लगातार बारिश से तिलैया डैम जलस्तर बढ़ा — गेट लेवल के करीब पहुंचा सहजावस्था में इमरजेंसी अलर्ट
पृष्ठभूमि
तिलैया डैम, झारखंड के कोडरमा जिले में बराकर नदी पर स्थित एक प्रमुख बहुउद्देश्यीय डैम है, जिसे दामोदर घाटी कॉर्पोरेशन (DVC) द्वारा 21 फरवरी 1953 को स्थापित किया गया था। इसकी ऊँचाई लगभग 99 फीट (30.28 मीटर) और लम्बाई करीब 1201 फीट (366 मीटर) है, तथा इसके रिज़र्वोयर का सतही क्षेत्र लगभग 59 वर्ग किलोमीटर है। इस डैम की एक महत्वपूर्ण भूमिका क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई और बिजली उत्पादन (कुल क्षमता 4 मेगावाट) में रही है WikipediaDVCLive Hindustan।
मौजूदा स्थिति
हाल ही में लगातार हुई भारी बारिश के कारण तिलैया डैम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पानी का स्तर वर्तमान में 1209.40 फीट पर है, जो कि गेट लेवल (1212 फीट) से केवल ढाई फीट नीचे है—यानी डैम बेहद सजग स्थिति में है Live Hindustan।
इसके अलावा hindustan (भिंड) की एक अन्य रिपोर्ट में शुक्रवार को जलस्तर का 1210.07 फीट मापा गया, जो कि गेट लेवल के बमुश्किल एक फीट नीचे था Live Hindustan।
इन दीर्घकालिक स्तरों से यह स्पष्ट होता है कि डैम वर्तमान में बाढ़ या असामान्य जल निकासी के लिए नजदीकी स्थिति में है।
हाइडल उत्पादन और प्रबंधन
उभरते जलस्तर के चलते डैम के हाइडल बिजली उत्पादन युनिटों को सक्रिय कर दिया गया है। इस दिशा में दो 2 मेगावाट की युनिटों द्वारा बिजली उत्पादन शुरू कर दिया गया जिससे पानी को नियंत्रित तरीके से रिलीज़ किया जा सके और बिजली उत्पादन भी सुनिश्चित किया जा सके Live Hindustan+1।
आपात स्थिति की तैयारी — EAP (Emergency Action Plan)
DVC की Emergency Action Plan (EAP) के अनुसार, कोडरमा, हज़ारिबाग, गिरिडीह, धनबाद, जमताड़ा (बराकर नदी के आसपास) जिलों में निवासरत लोगों को तत्काल प्रभाव से निकाला जाना चाहिए DVC+1। यह स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन व्यापक सतर्कता और सावधानी बरत रहा है और संभावित बाढ़ की रोकथाम की दिशा में मुकम्मल प्रयास जारी हैं।
संभावित प्रभाव और जोखिम
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बाढ़ का खतरा
गेट लेवल के इतने करीब पानी पहुँचने से भारी बारिश या अचानक जलप्रवाह होने पर पानी का अचानक रिलीज़ होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ या जलभराव का जोखिम काफी बढ़ सकता है। -
बिजली वितरण
तेजी से बढ़ते जलस्तर का लाभ उठाते हुए हाइडल युनिट सक्रिय कर देने का मतलब है कि बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है—लेकिन यह एक संतुलन भरा काम है, क्योंकि पानी का सही समय पर प्रबंधन आवश्यक है। -
स्थानीय प्रशासन एवं नागरिकों की भूमिका
प्रशासन का अलर्ट जारी करना और EAP का प्रचार-प्रसार महत्वपूर्ण कदम हैं। साथ ही, स्थानीय लोगों का साथ और आपसी सचेतता भी इस स्थिति से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
निष्कर्ष
बरसात के इस मौसम में लगातार बढ़ते जलस्तर ने तिलैया डैम को सतर्कता की ऊँची सीमा पर ला खड़ा किया है। गेट लेवल के लगभग ढाई फीट नीचे पानी का पहुंचना, हाइडल यूनिट का संचालन, और बड़े इलाकों के लिए आपातष्च योजना के अनुरूप कार्यवाही इस स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं।
यह लेख दर्शाता है कि कैसे संवाद और सावधानी से भरी कार्यनीति के माध्यम से एक संभावित बड़े हादसे को टाला जा सकता है। प्रशासन, DVC और स्थानीय समुदाय का संयुक्त प्रयास इस चुनौती का मुकाबला करने में निर्णायक साबित हो सकता है।