कौन-सी आदतें धीरे-धीरे अंगों को कर देती हैं खराब?
हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कई ऐसी आदतें शामिल होती हैं जिन्हें हम सामान्य मान लेते हैं। हमें लगता है कि उनका कोई बड़ा असर नहीं पड़ता, लेकिन धीरे-धीरे यही छोटी-छोटी आदतें हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करने लगती हैं। हाल ही में ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनन वोरा ने कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताया है जो समय के साथ शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
आज की व्यस्त जीवनशैली, असंतुलित भोजन और तनाव भरे माहौल ने हमारी दिनचर्या को इस तरह से प्रभावित कर दिया है कि हम अपनी सेहत की ओर ध्यान ही नहीं दे पाते। यही कारण है कि शरीर के अंग समय से पहले कमजोर होने लगते हैं और कई बार गंभीर बीमारियों की जड़ बन जाते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कौन-सी आदतें हमारे लिए धीरे-धीरे हानिकारक साबित हो सकती हैं और उनसे बचने के क्या उपाय हैं।
1. मुंह से सांस लेना
अक्सर लोग नाक बंद होने पर या नींद में मुंह से सांस लेने लगते हैं। यह आदत लंबे समय तक बनी रहे तो फेफड़ों की कार्यक्षमता पर असर डालती है। मुंह से सांस लेने पर फेफड़ों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे शरीर थकान, कमजोरी और नींद न आने जैसी समस्याओं का शिकार हो जाता है। साथ ही, यह आदत बच्चों में दांतों और चेहरे की संरचना पर भी असर डालती है।
2. आंखें मसलना
बहुत से लोग थकान या नींद आने पर आंखें जोर से मसलते हैं। डॉक्टरों के अनुसार यह आदत कॉर्निया को नुकसान पहुंचाती है। लंबे समय तक आंखें मसलने से कॉर्नियल डैमेज हो सकता है और दृष्टि कमजोर होने लगती है। इसके अलावा, गंदे हाथों से आंखें मलने पर इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
3. ओवरईटिंग और जल्दी-जल्दी खाना
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर खाने के दौरान जल्दी-जल्दी निगलने की आदत डाल लेते हैं। इससे पाचनतंत्र पर नकारात्मक असर पड़ता है। ओवरईटिंग यानी जरूरत से ज्यादा खाना पेट और आंतों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। इसी तरह देर रात हेवी मील लेने से लिवर पर दबाव बढ़ता है। धीरे-धीरे यह आदतें मोटापा, एसिडिटी और लिवर से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
4. मल्टीटास्किंग की आदत
आज की डिजिटल दुनिया में लोग एक ही समय पर कई काम करने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए, खाना खाते समय मोबाइल देखना, ऑफिस का काम करते हुए टीवी सुनना आदि। इसे हम मल्टीटास्किंग कहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार लगातार मल्टीटास्किंग करने से ब्रेन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दिमाग को आराम नहीं मिलता, जिससे एकाग्रता और याददाश्त कमजोर होने लगती है। लंबे समय में यह मानसिक तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
5. तेज़ संगीत सुनना
संगीत सुनना मन को सुकून देने वाला होता है, लेकिन जब यह तेज़ आवाज़ में सुना जाए तो कानों की सुनने की क्षमता पर बुरा असर डालता है। लंबे समय तक हेडफोन या इयरफोन में तेज आवाज़ सुनने से कान के नाज़ुक हिस्से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, जिससे सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है।
इन आदतों के अलावा भी कई कारण हैं जो शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं
ऊपर बताई गई आदतों के अलावा, हमारी कुछ और जीवनशैली से जुड़ी गलतियां भी अंगों के स्वास्थ्य पर असर डालती हैं:
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तनाव और लंबे समय तक डेस्क पर बैठना – तनाव शरीर की कई बीमारियों की जड़ है। लंबे समय तक ऑफिस डेस्क पर बैठे रहना हड्डियों और रीढ़ की हड्डी को कमजोर करता है।
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जंक फूड का सेवन – तैलीय और प्रोसेस्ड फूड लिवर, हृदय और किडनी पर असर डालता है।
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शारीरिक गतिविधि की कमी – व्यायाम न करने से शरीर में सुस्ती, मोटापा और मांसपेशियों की कमजोरी आती है।
अंगों को स्वस्थ रखने के उपाय
डॉ. मनन वोरा और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हम अपनी रोजमर्रा की आदतों में सुधार लाएं तो शरीर लंबे समय तक स्वस्थ रह सकता है।
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पर्याप्त नींद लें – हर व्यक्ति को रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
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नियमित व्यायाम करें – हल्की दौड़, योग और स्ट्रेचिंग शरीर को सक्रिय रखते हैं।
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संतुलित आहार लें – हरी सब्जियां, फल और घर का बना खाना लिवर और आंतों के लिए बेहतर है।
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ध्यान और मेडिटेशन करें – यह मानसिक शांति प्रदान करता है और दिमाग को रिफ्रेश रखता है।
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हेल्दी रूटीन अपनाएं – देर रात भारी भोजन से बचें और समय पर खाना खाएं।
निष्कर्ष
कहावत है कि “बीमारी से बचाव इलाज से बेहतर है।” आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अकसर छोटी-छोटी आदतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन यही आदतें धीरे-धीरे हमारे फेफड़ों, आंखों, लिवर, दिमाग और कानों पर गंभीर असर डाल सकती हैं। समय रहते अगर हम अपनी लाइफस्टाइल और आदतों पर ध्यान दें, तो कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
स्वस्थ शरीर और शांत मन जीवन की सबसे बड़ी पूंजी हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी आदतों में छोटे-छोटे बदलाव करके उन्हें हेल्दी आदतों में बदलें। यही बदलाव हमें न केवल लंबी उम्र देगा बल्कि जीवन को खुशहाल और ऊर्जा से भरपूर भी बनाएगा।
