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29 Oct 2025, Wed

पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन: मांगों के लिए फिर सड़कों पर उतरे, भारी पुलिस बल तैनात

पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन: मांगों के लिए फिर सड़कों पर उतरे, भारी पुलिस बल तैनात

Bihar News: पटना में TRE-4 भर्ती परीक्षा को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों का विरोध तेज, भारी पुलिस बल तैनात

पटना, बिहार – राज्य में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया (TRE-4) को लेकर एक बार फिर राजधानी पटना में अभ्यर्थियों का विरोध उग्र हो गया है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में उम्मीदवार पटना कॉलेज से लेकर मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करते हुए मुख्य सड़कों पर उतर आए। अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य सरकार बार-बार वादे करती है, लेकिन समय पर भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं कर रही। इस कारण युवाओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है और प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।


अभ्यर्थियों की मुख्य शिकायतें

शिक्षक अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि बिहार में लाखों योग्य उम्मीदवार बेरोजगार हैं, लेकिन सरकार बहुत ही सीमित पदों पर ही भर्ती निकाल रही है। उनका कहना है कि यदि भर्ती के अवसर इतने कम होंगे, तो बेरोजगारी की समस्या और गंभीर हो जाएगी।

अभ्यर्थियों की नाराजगी का मुख्य कारण शिक्षा मंत्री के हालिया बयान को माना जा रहा है। पहले सरकार ने दावा किया था कि चौथे चरण में 1 लाख से अधिक पदों पर नियुक्ति की जाएगी। लेकिन शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने घोषणा की कि केवल 26 हजार से कुछ अधिक पद ही शामिल किए जाएंगे। इसी के बाद अभ्यर्थियों का विरोध तेज हो गया।


प्रदर्शन का स्वरूप

शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने पटना कॉलेज से मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर अपनी मांगों को जोर-शोर से रखा। उन्होंने कहा कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी और सीमित भर्ती से उनकी उम्मीदें टूट रही हैं।

प्रदर्शन के दौरान मुख्य मार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ और शहर में अफरा-तफरी का माहौल बना। कई मार्गों पर पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच तनाव देखने को मिला।


पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

राज्य प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए राजधानी में भारी पुलिस बल तैनात किया। जेपी गोलंबर, डाकबंगला चौराहा और मुख्यमंत्री आवास जाने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई। पुलिस अधिकारी खुद हालात की निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी तरह की अफरा-तफरी या हिंसा न हो।

सुरक्षा बलों को निर्देश दिए गए हैं कि स्थिति बिगड़ने पर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति है, लेकिन किसी भी तरह की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


TRE-4 परीक्षा की तारीख हुई घोषित

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि चौथे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा पूरी तरह पारदर्शी होगी। उन्होंने परीक्षा की तारीखें भी घोषित कर दी हैं। TRE-4 परीक्षा 16 से 19 दिसंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी और नतीजे 20 से 26 जनवरी 2026 के बीच जारी कर दिए जाएंगे।

मंत्री का कहना है कि इस बार की प्रक्रिया में भर्ती में किसी तरह की अनियमितता नहीं होगी और अभ्यर्थियों के सभी सवालों और चिंताओं को ध्यान में रखा जाएगा। हालांकि अभ्यर्थी इस बार भी परीक्षा की तारीखों और पदों की संख्या से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।


9 सितंबर का हिंसक विरोध

गौरतलब है कि इस वर्ष 9 सितंबर को भी अभ्यर्थियों ने सीएम आवास की ओर मार्च किया था। उस समय पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई थी। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस दौरान कई अभ्यर्थी घायल हुए और कुछ को हिरासत में लिया गया।

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, इसके बावजूद उनके साथ सख्ती की गई। इस अनुभव के बाद शुक्रवार को अभ्यर्थी और भी सतर्क थे, लेकिन उनका गुस्सा और नाराजगी कम नहीं हुई।


भविष्य की संभावनाएँ

शिक्षक अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो वे अगले हफ्ते और बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। इसके लिए पूरे राज्य से अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है।

विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षक भर्ती में देरी और सीमित पद केवल बेरोजगारी बढ़ाने का कारण नहीं बनते, बल्कि यह राज्य की शिक्षा प्रणाली और भविष्य की पीढ़ी के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। यदि समय पर सही कदम नहीं उठाए गए, तो यह आंदोलन और अधिक तेज और व्यापक हो सकता है।


निष्कर्ष

पटना में TRE-4 भर्ती परीक्षा को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों का यह विरोध न केवल उनके अधिकारों और भविष्य की नौकरी के लिए है, बल्कि यह बिहार की शिक्षा प्रणाली में सुधार और भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता की मांग को भी दर्शाता है। सरकार और प्रशासन के लिए यह समय की मांग है कि वे जल्द और प्रभावी कदम उठाएं।

स्थिर तथ्य:

  • स्थान: पटना, बिहार

  • मामला: TRE-4 शिक्षक भर्ती परीक्षा और पदों की संख्या

  • प्रदर्शन का स्वरूप: पटना कॉलेज से मुख्यमंत्री आवास तक मार्च

  • सुरक्षा व्यवस्था: भारी पुलिस बल, बैरिकेडिंग, जेपी गोलंबर और डाकबंगला चौराहा पर निगरानी

  • परीक्षा की तारीखें: 16-19 दिसंबर 2025

  • नतीजों की घोषणा: 20-26 जनवरी 2026

शिक्षक अभ्यर्थियों का यह आंदोलन यह स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार को भर्ती प्रक्रिया और पदों की संख्या में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करनी होगी। यही कदम बिहार की शिक्षा प्रणाली को स्थिर और गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिए आवश्यक हैं।

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