ओडिशा में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला: डिप्टी रेंजर रामचंद्र नेपक गिरफ्तार, 1.43 करोड़ नकद और भारी संपत्ति जब्त
भुवनेश्वर, 26 जुलाई 2025 — ओडिशा में एक बार फिर सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के सतर्कता विभाग (Odisha Vigilance Department) ने जेपोर वन रेंज के डिप्टी रेंजर रामचंद्र नेपक को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया है। छापेमारी के दौरान उनके घर और अन्य ठिकानों से भारी मात्रा में नकद और संपत्ति जब्त की गई, जिसकी कुल अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये में है।
🕵️♂️ छह ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति बरामद
सतर्कता विभाग ने शुक्रवार को जेपोर वन रेंज, कोरापुट, और अन्य स्थानों पर एक साथ छापेमारी की थी। कुल छह ठिकानों पर हुई इस कार्रवाई में अधिकारियों ने जो संपत्ति जब्त की, वह चौंकाने वाली है:
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₹1.43 करोड़ नकद
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तीन फ्लैट और एक बहुमंजिला इमारत
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दो कीमती प्लॉट
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₹1.33 करोड़ से अधिक की बैंक जमा राशि
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1.5 किलोग्राम सोना और 4.6 किलोग्राम चांदी
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दो लग्जरी कारें और अन्य मूल्यवान वस्तुएं
गिरफ्तार अधिकारी का मासिक वेतन मात्र ₹76,880 है, ऐसे में इतनी बड़ी संपत्ति का औचित्य नहीं बताया जा सका।
👮♂️ डिप्टी रेंजर की शुरुआत ग्राम वनकर्मी से
रामचंद्र नेपक ने 9 मार्च 1989 को कोरापुट के सामाजिक वानिकी प्रभाग में एक ग्राम वनकर्मी (Village Forest Worker) के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे पदोन्नति पाकर वह डिप्टी रेंजर-सह-प्रभारी रेंजर के पद तक पहुँचे।
लेकिन इतने वर्षों की सेवा के बाद भी उनकी घोषित आय के मुकाबले बरामद संपत्ति आय के ज्ञात स्रोतों से कई गुना अधिक पाई गई, जिससे उनकी गिरफ्तारी हुई।
⚖️ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
सतर्कता विभाग के बयान के अनुसार, रामचंद्र नेपक को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत गिरफ्तार किया गया है। शनिवार को उन्हें जेपोर के विशेष सतर्कता न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पूछताछ के दौरान नेपक अपनी संपत्ति की जानकारी और स्रोत को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। अब उनके खिलाफ विस्तृत जांच जारी रहेगी, और विभाग अन्य संबंधित लोगों की भूमिका की भी जांच कर सकता है।
📊 क्या कहती है राज्य की सतर्कता रिपोर्ट?
ओडिशा में इस तरह की छापेमारी अब आम होती जा रही है। 2025 की पहली छमाही में ही:
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60+ अधिकारी सतर्कता जांच के घेरे में हैं
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कुल जब्त संपत्ति ₹15 करोड़ से अधिक है
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30 से अधिक अधिकारियों को निलंबित या बर्खास्त किया जा चुका है
यह कार्रवाई दर्शाती है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ को गंभीरता से लागू कर रही है।
🔗 बाहरी संसाधन (External Resources)
📝 निष्कर्ष: क्या यह बदलाव की शुरुआत है?
रामचंद्र नेपक की गिरफ्तारी ओडिशा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी और सशक्त कार्रवाई मानी जा रही है। एक ऐसा व्यक्ति जो मामूली वेतन पर कार्यरत था, उसके पास से इतनी संपत्ति का मिलना यह दर्शाता है कि नियंत्रण और पारदर्शिता की अब पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है।
यह कार्रवाई अन्य अधिकारियों के लिए चेतावनी है कि गोपनीयता और पद का दुरुपयोग अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, यह आम जनता के लिए एक सकारात्मक संकेत है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई अब और तेज़ हो रही है।
📢 क्या आपके पास भी किसी सरकारी भ्रष्टाचार से जुड़ी जानकारी है?
आप Odisha Vigilance पोर्टल पर गुप्त रूप से शिकायत दर्ज कर सकते हैं।