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8 Aug 2025, Fri

क्यों सोनीपत बन रहा है रियल एस्टेट निवेश का नया हॉटस्पॉट? गुरुग्राम और नोएडा को दे रहा कड़ी टक्कर

हरियाणा का सोनीपत शहर आज तेजी से विकसित हो रहा है और रियल एस्टेट के क्षेत्र में यह गुरुग्राम और नोएडा जैसे स्थापित बाजारों को सीधी चुनौती दे रहा है। हाल ही में मनीकंट्रोल की रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि सोनीपत की कनेक्टिविटी, बढ़ता इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेशकों का रुझान इसे नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।

आज से कुछ साल पहले तक सोनीपत को केवल औद्योगिक हब के रूप में देखा जाता था, लेकिन 2020 के बाद यहां प्रॉपर्टी की मांग में जबरदस्त उछाल आया है। विशेषज्ञ बताते हैं कि पिछले चार सालों में यहां रियल एस्टेट की कीमतें करीब 190% तक बढ़ चुकी हैं, और यही वजह है कि सोनीपत में निवेशकों का भरोसा लगातार मजबूत होता जा रहा है।

प्रॉपर्टी रेट्स में बड़ा उछाल

रिपोर्ट के मुताबिक सोनीपत में फिलहाल प्रॉपर्टी के रेट ₹4,500 से ₹6,500 प्रति स्क्वायर फीट तक पहुंच गए हैं। यह तेजी गुरुग्राम या नोएडा के मुकाबले अब ज्यादा अंतर नहीं छोड़ रही। विशेष रूप से जीटी रोड, कुंडली, राई और ओर अन्य क्षेत्रों में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट विकसित हो रहे हैं।

रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि सोनीपत का यह विकास कोई संयोग नहीं है, बल्कि यहां तीन प्रमुख वजहें हैं जिनकी वजह से यह हॉटस्पॉट बन रहा है:

  1. कनेक्टिविटी में सुधार: दिल्ली से सीधा नेशनल हाईवे और कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे से जुड़ाव।
  2. इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश: नये रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट, मेट्रो और रेलवे कनेक्टिविटी की योजनाएं।
  3. निवेश पर बेहतरीन रिटर्न: कई निवेशकों को अब तक उनके निवेश पर दोगुना से ज्यादा लाभ मिल चुका है।

गुरुग्राम और नोएडा पर क्यों भारी पड़ रहा सोनीपत?

एक समय में गुरुग्राम और नोएडा ही दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट के केंद्र माने जाते थे। वहां की कीमतें इतनी ऊंची हो गई हैं कि मिडल क्लास और लोअर मिडल क्लास के लिए घर खरीदना मुश्किल होता जा रहा है। इसके उलट सोनीपत में अभी भी तुलनात्मक रूप से सस्ती प्रॉपर्टी उपलब्ध है।

साथ ही, कनेक्टिविटी में हो रहे सुधार, बेहतर सड़कें, नई इंडस्ट्रियल इकाइयों का आना और शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश ने यहां की लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए हैं। यही वजह है कि दिल्ली और आसपास के शहरों के लोग सोनीपत को रहने और निवेश के लिए प्राथमिकता देने लगे हैं।

लग्जरी हाउसिंग में भी पीछे नहीं

सोनीपत में केवल अफोर्डेबल हाउसिंग ही नहीं, बल्कि लग्जरी प्रोजेक्ट्स की भी भरमार देखने को मिल रही है। हाल ही में कुछ डेवलपर्स ने हाई-एंड विला और गेटेड सोसाइटीज़ के प्रोजेक्ट लॉन्च किए हैं, जिनकी बुकिंग रिकॉर्ड टाइम में पूरी हो गई।

विशेषज्ञ बताते हैं कि अगले 3–4 सालों में यहां का रियल एस्टेट मार्केट 250% तक ग्रोथ दर्ज कर सकता है। कई बिल्डर्स सोनीपत को ‘नेक्स्ट गुरुग्राम’ की उपाधि तक देने लगे हैं।

निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर

2020 के बाद कोविड महामारी ने दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट को काफी प्रभावित किया था। हालांकि, सोनीपत जैसे उभरते क्षेत्रों में मांग में तेजी आई, क्योंकि लोग भीड़-भाड़ वाले शहरों से निकलकर कम घनी आबादी वाले क्षेत्रों की ओर रुख करने लगे।

अब यहां निवेश का फायदा यह है कि शुरुआती दौर में प्रॉपर्टी लेने से शानदार रिटर्न की संभावना रहती है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जिन निवेशकों ने 2020 में यहां प्रॉपर्टी खरीदी थी, उनकी वैल्यू लगभग दोगुनी हो चुकी है।

किन क्षेत्रों में ज्यादा मांग?

विशेष रूप से कुंडली, सेक्टर 27, सेक्टर 35, सेक्टर 7 और राई इलाके में प्रॉपर्टी की मांग सबसे ज्यादा बढ़ी है। कुंडली बॉर्डर पर मेट्रो कनेक्टिविटी की योजना और लाजिस्टिक हब बनने की संभावनाओं ने यहां निवेशकों को आकर्षित किया है।

चुनौतियां भी हैं

हालांकि सोनीपत की तरक्की की रफ्तार सराहनीय है, मगर चुनौतियां भी मौजूद हैं। ट्रैफिक मैनेजमेंट, पर्याप्त जल आपूर्ति, प्रदूषण नियंत्रण और योजनाबद्ध विकास जैसे क्षेत्रों में अभी सुधार की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

रियल एस्टेट के जानकारों का मानना है कि यदि यही रुझान जारी रहा तो आने वाले कुछ वर्षों में सोनीपत रियल एस्टेट का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन सकता है। affordability और connectivity की वजह से यह शहर गुरुग्राम और नोएडा की लोकप्रियता को चुनौती दे रहा है।

यदि आप दिल्ली-एनसीआर में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो सोनीपत जरूर आपके रडार पर होना चाहिए। यहां अभी भी तुलनात्मक रूप से किफायती रेट पर प्रॉपर्टी उपलब्ध है और आने वाले समय में इसके और बढ़ने की पूरी संभावना है।

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