सफलता की कहानी: 2000 रुपये से शुरू कर खड़ी की 7000 करोड़ की ‘विजय सेल्स’, हरियाणा के नानू गुप्ता की प्रेरणादायक यात्रा
परिचय:
अगर आपके भीतर कुछ बड़ा करने की आग हो, तो मामूली साधन भी सफलता की मजबूत नींव बन जाते हैं। हरियाणा के करनाल के रहने वाले नानू गुप्ता की कहानी इसी जज़्बे का उदाहरण है। जिन्होंने कभी 2000 रुपये से छोटे कारोबार की शुरुआत की और आज उनकी कंपनी विजय सेल्स 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा की वैल्यू पर पहुंच चुकी है। यह कहानी बताती है कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।
कठिनाइयों भरा बचपन
नानू गुप्ता का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। उनके पिता सिलाई मशीन और पंखे बेचकर परिवार का खर्च चलाते थे। अक्सर हालात इतने खराब हो जाते थे कि दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल होता था।
नानू गुप्ता ने स्कूल के बाद दुकान पर पंखे और सिलाई मशीन की बिक्री में पिता का हाथ बंटाना शुरू किया। वही छोटे-छोटे अनुभव आगे चलकर उनके बड़े विज़न की बुनियाद बने।
2000 रुपये से पहली कमाई
कॉलेज की पढ़ाई खत्म होते ही उन्होंने नौकरी के बजाय कारोबार को चुना। उन्होंने 2000 रुपये से पुराने सिलाई मशीन और पंखे खरीदकर गाँव-गाँव बेचने की शुरुआत की।
पहले महीने की कमाई बहुत कम थी, लेकिन नानू गुप्ता ने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे ग्राहक भरोसा करने लगे और बिक्री बढ़ने लगी।
वे कहते हैं –
“हर ग्राहक मेरे लिए परिवार की तरह था। मैंने कभी घटिया सामान नहीं बेचा।”
‘विजय सेल्स’ की स्थापना
जैसे-जैसे ग्राहक बढ़ते गए, नानू गुप्ता ने 2010 में अपनी कंपनी विजय सेल्स का पंजीकरण कराया।
पहले यह केवल पंखे और सिलाई मशीन की थोक दुकान थी। लेकिन उन्होंने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए कर्ज लेकर एक वर्कशॉप खोली, जहां रिपेयरिंग और कस्टमाइजेशन की सेवाएं दी जाने लगीं।
यह प्रयोग कामयाब रहा। अगले तीन वर्षों में उनकी वार्षिक बिक्री 50 लाख रुपये तक पहुँच गई।
डिजिटल युग में बड़ी छलांग
2016 में नानू गुप्ता ने कारोबार को ऑनलाइन लाने की योजना बनाई। उन्होंने VijaySales.in नाम से वेबसाइट बनाई और पंखों व सिलाई मशीन की होम डिलीवरी शुरू की।
सिर्फ हरियाणा ही नहीं, दिल्ली, पंजाब और यूपी से भी ऑर्डर आने लगे। सोशल मीडिया मार्केटिंग ने विजय सेल्स की पहुंच को और व्यापक कर दिया।
कोविड-19 के समय भी उनकी सेल्स प्रभावित होने के बजाय तेजी से बढ़ी, क्योंकि लोगों ने ऑनलाइन ऑर्डर को प्राथमिकता दी।
7000 करोड़ की कंपनी तक का सफर
आज विजय सेल्स सिर्फ एक रीटेलर नहीं, बल्कि खुद मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चलाती है। कंपनी के 5 बड़े गोदाम और 3 फैक्ट्री हैं, जहां आधुनिक तकनीक से घरेलू उपकरण बनाए जाते हैं।
वर्ष 2024-25 में विजय सेल्स का कुल कारोबार 7000 करोड़ रुपये से अधिक दर्ज किया गया।
कंपनी में करीब 2500 लोग काम करते हैं और इसके उत्पाद भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश व अफ्रीकी देशों में भी निर्यात किए जाते हैं।
सामाजिक जिम्मेदारी
सिर्फ पैसे कमाना ही नानू गुप्ता का लक्ष्य नहीं रहा। विजय सेल्स की 5% वार्षिक आय सामाजिक कार्यों में जाती है।
हर साल कंपनी 500 से ज्यादा बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप देती है। इसके अलावा करनाल और पानीपत में दो निशुल्क स्कूल भी चलाए जाते हैं।
प्रेरणा का स्रोत
नानू गुप्ता की कहानी सिर्फ एक कारोबारी सफलता नहीं, बल्कि जज़्बे की मिसाल है।
वे कहते हैं –
“मुझे बड़ा बनना था ताकि मेरे जैसे छोटे दुकानदारों को ये महसूस हो कि मेहनत से कोई भी बड़ा हो सकता है।”
आज लाखों लोग उनके वीडियो और इंटरव्यू देखकर प्रेरणा पाते हैं।
निष्कर्ष
विजय सेल्स और नानू गुप्ता की कहानी हमें यह सिखाती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर आपके भीतर कुछ कर दिखाने का सपना है, तो दुनिया की कोई ताकत उसे रोक नहीं सकती।
2000 रुपये से शुरू हुआ यह कारोबार, नानू गुप्ता की कड़ी मेहनत और ईमानदारी का साकार उदाहरण है। यह कहानी हर युवा उद्यमी को यह संदेश देती है कि सपने पूरे करने के लिए बड़ी पूंजी नहीं, बड़ा इरादा चाहिए।