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8 Aug 2025, Fri

बिहार में पेट्रोल पंप खोलना हुआ आसान: नीतीश सरकार ने बदले नियम, छोटे भूखंडों पर भी अब मिलेगा लाइसेंस

बिहार में पेट्रोल पंप खोलना हुआ आसान: नीतीश सरकार ने बदले नियम, छोटे भूखंडों पर भी अब मिलेगा लाइसेंस

बिहार में पेट्रोल पंप खोलना हुआ आसान: नीतीश सरकार ने बदले नियम, छोटे भूखंडों पर भी अब मिलेगा लाइसेंस


पटना, बिहार।
बिहार में अब पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशन खोलने की प्रक्रिया और भी आसान बना दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिससे राज्य में ईंधन कारोबार से जुड़े उद्यमियों और निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी।

अब राज्य में मात्र 20 मीटर x 20 मीटर (400 वर्ग मीटर) की ज़मीन पर भी पेट्रोल पंप या सीएनजी स्टेशन खोलना संभव होगा। पहले यह सीमा 30 मीटर लंबाई और 20 मीटर चौड़ाई, यानी 600 वर्ग मीटर की थी। इस बदलाव से न केवल व्यापार के नए अवसर खुलेंगे, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी ईंधन सुविधाएं सुलभ होंगी।


🔹 क्या है नया नियम?

नई नीति के अनुसार:

  • 400 वर्ग मीटर (20mx20m) की जमीन पर अब पंप खोलने की अनुमति दी जाएगी।
  • इससे पहले 600 वर्ग मीटर (30mx20m) जमीन की आवश्यकता थी।
  • पेट्रोल और सीएनजी, दोनों तरह के स्टेशन इस नियम के दायरे में आएंगे।
  • नियम का लाभ सभी जिलों के छोटे निवेशकों और लघु भूखंड धारकों को मिलेगा।

यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो शहरों या कस्बों में छोटे भूखंडों पर व्यवसायिक कार्य करना चाहते हैं लेकिन जगह की कमी के कारण पिछड़ रहे थे।


🔹 क्यों किया गया यह बदलाव?

बिहार में अक्सर यह शिकायत रही है कि पेट्रोल पंप खोलने के लिए आवश्यक ज़मीन की शर्तें बहुत कठोर थीं, जिससे आम उद्यमियों को कठिनाई होती थी। राज्य सरकार को इस संबंध में लगातार आवेदन मिल रहे थे कि न्यूनतम भूमि सीमा को कम किया जाए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन मांगों को गंभीरता से लिया और नीति में संशोधन का निर्देश दिया। इसके बाद कैबिनेट की मंजूरी के साथ नए नियम लागू कर दिए गए।

राज्य सरकार का मानना है कि इससे:

  • ईंधन की उपलब्धता बढ़ेगी,
  • स्थानीय रोजगार सृजन होगा,
  • और निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

🔹 क्या होगा इसका प्रभाव?

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेगी सुविधा

अब तक गांवों और दूरदराज इलाकों में पेट्रोल पंप खोलना मुश्किल होता था क्योंकि वहां 600 वर्ग मीटर की जमीन मिलना आसान नहीं था। नए नियम से छोटे भूखंडों पर भी पंप खुल सकेंगे।

नए निवेशकों को प्रोत्साहन

कम भूमि आवश्यकता से छोटे स्तर के व्यापारी भी इस व्यवसाय में उतर सकेंगे। इससे निजी निवेश में तेजी आएगी।

सीएनजी के विस्तार को मिलेगा बल

बिहार में सीएनजी नेटवर्क अभी बहुत सीमित है। छोटे भूखंडों पर सीएनजी स्टेशन खोलने की अनुमति मिलने से इसका नेटवर्क भी तेजी से बढ़ेगा।

महिलाओं और युवाओं को मिलेगा अवसर

राज्य में महिला उद्यमिता और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के तहत यह नियम कारगर साबित हो सकता है।


🔹 पेट्रोल पंप या CNG स्टेशन खोलने की प्रक्रिया

नया नियम लागू होने के बाद भी, पंप खोलने के लिए कुछ ज़रूरी प्रक्रियाएं हैं:

  1. ऑयल कंपनी से डीलरशिप आवेदन
    HPCL, BPCL, IOCL जैसी कंपनियां समय-समय पर डीलरशिप के लिए आवेदन आमंत्रित करती हैं।
  2. भूमि दस्तावेज़
    ज़मीन के वैध दस्तावेज़, जैसे कि रसीद, खतियान, रजिस्ट्री आदि जरूरी हैं।
  3. भूमि की NOC
    जिला प्रशासन और नगर निकाय से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।
  4. पर्यावरणीय स्वीकृति (EC)
    पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है।
  5. सुरक्षा और तकनीकी स्वीकृति
    फायर डिपार्टमेंट और ऑयल कंपनी की तकनीकी टीम से मंजूरी लेनी होती है।

🔹 बिहार सरकार का उद्देश्य

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार का उद्देश्य ‘हर गांव तक ईंधन सेवा’ पहुंचाना है। साथ ही यह भी प्रयास है कि बिहार के युवा रोजगार पाने के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर न रहें बल्कि राज्य में ही उद्यमिता को अपनाएं।

नई नीति के लागू होने से पेट्रोलियम क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।


🔹 क्या कहती हैं ऑयल कंपनियां?

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) ने बिहार सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसे कंपनियों का मानना है कि इससे ग्रामीण बाजारों में प्रवेश करना आसान होगा और वे जल्द ही नए स्थानों पर पंप खोलने के प्रस्ताव जारी करेंगी।


🔹 निष्कर्ष

बिहार सरकार द्वारा पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशन खोलने के नियमों में किया गया यह बदलाव न सिर्फ व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक रूप से भी राज्य को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगा। छोटे भूखंड धारकों, युवाओं और निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।

राज्य के विकास की दिशा में उठाया गया यह कदम आने वाले समय में ऊर्जा सुरक्षा, रोजगार और उद्यमिता के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन ला सकता है।

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