अमरीक सुखदेव ढाबा: बिना प्रचार के भी ₹100 करोड़ की सालाना कमाई, जानिए इस ढाबे की सफलता की पूरी कहानी
📍 लोकेशन: मुरथल, हरियाणा
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ढाबा जो बना बिजनेस आइकॉन:
हरियाणा के मुरथल में स्थित अमरीक सुखदेव ढाबा किसी पहचान का मोहताज नहीं है। दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे (NH-44) पर सफर करने वाले हर यात्री के लिए यह ढाबा एक जरूरी ठहराव बन चुका है। खास बात यह है कि यह ढाबा बिना किसी प्रचार और विज्ञापन के हर महीने करीब ₹8 करोड़ और सालाना ₹100 करोड़ की कमाई करता है।
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इतिहास और शुरुआत:
अमरीक सुखदेव ढाबा की स्थापना 1956 में स्व. अमरीक सिंह ने की थी। उन्होंने सादे खाने और ईमानदार सेवा के साथ इसे शुरू किया था। बाद में उनके बेटे सुखदेव सिंह और अब नई पीढ़ी – खासतौर पर रॉकी सामगु कैपिटल इसे और ऊंचाई तक ले गए।
रॉकी के अनुसार, इस ढाबे की सफलता का रहस्य उसकी क्वालिटी, साफ-सफाई, और कस्टमर एक्सपीरियंस में है।
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प्रति दिन 10,000 ग्राहक, फिर भी लाइन में लगते हैं लोग:
यह ढाबा प्रतिदिन 5,000 से 10,000 ग्राहकों को सर्व करता है। छुट्टियों या वीकेंड पर यह संख्या इससे भी ज्यादा हो जाती है। यहाँ पराठे, लस्सी, मिक्स वेज, छोले-भटूरे और देसी घी से बने पंजाबी व्यंजन बेहद मशहूर हैं।
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500 से अधिक कर्मचारियों की टीम:
ढाबे को इतने बड़े स्तर पर सुचारू रूप से चलाने के लिए करीब 500 कर्मचारी दिन-रात सेवा में लगे रहते हैं। स्टाफ को प्रोफेशनल ट्रेनिंग, यूनिफॉर्म, हाइजीन प्रोटोकॉल जैसे स्टैंडर्ड के साथ रखा गया है, जो किसी फाइव स्टार होटल जैसा अनुभव देता है।
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बिजनेस मॉडल जिसने सबको चौंकाया:
अमरीक सुखदेव ढाबा का कोई बड़ा सोशल मीडिया प्रचार, टीवी ऐड या सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट नहीं है। फिर भी यह ब्रांड इतना मजबूत है कि ग्राहक खुद इसके प्रचारक बन चुके हैं।
लोकेशन फायदेमंद: दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच ट्रैफिक वाला हाइवे
टारगेट ऑडियंस: फैमिली, ट्रक ड्राइवर, टूरिस्ट, स्टूडेंट्स
फोकस: स्वाद, सफाई और स्पीड
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क्या सीखा जा सकता है इस मॉडल से?
1. क्वालिटी प्रोडक्ट और कस्टमर सैटिस्फैक्शन सबसे बड़ा मार्केटिंग है।
2. स्थान (Location) और पहुंच (Accessibility) का सही उपयोग करो।
3. बिना डिजिटल मार्केटिंग के भी ब्रांड बन सकता है – अगर सर्विस में दम हो।
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भविष्य की योजना:
रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाले समय में अमरीक सुखदेव ढाबा फ्रैंचाइज़ी मॉडल पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही ऑनलाइन फूड डिलीवरी, फूड मॉल और पंजाबी थीम रेस्टोरेंट की भी योजना है।
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निष्कर्ष:
अमरीक सुखदेव ढाबा एक मिसाल है कि जब मेहनत, गुणवत्ता और कस्टमर केयर की भावना हो तो प्रचार की जरूरत नहीं पड़ती। यह ढाबा सिर्फ खाना नहीं परोसता, बल्कि हर यात्री को घर जैसा अनुभव देता है।
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अगर आप दिल्ली से चंडीगढ़ जा रहे हैं, तो अगली बार अमरीक सुखदेव ढाबा पर रुकना न भूलें – स्वाद और सेवा दोनों यादगार मिलेंगे।
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