जूनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप 2025: झारखंड ने हरियाणा को 2-1 से हराकर लगातार दूसरा खिताब जीता
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर झारखंड की जूनियर महिला हॉकी टीम ने एक बार फिर अपने राज्य का नाम रोशन करते हुए खेल प्रेमियों को बड़ी खुशी दी। 01 से 12 अगस्त तक आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा में आयोजित 15वीं हॉकी इंडिया जूनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप के फाइनल में झारखंड ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी हरियाणा को 2-1 से हराकर लगातार दूसरे वर्ष खिताब अपने नाम किया।
यह जीत सिर्फ एक टूर्नामेंट की सफलता नहीं है, बल्कि झारखंड की महिला हॉकी के सुनहरे अध्याय में एक और गौरवपूर्ण पन्ना जोड़ने जैसा है। इससे पहले झारखंड 2024, 2019 और 2018 में भी इस चैंपियनशिप की विजेता रह चुकी है। इस तरह यह टीम पांच वर्षों में चौथी बार खिताब जीतने में सफल रही है।
मैच का रोमांच: स्वीटी और शांति ने दिलाई बढ़त
फाइनल मुकाबला मंगलवार को खेला गया, जिसमें शुरुआत से ही झारखंड की खिलाड़ी आक्रामक रुख में दिखीं। टीम की स्टार फॉरवर्ड स्वीटी डुंगडुंग ने मैच के 10वें मिनट में गोल करते हुए टीम को 1-0 की शुरुआती बढ़त दिलाई। यह स्वीटी का इस टूर्नामेंट में पांचवां गोल था, जिससे वह टूर्नामेंट की सबसे ज्यादा गोल करने वाली खिलाड़ी बनीं।
सिर्फ दो मिनट बाद, 12वें मिनट में शांति कुमारी ने शानदार फील्ड गोल दागा, जिससे झारखंड की बढ़त 2-0 हो गई। पहले क्वार्टर में दो गोल दागकर झारखंड ने विपक्षी टीम पर दबाव बना दिया।
हरियाणा ने मैच के आखिरी क्वार्टर में वापसी की कोशिश की। 52वें मिनट में कीर्ति ने पेनाल्टी कॉर्नर से गोल किया और स्कोर 2-1 कर दिया। लेकिन झारखंड की डिफेंस ने मजबूती से मोर्चा संभालते हुए अंत तक अपनी बढ़त बनाए रखी और टीम को जीत दिलाई।
झारखंड का स्वर्णिम साल: तीन वर्गों में चैंपियन
इस साल झारखंड की महिला हॉकी के लिए ऐतिहासिक रहा है। सीनियर, जूनियर और सब-जूनियर — तीनों वर्गों में झारखंड की महिला टीम ने राष्ट्रीय चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। यह उपलब्धि किसी भी राज्य के लिए बड़ी और प्रेरणादायक है।
खेल विभाग और हॉकी झारखंड ने इस जीत को राज्य के खेल इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया और खिलाड़ियों को बधाई दी। इस जीत ने न सिर्फ राज्य के खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि आने वाली पीढ़ी की लड़कियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है।
स्वीटी डुंगडुंग – टूर्नामेंट की स्टार
इस टूर्नामेंट में स्वीटी डुंगडुंग का प्रदर्शन शानदार रहा। पांच गोल के साथ उन्होंने न केवल झारखंड को फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि टीम के आत्मविश्वास को भी ऊंचा रखा। मैदान पर उनकी गति, सटीक पासिंग और फिनिशिंग स्किल ने उन्हें विरोधी टीम के लिए हमेशा खतरा बनाए रखा।
स्वीटी के साथ-साथ शांति कुमारी और गोलकीपर की बेहतरीन डिफेंसिव रणनीति ने झारखंड की जीत में अहम योगदान दिया।
मैच का सफर और झारखंड की तैयारी
चैंपियनशिप के दौरान झारखंड ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया। ग्रुप स्टेज से लेकर सेमीफाइनल और फाइनल तक, टीम ने संतुलित खेल और टीमवर्क का उदाहरण पेश किया। खिलाड़ियों की फिटनेस, कोच की रणनीति और राज्य संघ की सपोर्ट ने टीम को मजबूत बनाया।
मैदान में खिलाड़ियों की फुर्ती और पासिंग गेम हर मैच में देखने लायक रही। खासकर सेमीफाइनल में झारखंड की आक्रामक हॉकी ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया, और यही लय फाइनल में भी जारी रही।
राज्य के लिए गर्व का पल
इस जीत से झारखंड में खेलों को लेकर उत्साह का माहौल है। राज्य सरकार और खेल विभाग ने खिलाड़ियों को सम्मानित करने और उन्हें आगे और बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
झारखंड में हॉकी हमेशा से लोकप्रिय खेल रहा है, और यह जीत इस परंपरा को और मजबूत करती है। आने वाले वर्षों में झारखंड से और भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी निकलने की संभावना है।
निष्कर्ष
जूनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप 2025 में झारखंड की यह जीत सिर्फ एक खेल उपलब्धि नहीं, बल्कि संघर्ष, मेहनत और टीम स्पिरिट की मिसाल है। अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर मिली यह सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
झारखंड की बेटियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। अब राज्य की नज़रें अगली चैंपियनशिप पर हैं, जहां टीम एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी में जुट जाएगी।