IED Blast: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों का आईईडी विस्फोट, एक जवान शहीद, तीन घायल
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से नक्सली हिंसा की एक और दर्दनाक खबर सामने आई है। सोमवार सुबह माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) का एक बहादुर जवान शहीद हो गया, जबकि तीन अन्य जवान घायल हो गए। घटना इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र की है, जहां पुलिस और सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी।
अभियान के दौरान हुआ विस्फोट
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI) को जानकारी दी कि रविवार को बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में नक्सली विरोधी अभियान शुरू किया गया था। यह अभियान जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और राज्य पुलिस की टीम ने मिलकर चलाया।
सोमवार सुबह जब जवानों की टीम जंगल में आगे बढ़ रही थी, तभी नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी पर उनका वाहन चढ़ गया। अचानक हुए धमाके में DRG के जवान दिनेश नाग मौके पर ही शहीद हो गए, जबकि तीन अन्य साथी गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायल जवान खतरे से बाहर
घायल जवानों को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बीजापुर जिला अस्पताल ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल तीनों जवानों की हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं।
शहीद जवान दिनेश नाग की वीरता
IED विस्फोट में शहीद हुए जवान की पहचान दिनेश नाग के रूप में हुई है। वे जिला रिजर्व गार्ड के सदस्य थे और कई वर्षों से नक्सल विरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। उनकी शहादत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। स्थानीय लोग और साथी जवान उन्हें एक बहादुर योद्धा के रूप में याद कर रहे हैं, जिन्होंने माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
बीजापुर: नक्सलियों का गढ़
छत्तीसगढ़ का बीजापुर जिला लंबे समय से नक्सल गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। घने जंगल और दुर्गम इलाकों के कारण माओवादियों को यहां सुरक्षित पनाह मिलती रही है। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र विशेष रूप से नक्सलियों की गतिविधियों का गढ़ माना जाता है, जहां सुरक्षाबलों को अक्सर घात लगाकर हमलों और आईईडी विस्फोटों का सामना करना पड़ता है।
आईईडी विस्फोट नक्सलियों की पुरानी रणनीति रही है। वे जंगलों और कच्चे रास्तों में बारूदी सुरंग बिछाकर सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं। इसी रणनीति के तहत बीजापुर में यह विस्फोट किया गया।
लगातार बढ़ती चुनौतियां
बीजापुर और आसपास के क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी हैं। सुरक्षाबलों को कई बार बड़ी सफलता भी मिली है, लेकिन आईईडी जैसी चुनौतियों के कारण जवानों की सुरक्षा हमेशा दांव पर रहती है। सुरक्षाबलों का कहना है कि नक्सलियों की हरकतें इलाके में विकास कार्यों को भी प्रभावित करती हैं, क्योंकि वे सड़कों, स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी हमला करते हैं।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना के बाद पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट के जिम्मेदार नक्सलियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दिनेश नाग का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उनकी शहादत नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करेगी।
शहादत का सबक
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नक्सली हिंसा केवल सुरक्षा का ही नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं का भी बड़ा संकट है। जवान अपनी जान की परवाह किए बिना आम नागरिकों की सुरक्षा और राज्य में शांति स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दिनेश नाग की शहादत इस संघर्ष का एक और प्रतीक बन गई है।
निष्कर्ष
बीजापुर का यह आईईडी विस्फोट छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या की गंभीरता को एक बार फिर सामने लाता है। एक जवान की शहादत और तीन अन्य के घायल होने की घटना इस बात की याद दिलाती है कि माओवादी हिंसा से निपटना आसान नहीं है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने चुनौती है कि वे नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास और शांति बहाल करने के साथ-साथ जवानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। शहीद जवान दिनेश नाग का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा और उनकी वीरता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।