Breaking
29 Oct 2025, Wed

10-30-50 सेविंग फॉर्मूला: हर उम्र में बचत का स्मार्ट मंत्र

10-30-50 सेविंग फॉर्मूला: हर उम्र में बचत का स्मार्ट मंत्र

10-30-50 सेविंग फॉर्मूला: हर उम्र में बचत का स्मार्ट मंत्र

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में पैसे बचाना उतना ही मुश्किल हो गया है जितना जरूरी। महंगाई, लाइफस्टाइल के बढ़ते खर्च और वित्तीय असुरक्षा के बीच अक्सर लोग इस दुविधा में रहते हैं कि कितनी कमाई का कितना हिस्सा बचाना चाहिए। इसी संदर्भ में एडेलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने “10-30-50” सेविंग फॉर्मूला बताया है, जो उम्र के हिसाब से बचत की आदत को मजबूत बनाने में मदद करता है।

यह फॉर्मूला सरल है और हर इंसान के लिए लागू हो सकता है, चाहे वह नौकरीपेशा हो, बिजनेस करता हो या फ्रीलांसर हो। आइए विस्तार से समझते हैं यह फॉर्मूला क्या है और यह आपके भविष्य को कैसे सुरक्षित बना सकता है।


10-30-50 फॉर्मूला क्या है?

राधिका गुप्ता का कहना है कि उम्र के हर पड़ाव पर बचत की प्राथमिकता बदलनी चाहिए।

  1. 20 की उम्र (10%) – करियर की शुरुआती अवस्था में जब आमदनी सीमित होती है और खर्चे अधिक, तब कम से कम कमाई का 10% बचाने की आदत डालनी चाहिए। यह रकम छोटी लग सकती है, लेकिन लंबे समय में कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि ब्याज) का जादू इसे बड़ी पूंजी में बदल देता है।

  2. 30 की उम्र (30%) – इस दौर तक अधिकांश लोगों की आय स्थिर हो जाती है और जिम्मेदारियां भी बढ़ती हैं। राधिका गुप्ता सलाह देती हैं कि इस दशक में कमाई का 30% बचाना चाहिए, ताकि भविष्य की जरूरतों जैसे बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना या परिवार की सुरक्षा के लिए पर्याप्त फंड तैयार हो सके।

  3. 40 की उम्र (50%) – जीवन का यह चरण भविष्य की तैयारी का सबसे अहम समय होता है। यहां तक पहुंचते-पहुंचते व्यक्ति का करियर मजबूत हो जाता है और आय का स्तर भी ऊंचा हो सकता है। इसलिए 40 की उम्र के बाद कमाई का 50% बचाने की आदत डालनी चाहिए, जिससे रिटायरमेंट, स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें और लंबे समय के लक्ष्य सुरक्षित रह सकें।


क्यों जरूरी है यह फॉर्मूला?

1. कंपाउंडिंग का फायदा

अगर आप 20 की उम्र से ही 10% बचाना शुरू कर देते हैं, तो छोटी-सी राशि भी 15-20 साल बाद बड़ी पूंजी बन सकती है। उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने ₹5000 निवेश करते हैं और 12% वार्षिक रिटर्न मिलता है, तो 20 साल बाद यह राशि लगभग ₹50 लाख तक पहुंच सकती है।

2. लाइफस्टाइल और जिम्मेदारियों का संतुलन

20 की उम्र में खर्च अधिक और बचत की क्षमता कम होती है। वहीं 30 की उम्र में स्थिरता आती है और बचत की क्षमता बढ़ जाती है। 40 की उम्र तक जिम्मेदारियां कम हो जाती हैं और बचत पर फोकस बढ़ाना आसान हो जाता है। यह फॉर्मूला उम्र और जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाता है।

3. फाइनेंशियल डिसिप्लिन

हर दशक के हिसाब से बचत का टारगेट तय करने से जीवन में वित्तीय अनुशासन आता है। लोग बेवजह खर्च करने के बजाय अपनी प्राथमिकताओं को पहचानते हैं और भविष्य को सुरक्षित बनाते हैं।


भारतीय संदर्भ में 10-30-50 का महत्व

भारत जैसे देश में जहां सामाजिक सुरक्षा प्रणाली (Social Security System) उतनी मजबूत नहीं है, वहां व्यक्तिगत बचत और निवेश बहुत मायने रखते हैं। अधिकतर लोग रिटायरमेंट के बाद पेंशन या सरकारी सहायता पर निर्भर नहीं रह सकते। ऐसे में यह फॉर्मूला भारतीय मध्यवर्ग और युवाओं के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है।

आजकल के युवाओं के लिए EMI, लोन और खर्चों के बीच बचत की आदत डालना आसान नहीं होता। ऐसे में यदि शुरुआती 20s में ही 10% बचाने की आदत पड़ जाए तो आगे का रास्ता आसान हो जाता है।


किन निवेश विकल्पों में करें बचत?

सिर्फ पैसे बचाना ही काफी नहीं है, उसे सही जगह निवेश करना भी जरूरी है।

  • 20 की उम्र – म्यूचुअल फंड SIP, इक्विटी फंड्स, पीपीएफ (PPF) जैसे लंबे समय के निवेश बेहतर विकल्प हैं।

  • 30 की उम्र – घर के लिए डाउन पेमेंट, बच्चों की शिक्षा योजना, इंश्योरेंस और बैलेंस्ड फंड्स अच्छे विकल्प हैं।

  • 40 की उम्र – रिटायरमेंट फंड, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), फिक्स्ड डिपॉजिट और सुरक्षित म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश पर फोकस करना चाहिए।


चुनौतियाँ और समाधान

  • कम आय और बढ़ते खर्च – शुरुआती करियर में बचत मुश्किल होती है। समाधान है – छोटी राशि से शुरुआत करें, भले ही 500 रुपये ही क्यों न हों।

  • लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन – आय बढ़ने पर लोग खर्च भी बढ़ा देते हैं। समाधान है – आय बढ़ने के साथ बचत प्रतिशत भी बढ़ाएं।

  • इमरजेंसी जरूरतें – अचानक आने वाले मेडिकल या अन्य खर्च बचत को प्रभावित कर सकते हैं। समाधान है – एक इमरजेंसी फंड बनाएं जो कम से कम 6 महीने के खर्च को कवर कर सके।


विशेषज्ञों की राय

वित्तीय विशेषज्ञ मानते हैं कि यह फॉर्मूला हर वर्ग के लोगों के लिए उपयोगी है। खासकर युवाओं को यदि शुरुआती उम्र में ही यह आदत पड़ जाए तो वे भविष्य में आर्थिक रूप से बेहद मजबूत हो सकते हैं।


निष्कर्ष

10-30-50 फॉर्मूला न केवल बचत की आदत डालने का तरीका है, बल्कि यह जीवनभर की वित्तीय सुरक्षा का आधार भी बन सकता है।

👉 20 की उम्र – कम से कम 10% बचाएं
👉 30 की उम्र – कमाई का 30% बचत में डालें
👉 40 की उम्र – आधी आय बचाने की आदत डालें

अगर कोई व्यक्ति इस फॉर्मूले को गंभीरता से अपनाए, तो वह न केवल अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकता है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद भी सम्मानजनक और निश्चिंत जीवन जी सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *