UP News: योगी सरकार का 12 घंटे का महाअभियान, 14 नगर निगमों में चला बड़ा ऑपरेशन
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शहरी जीवन को अधिक व्यवस्थित और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को प्रदेश के 14 नगर निगमों में एक साथ 12 घंटे का महाअभियान चलाया गया। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक चले इस विशेष ऑपरेशन में नगर विकास विभाग की टीमें मैदान में उतरीं और सफाई, कर वसूली, अतिक्रमण हटाने तथा जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए।
यह पहली बार है जब प्रदेश स्तर पर इतने बड़े पैमाने पर एक ही दिन और एक ही समय में शहरी सुधार की पहल की गई। इस अभियान को लेकर सरकार का संदेश साफ है—यह केवल औपचारिकता नहीं बल्कि धरातल पर बदलाव लाने का प्रयास है।
किन 14 शहरों में चला महाअभियान?
इस राज्यव्यापी पहल का असर इन प्रमुख नगर निगमों में देखा गया:
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लखनऊ
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वाराणसी
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गोरखपुर
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कानपुर
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प्रयागराज
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मथुरा
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मेरठ
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गाजियाबाद
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झांसी
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बरेली
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अलीगढ़
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सहारनपुर
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अयोध्या
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नोएडा
सभी शहरों में स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की टीमें सुबह से ही सक्रिय हो गईं और नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए काम में जुट गईं।
शहरवार प्रमुख फोकस
🔹 लखनऊ – राजधानी में विशेष कर वसूली कैंप लगाए गए। बकाया कर चुकाने की सुविधा आसान की गई ताकि राजस्व संग्रह को मजबूत किया जा सके।
🔹 गोरखपुर और वाराणसी – कचरा प्रबंधन और नालियों की सफाई पर खास जोर रहा। जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए तेजी से कदम उठाए गए।
🔹 कानपुर और मेरठ – औद्योगिक शहर होने के कारण यहां सीवर और जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
🔹 नोएडा और गाजियाबाद – ट्रैफिक और शहरी अव्यवस्था पर नियंत्रण के लिए सड़कों पर अभियान चलाया गया।
🔹 प्रयागराज और अयोध्या – धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए यहां साफ-सफाई और अतिक्रमण हटाने को प्राथमिकता दी गई।
सीएम योगी का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह महाअभियान केवल दिखावा न होकर वास्तविक बदलाव का प्रतीक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि:
“नगर निकाय केवल टैक्स वसूली तक सीमित न रहें, बल्कि सड़क, बिजली, पानी और स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।”
यह संदेश न केवल अधिकारियों के लिए चेतावनी है बल्कि नागरिकों को यह भरोसा भी देता है कि सरकार उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए गंभीर है।
नागरिकों की भागीदारी
इस अभियान को केवल सरकारी पहल तक सीमित न रखकर नागरिकों को भी इसमें शामिल किया गया। जगह-जगह जागरूकता कैंप आयोजित किए गए, जिनमें लोगों से अपील की गई कि:
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शहर को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करें।
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बकाया टैक्स समय पर चुकाएं।
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नगर निगम की योजनाओं और गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करें।
इससे अभियान एक जन-आंदोलन का रूप लेता नजर आया।
विशेषज्ञों की राय
शहरी मामलों के जानकारों का मानना है कि पहली बार इतने बड़े पैमाने पर एक साथ 14 नगर निगमों में यह पहल दिखाई दी। यह सरकार की तेजी से शहरी सुधार की मंशा और कार्यशैली को दर्शाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह अभियान नियमित रूप से चलता रहा तो इसका दीर्घकालिक असर दिखेगा—
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शहरी जीवन अधिक व्यवस्थित होगा।
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नागरिकों का भरोसा बढ़ेगा।
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प्रशासन और जनता के बीच सहयोग मजबूत होगा।
आगे का रोडमैप
नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह एक पायलट मॉडल है। इसकी सफलता के बाद इसे अन्य नगर निगमों और नगर पालिकाओं में भी लागू किया जाएगा। इससे शहरी नागरिकों को लगातार बेहतर सेवाएं मिलेंगी और छोटे शहरों तक भी सुविधाएं पहुंचेंगी।
अधिकारियों के अनुसार, आने वाले समय में ऐसे अभियानों का दायरा बढ़ाया जाएगा, जिसमें—
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डिजिटल पेमेंट से टैक्स वसूली की सुविधा।
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स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम।
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सीवर और जल निकासी के लिए आधुनिक तकनीक।
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नागरिकों से जुड़ी शिकायतों के लिए त्वरित समाधान तंत्र शामिल होगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में चला यह 12 घंटे का महाअभियान योगी सरकार की सक्रियता और जमीनी कामकाज का मजबूत उदाहरण है। 14 नगर निगमों में एक साथ किए गए इस बड़े ऑपरेशन ने यह साबित किया है कि सरकार केवल योजनाएं बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें लागू करने और असर दिखाने में भी उतनी ही गंभीर है।
इस पहल से साफ हो गया है कि यूपी सरकार की प्राथमिकता बेहतर शहरी जीवन, पारदर्शी प्रशासन और जनता की भागीदारी है। अगर ऐसे प्रयास लगातार होते रहे, तो उत्तर प्रदेश के शहर देश के सबसे व्यवस्थित और आधुनिक शहरी क्षेत्रों में शामिल हो सकते हैं।