पति की मजबूरी बनी मौत की वजह: नागपुर में दिल दहला देने वाला मामला
नागपुर में रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करती प्रेमकथा: जब प्यार बना मौत की साजिश
नागपुर के तरुड़ी खुर्द इलाके से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की गरिमा और विश्वास को झकझोर कर रख दिया है। एक बीमार और अपाहिज पति के साथ उसकी पत्नी ने जो किया, वह न केवल कानून बल्कि इंसानियत के लिए भी शर्मनाक है। यह कहानी है दिशा और चंद्रसेन रामटेके की—एक ऐसा रिश्ता, जिसमें बीमारी ने शरीर को तोड़ दिया, लेकिन दिल को नहीं। पर अफसोस, यह दिल भी तब टूटा जब भरोसे की सबसे बड़ी चोट मिली, उस इंसान से, जिससे उम्रभर का साथ मांगा था।
38 वर्षीय चंद्रसेन रामटेके पिछले एक साल से पैरालिसिस का शिकार थे। बीमारी ने उनके शरीर को बिस्तर से बांध दिया था। एक समय मेहनतकश और आत्मनिर्भर रहे चंद्रसेन, अब दूसरों पर निर्भर थे। इस दौर में उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी अपने परिवार और खासकर अपनी पत्नी दिशा के साथ की। लेकिन जीवन की इस कठिन घड़ी में, दिशा ने वो राह चुनी, जो किसी भी संवेदनशील दिल को झकझोर सकती है।
पुलिस की जांच के अनुसार, चंद्रसेन की बीमारी के दौरान दिशा का संबंध 28 वर्षीय आसिफ उर्फ राजाबाबू टायरवाला नाम के युवक से हो गया। आसिफ और दिशा के बीच नजदीकियां बढ़ीं, और उनका रिश्ता धीरे-धीरे शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में गहराता गया। यह इश्क अब बस एक प्रेम-प्रसंग नहीं रहा, बल्कि एक ऐसे मोड़ पर आ चुका था, जहां रास्ते में चंद्रसेन की मौजूदगी दोनों के लिए ‘रुकावट’ बन चुकी थी।
जैसे-जैसे चंद्रसेन को इस रिश्ते की भनक लगती गई, घर में तनाव बढ़ता गया। दिशा और आसिफ के बीच बातचीत अब एक नए मुकाम पर पहुंच चुकी थी—हत्या की साजिश। पुलिस के मुताबिक, दोनों ने मिलकर एक प्लान बनाया कि चंद्रसेन को रास्ते से हटाना ही उनके “आज़ाद” जीवन का रास्ता खोल सकता है। और इसके लिए उन्होंने चुना शुक्रवार का दिन।
कत्ल की रात जो कुछ हुआ, वो बेहद खौफनाक था। पुलिस रिपोर्ट्स के अनुसार, दिशा ने चंद्रसेन का हाथ पकड़ा और उन्हें भरोसे में लिया, जबकि पीछे से आसिफ ने एक तकिए से उनका दम घोंट दिया। एक बीमार इंसान, जो पहले से ही जीवन की लड़ाई हार रहा था, उसे सबसे भरोसेमंद व्यक्ति ने मौत की नींद सुला दिया।
हत्या को बीमारी से हुई सामान्य मौत दिखाने की कोशिश की गई। दिशा ने दावा किया कि चंद्रसेन की मौत उनकी स्वास्थ्य स्थिति के कारण हुई है। लेकिन जब शव का पोस्टमॉर्टम हुआ, तो सच्चाई सामने आ गई। रिपोर्ट में दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई, जिससे दिशा का झूठ बेनकाब हो गया।
पुलिस ने दिशा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया, जहां उसने आखिरकार अपने अपराध को कबूल कर लिया। उसके बयान से यह भी सामने आया कि पूरा प्लान पहले से ही तैयार किया गया था और इसे अंजाम देने में कोई हिचक नहीं दिखाई गई।
वाथोडा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने दिशा और आसिफ दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और अब न्यायिक प्रक्रिया अपने रास्ते पर आगे बढ़ रही है।
सवाल जो हमें सोचने पर मजबूर करते हैं
इस घटना ने सिर्फ एक हत्या नहीं दिखाई, बल्कि उस सोच को भी उजागर किया है जहां रिश्तों में प्रेम के नाम पर लालच, वासना और खुदगर्ज़ी का ज़हर घुल चुका है। एक बीमार पति, जिसने जीवन भर अपना परिवार चलाया, वही आज अपने सबसे करीबी से धोखा खा गया।
क्या समाज में रिश्तों की परिभाषा इतनी बदल चुकी है कि ज़िम्मेदारियाँ बोझ लगने लगती हैं और सहानुभूति की जगह लालच ले लेता है?
यह केस कानून के तहत निपटेगा, लेकिन समाज को इससे सबक लेना जरूरी है—कि एक कमजोर इंसान की मजबूरी को उसकी मौत की वजह ना बनने दें।