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22 Jul 2025, Tue

“पलामू में जहरीले सांप का कहर: एक ही परिवार के दो मासूमों समेत 4 की दर्दनाक मौत, गांव में दहशत”

पलामू में जहरीले सांप का कहर

पलामू में जहरीले सांप का कहर: एक ही परिवार के दो मासूमों समेत 4 की दर्दनाक मौत, गांव में दहशत

झारखंड के पलामू ज़िले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहाँ जहरीले सांप के डसने से चार लोगों की जान चली गई। सबसे दुखद पहलू यह है कि मृतकों में एक ही परिवार के दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। यह घटना न सिर्फ पीड़ित परिवार बल्कि पूरे गांव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। गाँव में दहशत का माहौल है और लोग अब अंधेरे में बाहर निकलने से डरने लगे हैं।

घटना का विवरण

यह दुखद घटना पलामू जिले के एक छोटे से गांव में हुई, जहाँ लगातार बारिश के चलते सांपों के बाहर निकलने की घटनाएं बढ़ गई हैं। बताया जा रहा है कि रात के समय जब परिवार गहरी नींद में सोया था, तभी एक जहरीला सांप घर में घुस गया और चार लोगों को डंस लिया।

सांप के काटने से सबसे पहले दो मासूम बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। उन्हें तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके कुछ ही घंटे बाद, दो अन्य वयस्क सदस्यों की भी मौत हो गई। गाँव वालों का कहना है कि अगर समय रहते ज़हरीले जानवरों से निपटने के इंतज़ाम होते, तो शायद इन जिंदगियों को बचाया जा सकता था।

गांव में डर का माहौल

इस घटना के बाद से गाँव में गहरा डर बैठ गया है। बच्चे रात में सोने से डर रहे हैं और बुजुर्ग लोग भी जाग-जाग कर रातें काट रहे हैं। कई परिवारों ने अपने घरों में नीम की पत्तियाँ और मिट्टी का तेल जलाकर सांपों को भगाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।

गांव के एक बुजुर्ग निवासी का कहना है, “ऐसा पहले भी हुआ है, लेकिन एक ही रात में चार लोगों की जान चली जाए, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और डरावना है। सरकार को गांव में साँप-रोधी इंतज़ाम करने चाहिए।”

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर सवाल

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ज़िला अस्पताल में समय पर एंटी-वेनम (सांप के ज़हर की दवा) नहीं मिली। इसके चलते चारों पीड़ितों की जान नहीं बचाई जा सकी।

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अब गांव में मेडिकल टीम भेजने की बात कही जा रही है, लेकिन यह कदम घटना के बाद उठाया जा रहा है, जो कि आमतौर पर हमारी व्यवस्थाओं की सुस्त प्रतिक्रिया को दर्शाता है।

सांप के डसने की घटनाओं में बढ़ोतरी

गौरतलब है कि मानसून के मौसम में सांपों के बिलों में पानी भर जाने के कारण वे सूखी और सुरक्षित जगहों की तलाश में घरों में घुस आते हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में सांप के काटने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ, सरकारी स्तर पर भी सतर्कता बरतने की ज़रूरत है।

समाधान की ओर कदम

  • जागरूकता अभियान: ग्रामीण क्षेत्रों में सांपों से बचाव और प्राथमिक उपचार के बारे में जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है।

  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारी: एंटी-वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

  • घरों की सुरक्षा: ग्रामीणों को अपने घरों को सांपों से सुरक्षित रखने के उपाय सिखाए जाने चाहिए जैसे दरवाज़ों की दरारों को बंद करना, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना, और फर्श पर न सोना।

अंतिम विचार

इस दुखद घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि हम प्राकृतिक खतरों के सामने कितने असहाय हो सकते हैं, खासकर तब जब हमारी तैयारियाँ अधूरी हों। चार निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें दो मासूम बच्चे थे। यह एक चेतावनी है, न सिर्फ प्रशासन के लिए, बल्कि हम सबके लिए, कि समय रहते जागरूकता और तैयारी ही ऐसी त्रासदियों को रोक सकती है।

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