उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ में आयोजित रोजगार महाकुंभ 2025 के अवसर पर शिक्षा और श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने अटल आवासीय विद्यालयों के लिए ‘एकीकृत निगरानी प्रणाली पोर्टल’ लॉन्च किया, जिससे प्रदेश के 18 अटल आवासीय विद्यालयों की गतिविधियों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सुनिश्चित होगी।
सीएम योगी ने कहा कि यह पहल विशेष रूप से श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए आधुनिक, गुणवत्तापूर्ण और अनुशासित शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने उल्लेख किया कि अब तक कई बार श्रमिक अपने परिवार और बच्चों के लिए घर और स्कूल बनाते थे, लेकिन उनके अपने बच्चे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा से वंचित रह जाते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के प्रयासों से 18 अटल आवासीय विद्यालय शुरू किए गए हैं, जहाँ लगभग 18,000 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।
एकीकृत निगरानी प्रणाली पोर्टल की विशेषताएं
इस पोर्टल का संचालन अटल कमांड सेंटर के माध्यम से किया जाएगा। प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
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छात्र और शिक्षक/कर्मचारी की दैनिक उपस्थिति रीयल-टाइम में दर्ज होगी।
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प्रत्येक छात्र की प्रोफाइल, शैक्षणिक प्रगति, परीक्षा परिणाम और रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
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शिक्षण गुणवत्ता पर सीधा नियंत्रण और मूल्यांकन किया जा सकेगा।
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शिक्षकों और कर्मचारियों का पूरा विवरण पोर्टल से जुड़ा रहेगा, जिससे जवाबदेही और अनुशासन सुनिश्चित होगा।
इस प्रणाली के माध्यम से राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, संसाधनों के प्रभावी उपयोग और पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकेगी।
बेसिक शिक्षा में बदलाव: ‘एकीकृत परिसर’
सीएम योगी ने बताया कि अब बेसिक शिक्षा में भी इसी तर्ज पर ‘एकीकृत परिसर’ की व्यवस्था लागू की जा रही है। पहले चरण में 57 मुख्यमंत्री अभ्युदय और कंपोजिट विद्यालयों की स्थापना शुरू की जा चुकी है।
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ये डे स्कूल होंगे, जिनमें बच्चों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी।
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इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों को समान अवसर और शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।
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स्कूलों में डिजिटल मॉनिटरिंग और संरचनात्मक सुधार से शिक्षा की पारदर्शिता बढ़ेगी।
इस तरह, अटल आवासीय विद्यालयों और मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालयों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा और कल्याण सेवाओं का पूर्ण लाभ मिल सकेगा।
श्रमिक कल्याण के लिए न्यायिक सुधार
रोजगार महाकुंभ के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘श्रम न्याय सेतु पोर्टल’, औद्योगिक न्यायाधिकरण वेबसाइट और ई-कोर्ट पोर्टल की भी शुरुआत की।
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इन पोर्टलों के माध्यम से श्रमिकों को त्वरित, पारदर्शी और समयबद्ध न्याय उपलब्ध कराया जाएगा।
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श्रम विवादों का ऑनलाइन समाधान संभव होगा।
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24 घंटे सेवाएँ उपलब्ध होंगी, जिससे न्याय प्राप्त करना आसान और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
ये पहलें यह सुनिश्चित करेंगी कि श्रमिक परिवारों को न केवल शिक्षा में अवसर मिले, बल्कि उनके कानूनी अधिकारों की सुरक्षा भी डिजिटल और पारदर्शी माध्यम से हो सके।
राज्य सरकार की डिजिटल शिक्षा और कल्याण की दिशा
सीएम योगी की ये पहलें डिजिटल गवर्नेंस और शिक्षा सुधार की दिशा में मील का पत्थर हैं। अटल आवासीय विद्यालयों, मुख्यमंत्री अभ्युदय और कंपोजिट स्कूलों में डिजिटल मॉनिटरिंग से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, संसाधनों का कुशल उपयोग और छात्रों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा।
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डिजिटल निगरानी से छात्र और शिक्षक दोनों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
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शिक्षा संस्थानों में संसाधनों और योजनाओं का समान वितरण और प्रभावशीलता सुनिश्चित होगी।
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छात्र कल्याण योजनाओं का लाभ सीधे और त्वरित तरीके से पहुंचेगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में रोजगार महाकुंभ 2025 के दौरान लॉन्च की गई ये पहलें शिक्षा और श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का संकेत देती हैं।
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अटल आवासीय विद्यालयों और मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूलों के माध्यम से बच्चों को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
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एकीकृत निगरानी प्रणाली पोर्टल से रीयल-टाइम डेटा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
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श्रमिकों के लिए न्यायिक सुधार और डिजिटल पोर्टलों से सर्वांगीण विकास और कल्याण सुनिश्चित होगा।
इस तरह की डिजिटल और संरचनात्मक पहलें राज्य में शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देंगी और उत्तर प्रदेश को स्मार्ट और डिजिटल शिक्षा राज्य के रूप में स्थापित करेंगी।
