रांची एयरपोर्ट पर बड़ी दुर्घटना टली: इंडिगो फ्लाइट की हार्ड लैंडिंग, 95 यात्री सुरक्षित
रांची का बिरसा मुंडा एयरपोर्ट (Birsa Munda Airport) सोमवार की सुबह एक बड़ी दुर्घटना का गवाह बनते-बनते रह गया। दिल्ली से रांची आने वाली इंडिगो फ्लाइट की लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी के चलते विमान की रनवे पर हार्ड लैंडिंग हुई। इस घटना ने फ्लाइट में मौजूद 95 यात्रियों की सांसें रोक दीं, लेकिन सभी यात्री बाल-बाल बच गए।
एयरपोर्ट अधिकारियों और इंडिगो स्टाफ की त्वरित कार्रवाई तथा पायलट की समझदारी से एक संभावित बड़ी त्रासदी टल गई।
हादसे का पल – कैसे हुआ हार्ड लैंडिंग
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह दिल्ली से रांची पहुंची इंडिगो फ्लाइट जैसे ही रनवे पर उतरी, उसे तेज़ झटका लगा। विमान की हार्ड लैंडिंग इतनी जबरदस्त थी कि यात्रियों को जोरदार धक्का महसूस हुआ। हालांकि, सुरक्षा नियमों के तहत सभी यात्रियों ने सीट बेल्ट (कुर्सी की पेटी) बांध रखी थी, जिसके चलते कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ।
यात्रियों का कहना था कि उन्हें अचानक ऐसा महसूस हुआ जैसे विमान जमीन से टकरा गया हो। कुछ यात्री घबरा गए, लेकिन केबिन क्रू ने तुरंत सभी को शांत कराया।
पायलट की सूझबूझ और तकनीकी खराबी
फ्लाइट की सुरक्षित लैंडिंग का सबसे बड़ा श्रेय पायलट को दिया जा रहा है। उनकी समझदारी के कारण विमान रनवे पर ही रहा और किसी बड़ी दुर्घटना से बचाव हुआ।
लैंडिंग के बाद तकनीकी टीम ने विमान की जांच की। इस दौरान पता चला कि विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी। एहतियात के तौर पर विमान को एप्रोन पर लाकर ग्राउंडेड घोषित कर दिया गया।
यात्रियों की सुरक्षा और जांच प्रक्रिया
लैंडिंग के तुरंत बाद सभी यात्रियों को विमान से सुरक्षित बाहर निकाला गया। यात्रियों की मेडिकल जांच भी की गई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी को चोट या स्वास्थ्य संबंधी समस्या न हुई हो। जांच के बाद एयरलाइन अधिकारियों ने पुष्टि की कि सभी 95 यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं।
दिल्ली जाने वाले यात्रियों की परेशानी
घटना के कारण रांची से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस फ्लाइट की चेकिंग और बोर्डिंग पहले ही पूरी हो चुकी थी। यात्रियों को विमान में बैठा दिया गया था, तभी इंडिगो प्रबंधन ने घोषणा की कि तकनीकी खराबी के चलते विमान ग्राउंडेड कर दिया गया है।
इसके बाद यात्रियों को लगभग कई घंटे इंतजार करना पड़ा। अंततः दोपहर 3:26 बजे इंडिगो की दूसरी फ्लाइट संख्या 6E5062 से उन्हें दिल्ली भेजा गया। एयरलाइन की ओर से यात्रियों को यह आश्वासन दिया गया कि उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है और इसीलिए यह कदम उठाया गया।
इंडिगो का बयान
इस घटना के बाद इंडिगो के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। तकनीकी खराबी की वजह से विमान को ग्राउंडेड किया गया और सभी यात्रियों को दूसरी फ्लाइट से गंतव्य तक पहुँचाया गया।
एयरलाइन ने यह भी कहा कि तकनीकी टीम इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।
यात्रियों का अनुभव
कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए। कुछ ने लिखा कि यह उनका अब तक का सबसे डरावना फ्लाइट अनुभव था, जबकि कई अन्य यात्रियों ने एयरलाइन और पायलट की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।
एक यात्री ने ट्वीट किया – “जैसे ही विमान रनवे से टकराया, हमें लगा कि सब खत्म हो गया। लेकिन शुक्र है कि सीट बेल्ट लगी थी और पायलट ने स्थिति संभाल ली।”
क्या होती है हार्ड लैंडिंग?
एविएशन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हार्ड लैंडिंग तब होती है जब विमान अपेक्षित से ज्यादा तेज़ या गलत एंगल पर रनवे से टकराता है। इसके कई कारण हो सकते हैं –
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मौसम की खराबी
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तकनीकी खराबी
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पायलटिंग में जरा-सी चूक
हालांकि इस मामले में पायलट की कोई गलती नहीं मानी जा रही है। प्राथमिक जांच में तकनीकी खराबी ही प्रमुख कारण बताई गई है।
बड़ी दुर्घटनाओं की याद
रांची एयरपोर्ट पर हुई इस घटना ने यात्रियों को झकझोर दिया। भारत में पिछले कुछ वर्षों में तकनीकी खराबी और हार्ड लैंडिंग के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन ज्यादातर बार पायलटों की सूझबूझ और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था से जान-माल की रक्षा हो जाती है।
निष्कर्ष
रांची एयरपोर्ट पर हुई यह घटना इस बात की गवाही है कि एविएशन सेक्टर में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। इंडिगो फ्लाइट की हार्ड लैंडिंग से 95 यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई थी, लेकिन समय रहते पायलट की सतर्कता और एयरलाइन की तैयारी से किसी बड़ी त्रासदी को टाल दिया गया।
यह हादसा एक चेतावनी भी है कि तकनीकी जांच और सुरक्षा मानकों को और मजबूत किया जाए। यात्रियों को भी हमेशा फ्लाइट नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे कि सीट बेल्ट बांधकर रखना, ताकि ऐसी आपात स्थितियों में उनकी जान सुरक्षित रहे।