न्यूयॉर्क के हार्बर पर खड़ी विशालकाय प्रतिमा “स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी” केवल अमेरिका की पहचान ही नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में स्वतंत्रता, लोकतंत्र और मानवाधिकारों का प्रतीक मानी जाती है। यह प्रतिमा फ्रांस और अमेरिका के बीच गहरी मित्रता की याद दिलाती है। आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक स्मारक से जुड़ी 10 ऐसी रोचक बातें, जो शायद आपने पहले न सुनी हों।
1. फ्रांस ने दी थी अमेरिका को यह भव्य प्रतिमा तोहफे में
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी फ्रांस द्वारा अमेरिका को उपहार में दी गई थी। यह तोहफा अमेरिका की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ (1876) के अवसर पर दिया गया था। हालांकि, इसे औपचारिक रूप से 28 अक्टूबर 1886 को न्यूयॉर्क में स्थापित किया गया। इस प्रतिमा के माध्यम से फ्रांस ने अमेरिका के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों और आज़ादी के लिए अपने समर्थन को व्यक्त किया।
2. इसका असली नाम क्या है?
बहुत कम लोगों को पता है कि इस प्रतिमा का मूल नाम “Liberty Enlightening the World” है। इसका अर्थ है “दुनिया को रोशनी दिखाती स्वतंत्रता”। यह नाम प्रतिमा के उद्देश्य को दर्शाता है — स्वतंत्रता की मशाल पूरी दुनिया में जलाए रखना।
3. प्रसिद्ध डिजाइनर और इंजीनियर थे इसके पीछे
इस ऐतिहासिक प्रतिमा का डिज़ाइन फ्रांसीसी मूर्तिकार फ्रेडरिक ऑगस्टे बार्थोल्डी ने तैयार किया था, जबकि इसकी आंतरिक संरचना को गुस्ताव आइफल (जिन्होंने आइफल टॉवर का निर्माण किया था) ने डिज़ाइन किया था। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध थे।
4. तांबे से बनी है यह विशालकाय मूर्ति
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी पूरी तरह से तांबे की बनी हुई है। इसका वजन लगभग 225 टन है और इसमें करीब 31 टन तांबा लगा है। समय के साथ तांबे के ऑक्सीकरण के कारण इसका रंग हरा हो गया है, जो आज इसकी पहचान बन चुका है।
5. कितनी ऊंची है यह प्रतिमा?
इस मूर्ति की कुल ऊंचाई 305 फीट (93 मीटर) है, जिसमें उसका आधार भी शामिल है। केवल मूर्ति की ऊंचाई 151 फीट (46 मीटर) है। यह ऊंचाई इसे न्यूयॉर्क की सबसे प्रमुख संरचनाओं में से एक बनाती है।
6. हथेली में मशाल, हाथ में संविधान
प्रतिमा के दाहिने हाथ में मशाल है, जो आज़ादी का प्रतीक है। बाएं हाथ में एक टैबलेट है जिस पर JULY IV MDCCLXXVI अंकित है, जो अमेरिका की स्वतंत्रता की तारीख (4 जुलाई 1776) को दर्शाता है।
7. पैरों में टूटी हुई जंजीरें हैं
इस प्रतिमा के पैरों के पास टूटी हुई जंजीरें पड़ी हैं, जो अत्याचार और दासता से मुक्ति का प्रतीक हैं। यह बहुत कम लोग जानते हैं क्योंकि ये जंजीरें नीचे की ओर छिपी होती हैं और ऊपर से दिखाई नहीं देतीं।
8. कई हिस्सों में बनकर आया था अमेरिका
यह प्रतिमा पहले फ्रांस में 350 हिस्सों में बनाई गई और फिर इन्हें 214 क्रेट्स में भरकर अमेरिका लाया गया। वहां इन हिस्सों को जोड़कर इसे खड़ा किया गया।
9. स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी बनी हैं अंतरराष्ट्रीय पहचान
आज यह न केवल अमेरिका की पहचान है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई है। हर साल करीब 40 लाख से अधिक पर्यटक इसे देखने आते हैं।
10. यह प्रतिमा महिला को दर्शाती है
इस प्रतिमा की आकृति रोमन देवी “लिबर्टास” पर आधारित है, जो स्वतंत्रता और मुक्ति की देवी मानी जाती थीं। उनके मुकुट पर 7 किरणें हैं, जो सात महाद्वीपों और सात समुद्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं, यह दर्शाने के लिए कि स्वतंत्रता पूरी दुनिया के लिए है।
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निष्कर्ष
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी न केवल एक कलात्मक चमत्कार है, बल्कि यह विश्व को यह संदेश देती है कि आज़ादी, समानता और मानवता की रक्षा हर युग में आवश्यक है। यह प्रतिमा उस दोस्ती का प्रतीक है जो दो देशों — फ्रांस और अमेरिका — के बीच एक साझा विचारधारा के माध्यम से पनपी। अगर आप न्यूयॉर्क जाएं, तो इस ऐतिहासिक धरोहर को देखने जरूर जाएं, क्योंकि यह केवल एक प्रतिमा नहीं, बल्कि एक विचार है जो आज भी लोगों को प्रेरित करता है।