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23 Jul 2025, Wed

NEET UG 2025: MBBS और PG के इच्छुक छात्रों को झटका, इस साल नहीं बढ़ेंगी मेडिकल सीटें – NMC का बड़ा फैसला

NEET UG 2025

NEET UG 2025: MBBS और PG के इच्छुक छात्रों को झटका, इस साल नहीं बढ़ेंगी मेडिकल सीटें – NMC का बड़ा फैसला

NEET UG 2025: मेडिकल छात्रों को तगड़ा झटका, NMC ने MBBS और PG सीटों में बढ़ोतरी पर लगाई रोक, 1300 करोड़ के घोटाले के बाद बड़ा फैसला

नई दिल्ली: NEET UG 2025 की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने घोषणा की कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए MBBS और PG की सीटों में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। इस फैसले के बाद मेडिकल की पढ़ाई का सपना संजोने वाले छात्रों की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं।

जहां एक ओर हर साल मेडिकल सीटों में इज़ाफे की उम्मीद की जाती रही है, वहीं इस साल NMC ने नए मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने, मौजूदा कॉलेजों की सीटें बढ़ाने और रिन्यूअल मंजूरी देने की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी है।


📌 1300 करोड़ के मेडिकल कॉलेज घोटाले से जुड़े फैसले की पृष्ठभूमि

NMC का यह सख्त फैसला ऐसे समय में आया है जब हाल ही में देश के चिकित्सा क्षेत्र में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हुआ है। CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने मेडिकल कॉलेजों से जुड़ी 1300 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी का पर्दाफाश किया है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी, पांच डॉक्टर और कुल 34 लोग आरोपी बनाए गए हैं।

CBI की जांच में सामने आया है कि देशभर के 40 से अधिक मेडिकल कॉलेजों ने फर्जी दस्तावेज, झूठी निरीक्षण रिपोर्ट और हवाला के ज़रिए रिश्वत देकर मेडिकल शिक्षा की मान्यता प्राप्त की थी। बिचौलियों का एक संगठित नेटवर्क इस घोटाले को अंजाम दे रहा था। इस खुलासे के बाद, NMC ने सभी प्रस्तावों पर रोक लगाकर मेडिकल शिक्षा में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है।


🎓 छात्रों पर सीधा असर – सीमित सीटें और बढ़ती प्रतिस्पर्धा

इस फैसले का सीधा असर NEET UG 2025 और NEET PG 2025 की तैयारी कर रहे छात्रों पर पड़ेगा। पहले ही देशभर में MBBS और PG सीटों की संख्या, मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तुलना में बेहद कम है। हर साल लगभग 20 लाख छात्र NEET UG में बैठते हैं, लेकिन सरकारी और निजी कॉलेजों में कुल MBBS सीटें लगभग 1 लाख के आसपास ही होती हैं।

अब जब सीटों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, तो:

  • कटऑफ और अधिक बढ़ने की संभावना है।

  • ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए सीट पाना और भी कठिन हो जाएगा।

  • निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस आम छात्रों की पहुंच से बाहर है, जिससे विदेश में मेडिकल पढ़ाई का विकल्प कुछ छात्रों के लिए मजबूरी बन सकता है।


📣 विशेषज्ञों की राय – ज़रूरी लेकिन समय अनुचित

मेडिकल शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि NMC का यह कदम दीर्घकालिक रूप से सही दिशा में है, क्योंकि इससे सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। मान्यता की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और केवल उन्हीं कॉलेजों को मान्यता मिलेगी जो छात्रों को गुणवत्ता वाली मेडिकल शिक्षा देने में सक्षम हैं।

लेकिन साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस फैसले की टाइमिंग छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकती है। लाखों छात्र पहले ही नीट की तैयारी में वर्षों से जुटे हैं और अब जब सीटें स्थिर रहेंगी, तो चयन और भी मुश्किल हो जाएगा।


🏥 सरकारी कदम और आगे की राह

NMC की ओर से अब तक इस बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं जारी किए गए हैं कि यह रोक कब तक लागू रहेगी। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक आयोग पहले मौजूदा कॉलेजों के बुनियादी ढांचे, फैकल्टी की स्थिति और निरीक्षण प्रक्रिया की समीक्षा करेगा। इसके बाद ही सीटों में वृद्धि या नए कॉलेजों को मान्यता देने पर विचार किया जाएगा।

छात्रों और अभिभावकों की ओर से सोशल मीडिया पर लगातार यह मांग उठ रही है कि सरकार इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करे और अस्थायी समाधान या वैकल्पिक व्यवस्था लागू करे, जिससे छात्रों के करियर पर इसका गहरा असर न पड़े।


🔍 निष्कर्ष: पारदर्शिता बनाम छात्र हित – संतुलन जरूरी

NEET UG 2025 की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह समय बेहद संवेदनशील है। एक तरफ शिक्षा में गुणवत्ता और पारदर्शिता लाने की आवश्यकता है, तो दूसरी तरफ लाखों छात्रों की मेहनत, उम्मीदें और भविष्य दांव पर है।

सरकार और NMC को चाहिए कि वह सुधार और छात्रों के हितों के बीच एक संतुलन बनाते हुए काम करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाओं के कारण योग्य छात्रों का भविष्य अंधकार में न चला जाए।

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