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22 Jul 2025, Tue

रांची में साइबर अपराध का बड़ा खुलासा: चीन के ठगों के साथ मिलीभगत में सात गिरफ्तार

रांची-में-साइबर-अपराध में चीन से जुड़े साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़, सात एजेंट गिरफ्तार

रांची से बड़ी सफलता की खबर आई है जहां सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने शुक्रवार की शाम चीन के ठगों के साथ मिलीभगत कर काम कर रहे सात एजेंटों को गिरफ्तार किया है। ये एजेंट रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र स्थित ओलिव गार्डन होटल से एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क को संचालित कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि ये गिरोह निवेश का झांसा देकर डिजिटल धोखाधड़ी, म्यूल बैंक खातों के जरिये अवैध ट्रांजेक्शन जैसी गंभीर घटनाओं में शामिल था।

गिरोह की कार्यप्रणाली

पुलिस की जांच में सामने आया है कि ये गिरोह म्यूल बैंक खातों का प्रबंध कर चीन के ठगों को सहयोग दे रहा था। म्यूल बैंक खाते ऐसे बैंक खाते होते हैं जिनके असली मालिक ट्रांजेक्शन में सीधे शामिल नहीं होते, बल्कि इन खातों का उपयोग धोखाधड़ी के लिए किया जाता है। चीन में बैठे अपराधी इन खातों के जरिये करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करते थे।

गिरफ्तार सातों एजेंट देश के अलग-अलग हिस्सों से थे। इनमें बिहार के सिवान जिले के फतेहपुर बाईपास रोड निवासी कुमार दीपक, नालंदा जिले के घनेश्वर घाट निवासी कुमार सौरभ, सिवान के बबुनिया मोड़ निवासी प्रभात कुमार, नवादा जिले के कुजैला रोड निवासी शिवम कुमार, पटना के दिदारगंज खाजपुर निवासी अनिल कुमार, पटना के गौरीचक क्षेत्र के रामगंज निवासी प्रदीप कुमार और मध्य प्रदेश के सागर जिले के लखन चौरसिया शामिल हैं।

पुलिस ने इनके पास से 12 मोबाइल, 11 सिमकार्ड, 14 एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप, एक चेकबुक के साथ ही वाट्सएप और टेलीग्राम चैट से प्राप्त 60 म्यूल खातों की विवरणी भी बरामद की है।

जांच में हुआ बड़ा खुलासा

जांच के दौरान पता चला कि ये एजेंट टेलीग्राम के जरिए एक खास एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते थे। यह एप बैंक से जुड़ी सिमकार्ड में इंस्टॉल की जाती थी, जो ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) और बैंक अलर्ट्स को स्वचालित रूप से चीन में स्थित सर्वर पर ट्रांसमिट कर देती थी। इस तकनीक से चीन में बैठे अपराधी इन खातों का रिमोट एक्सेस लेकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करते थे।

पुलिस को मिली रिपोर्ट और डिजिटल साक्ष्यों के अनुसार, इन खातों का संबंध विभिन्न राज्यों में दर्ज निवेश घोटाले और डिजिटल अरेस्ट के मामलों से भी है। एनसीआरपी (राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल) पर 68 से अधिक शिकायतें इन खातों से जुड़ी हुई हैं।

साइबर अपराध के खिलाफ सघन अभियान

सीआईडी ने इस कार्रवाई को झारखंड पुलिस के साइबर अपराध के खिलाफ जारी सघन अभियान का हिस्सा बताया है। यह अभियान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान लिंक, कॉल या निवेश प्रस्ताव से सतर्क रहें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर दें।

रांची-में-साइबर-अपराध  ठगी से बचाव के उपाय

  • वॉट्सएप, टेलीग्राम या गूगल एड्स के जरिए भेजे जाने वाले निवेश ऑफर या विज्ञापन के लिंक पर बिना जांच के क्लिक न करें।

  • किसी भी अनजान बैंक खाते या यूपीआई आईडी में पैसे जमा न करें।

  • निवेश केवल सरकार द्वारा अधिकृत एप या वेबसाइट पर ही करें।

  • किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज को नजरअंदाज करें और जानकारी के लिए संबंधित साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें।

यह मामला एक गंभीर चेतावनी है कि साइबर अपराध तेजी से जटिल होते जा रहे हैं और इनके पीछे अंतरराष्ट्रीय गिरोह सक्रिय हैं। ऐसे में सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना और सतर्कता बेहद जरूरी हो गई है।

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