaps ने इसे ‘उड़ता हुआ ताबूत’ जैसे नाम दिए।
अब सरकार के आधुनिककरण के फैसले के साथ, September 2025 की मिग‑21 विदाई एक युग के अंत का प्रतीक है—जो भारतीय वायुसेना को भविष्य के अत्याधुनिक विमानों की ओर अग्रसर कर रहा है।
🔗 External Resources:
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From Warhorse to Legend: MiG‑21 to bow out after 62 years in Indian skies — Economic Times Wikipedia+1The Economic Times+1
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Chequered history: Why the MiG‑21 came to be called ‘the flying coffin’ The Indian Express+4Business Standard+4ScoopWhoop+4
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[Mikoyan‑Gurevich MiG‑21 – Wikipedia India section] Business Standard+5Wikipedia+5The Indian Express+5